कितना कारगर केजरीवाल सरकार का ‘ऑक्सीमीटर प्लान’

आम आदमी पार्टी का दावा दिल्ली के बाद देश के 30,000 गांवों में भी उपलब्ध कराएंगे ऑक्सीमीटर .

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दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा कोरोना अब दूर-दराज के गांवों को भी अपनी जद में ले रहा है. दूसरी तरफ साहस बढ़ाने वाली ख़बर ये है कि बीते कुछ हफ्तों में दिल्ली में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बहुत कम हुई है. रिकवर होने वालों का आंकड़ा 90 फीसदी के आस पास पहुंच गया है. कोरोना से निपटने और लोगों को जागरूक करने के लिए दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने एक नई पहल की है. इसके तहत पार्टी ने गांवों में ऑक्सीमीटर केंद्र खोलने की पहल की है. आम आदमी पार्टी का दावा है कि दिल्ली के बाद देश के 30,000 गांवों में भी ऑक्सीमीटर उपलब्ध कराएंगे. इससे गांव के लोगों में ऑक्सिजन की जांच की जाएगी और वे कोरोना के संभावित खतरे से अपना जरूरी बचाव और एहतियात बरत सकेंगे.

पार्टी के मुताबिक, इसका उद्देश्य दूर-दराज के गांवों में कोरोना जांच केंद्र का न होना, इसकी सुविधाओं का अभाव या इनके नतीजों में देरी होना शामिल है. ऑक्सीमीटर से मरीज का ऑक्सिजन लेवल जांच कर मरीज की वास्तविक स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकेगा और उसी के मुताबिक मरीजों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में ले जाकर जरूरत के मुताबिक इलाज किया जा सकेगा. कोरोना के मरीज को सबसे ज्यादा परेशानी ऑक्सिजन की ही होती है तो ऑक्सीमीटर से इस बीमारी को शुरुआती चरणों में ही पता लगाने में मदद मिल सकती है.

इसके लिए पार्टी गांवों में एक 'ऑक्सिजन जांच केंद्र' खोलेगी और उस पर एक व्यक्ति की नियुक्ति करेगी जिसे 'ऑक्सी मित्र' का नाम दिया जाएगा. यह 'ऑक्सी मित्र' पूरे गांव के लोगों की 'ऑक्सिजन की जांच करेगा. इस 'ऑक्सी मित्र' की नियुक्ति करने से पहले उसे प्रशिक्षित भी किया जाएगा.पूरे गांव को उसके बारे में सूचित कर दिया जाएगा कि अगर किसी को बुखार, खांसी या सांस संबंधी कोई तकलीफ हो तो वह सूचित करे. इस पर 'ऑक्सी मित्र' उनके घर जाकर उनकी 'ऑक्सिजन की जांच करेगा.

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आम आदमी पार्टी का पोस्टर

15 अगस्त 2020 को देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजकऔर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आप कार्यकर्ताओं और देश के सभी लोगों से इस बारे में अपील करते हुए कहा था, “आज मेरी आम आदमी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से, समर्थकों से अपील है कि कोरोना महामारी के इस कठिन वक्त में अपने-अपने गांव और इलाकों में 'ऑक्सिजन जांच केंद्र' खोलने की जिम्मेदारी लें और लोगों की जान बचाएं. जो लोग ऑक्सीमीटर दान कर सकते हैं, वो ज़्यादा से ज़्यादा ऑक्सीमीटर आप पार्टी को दान करें. जिन गांवों में लोग जिम्मेदारी लेने को तैयार होंगे, हम वहां ये आक्सीमीटर पहुंचा देंगे.”

केजरीवाल ने कहा, “ज्यादा से ज्यादा गांवों के अंदर एक-एक व्यक्ति को एक ऑक्सीमीटर देकर उस गांव की जिम्मेदारी ले ली जाए. इसमें क्या हिदायत बरतनी हैं वह सारी ट्रेनिंग हम देंगे. जैसे कि ऑक्सीमीटर कैसे सैनेटाइज करना है, खुद को कैसे बचाना है आदि. और ये निजी स्तर पर समाज की तरफ से है इसमें कोई सरकारी हस्तक्षेप नहीं है.”

इसके अलावा 16 अगस्त को अपने जन्मदिन पर भी अरविंद केजरीवाल ने इस बार जन्मदिन सादगी से मनाने का फैसला किया. लेकिन अपने सभी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से जन्मदिन गिफ्ट के तौर पर ऑक्सीमीटर दान करने की अपील की. मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं जन्मदिन नहीं मना रहा हूं. इसलिए आप लोगों को केक नहीं खिलाऊंगा, लेकिन आप लोगों से मुझे गिफ्ट चाहिए. और वह गिफ्ट यही है कि जो लोग जितने ऑक्सीमीटर आम आदमी पार्टी को दान कर सकते हैं, दान करें.”

इसके बाद अरविंद केजरीवाल को ऑक्सीमीटर दान करने के लिए कई लोग आगे आए. इनमें आम आदमी पार्टी के समर्थक सहित, सरकार के विधायक, मंत्रियों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया.

जिस कारण जन्मदिन वाले दिन ही आम आदमी पार्टी को लगभग 30,000 ऑक्सीमीटर प्राप्त हो गए.इससे मुख्यमंत्री काफी खुश नजर आए और उन्होंने खुद ट्वीट कर ये जानकारी दी और साथ ही डोनर्स का शुक्रिया भी अदा किया.

केजरीवाल ने लिखा, “मेरी 52 साल की ज़िंदगी में अभी तक का सबसे शानदार बर्थडे गिफ़्ट है ये. सबका बहुत बहुत शुक्रिया. और लोग भी ऑक्सीमीटर गिफ़्ट देते रहें ताकि हम और ज़्यादा से ज़्यादा गांवों तक पहुंच सकें. हमें कोशिश करके ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की जान बचानी है.”

ऑक्सीमीटर

ऑक्सीमीटर की अगर बात की जाए तो यह एक छोटे से डिवाइस का नाम है जो खून में ऑक्सीजन लेवल की जानकारी देता है. डिवाइस में लगा सेंसर खून में ऑक्सीजन के जरा से बदलाव को भी डिजिटल स्क्रीन पर दिखा देता है.इसके लिएइस छोटी सी डिवाइस को उंगली में क्लिप की तरह फंसाया जाता है. मरीज को यह डिवाइस ऑन करने के बाद अपनी उंगली इस डिवाइस के अंदर करीब 6 से 12 सेकंड्स तक रखनी होती है.इसके बाद इसमें लगा सेंसर खून में ऑक्सीजन के प्रवाह की जानकारी दे देता है.

इस तरह यह व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का स्तर बताता है. कोरोना में एक सबसे बड़ी समस्या सांस लेने में तकलीफ की होती है. बहुत से मामलों में देखा गया है कि सांस लेने में तकलीफ ज्यादा हो जाने पर व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है. पल्स ऑक्सीमीटर शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बतात है. अगर मात्रा 95 से ऊपर है तो व्यक्ति ठीक माना जा सकता है और अगर 90 से नीचे है तो स्थिति चिंताजनक मानी जाती है. इस प्रकार उसी हिसाब से व्यक्ति को अस्पताल जाने के लिए कहा जा सकता है. कोरोना में ऑक्सीमीटर को एक तरह से थर्मामीटर जैसा भी माना जा सकता है.

अगर दिल्ली में कोरोना की बात करें तो यहां कोरोना को रोकने में दिल्ली सरकार ने काफी अच्छा काम किया है. यही कारण है कि वर्तमान में दिल्ली में कोरोना का रिकवरी रेट 90% से आस-पास चल रहा है. अब दिल्ली में 1200 से 1600 केस रोज़ाना दर्ज किए जा रहे हैं जो जून के आख़िरी हफ़्ते की तुलना में आधे से भी कम हैं. क्योंकि जून के अंतिम सप्ताह में हर दिन औसतन 3000 से अधिक केस दर्ज किए गए थे.

इसमें गिरावट में ऑक्सीमीटर का काफी अहम योगदान माना जा रहा है. पिछले दिनों दिल्ली में कोरोना की स्थिति पर बोलते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कोरोना की लड़ाई में ऑक्सिमीटर के योगदान की तारीफ की थी.

दिल्ली सरकार दिल्ली में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को भी यह पल्स ऑक्सीमीटर मुहैया कराती है जिससे वह घर पर रहते हुए अपने शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को नापते रहें और जरूरत पड़ने पर या तो ऑक्सीजन सिलेंडर ही घर पर मंगा लें या फिर अस्पताल में जाकर एडमिट हो जाएं. अब अरविंद केजरीवाल ने पल्स ऑक्सीमीटर पूरे देश में पहुंचाने का फैसला किया है.दिल्ली में यह 'सुरक्षा कवच' के नाम से लोगों के बीच पहुंचाया गया था.

आम आदमी पार्टी के इस निर्णय पर और अधिक जानकारी के लिए हमने पार्टी के विधायक और प्रवक्ता सौरभ भारदवाज और राघव चड्ढ़ा को फोन किया.

सौरभ ने जहां हमारा फोन रिसीव नहीं किया तो वहीं राघव ने हमेशा की तरह रटा-रटाया जवाब देते हुए कहा कि मैं अभी मीटिंग में जा रहा हूं और वहां बात करके आपको इस बारे में जानकारी दे दूंगा. जब हमने थोड़ा जोर देकर कहा कि आप कोई सुटेबल टाइम बता दीजिए, जब हम दोबारा कॉल कर सकें. तो राघव ने फिर वही दोहराया कि मीटिंग के बाद मैं आपको बता दूंगा.

हालांकि हमारी स्टोरी पब्लिश होने तक लगभग 24 घंटे गुजर जाने के बाद भी राघव की तरफ से इस बारे में कोई जानकारी हमें नहीं मिल पाई थी.

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता को भी हमने केजरीवाल सरकार के इस फैसले पर उनकी राय जानने के लिए फोन किया तो उनके सहयोगी ने भी मीटिंग का हवाला देकर हमें बाद में बात करने को बोल दिया.

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