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सहमति का साक्षात्कार? ज़ी न्यूज़ पर सुधीर चौधरी और अमित शाह
27 नवंबर को ज़ी न्यूज़ ने अहमदाबाद में चुनाव पर विशेष कार्यक्रम “गेम ऑफ गुजरात” का आयोजन किया. इस कार्यक्रम का मकसद दर्शकों को चुनावी राज्य गुजरात की “वास्तविक” राजनीति को बताना था.
चैनल ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, रेल मंत्री पियूष गोयल, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, पूर्व गुजरात मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बागी शंकर सिंह बाघेला, ओबीसी नेता अल्पेश ठाकुर और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल सहित कई नेताओं का “एक्सक्लूसिव इंटरव्यू” किया.
हालांकि नेताओं की लंबी फेहरिस्त में- जिनमें ज्यादातर नेता भाजपा से थे- ज़ी न्यूज़ ने कांग्रेस के सिर्फ चार प्रतिनिधियों को ही आमंत्रित किया. इनमें प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया शामिल थे. (कांग्रेस परिवार से कोई भी उपस्थित नहीं था)
दूसरे मेहमानों पर बहुत गौर न करें, प्राइम टाइम शो के स्टार रहे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, “महारथी, बाजीगर, शहंशाह”. जी हां ज़ी न्यूज़ ने उनके लिए इन्हीं शब्दों का इस्तेमाल किया.
यहां आप यह पूछ सकते हैं कि चैनल के सुपर स्टार एंकर सुधीर चौधरी भाजपा के चाणक्य का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू लेकर भी कोई चर्चा क्यों नहीं बटोर सके- इका एक जवाब हो सकता है कि सुधीर चौधरी ने इस विशेष कार्यक्रम में गंभीर और तीखे प्रश्न पूछे ही नहीं.
सुधीर चौधरी और अमित शाह की जोड़ी ने राहुल गांधी की संभावित कांग्रेस अध्यक्षता, उनके ‘विदेशी’ सोशल मीडिया फॉलोविंग और प्रचार की रणनीति पर सवाल पूछे, लेकिन द वायर और शाह के बेटे जय शाह, सीबीआई जज लोया की मौत पर नई आशंकाओं, गुजरात में सरकार विरोधी माहौल, दलितों के भूमि अधिकार और जाति आधारित हिंसा पर कोई सवाल नहीं किया.
इनकी बजाय सुधीर चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष के बीच ‘विशिष्ट’ रिश्ते और अमित शाह उनकी अपेक्षाओं को कैसे “झेल पाते हैं”- जैसे कुछ “अति गंभीर प्रश्न” उठाए.
यहां हमने ज़ी न्यूज़ के विषेश कवरेज की कुछ झलकियां लगाई हैं:
हाल के दिनों में शाह का इंटरव्यू लेने वाला ज़ी न्यूज़ इकलौता टीवी चैनल नहीं है. अक्टूबर में, आजतक ने पंचायत गुजरात का आयोजन किया था जहां इंडिया टुडे के राहुल कंवल ने शाह का इंटरव्यू किया. जहां सुधीर चौधरी ने सवालों से दूरी बनाई, कंवल ने अवसर का फायदा उठाते हुए शाह के बेटे से संबंधित वित्तीय अनियमितताएं, गुजरात में सरकार के खिलाफ माहौल, पाटीदार वोटरों में असंतोष, गोरखपुर में बच्चों की मौत, दलित अधिकारों और नोटबंदी और जीएसटी के बाद व्यापारियों को हुई परेशानियों से जुड़े सवाल पूछे थे.
तो, सवाल-जवाब के इस सेशन के बाद जवाब तो कम मिले, एक बड़ा सवाल जरूर अनुत्तरित हवाओं में घूम रहा है ज़ी न्यूज़ और सुधीर चौधरी अपने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में महत्वपूर्ण प्रश्नों से क्यों बचते रहे?
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