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ज़फ़रयाब जिलानी : ‘हम सुप्रीम कोर्ट के सामने उसके फैसले की खामियों को रखना चाहते हैं’

इसबार चर्चा में अतुल चौरसिया ने बाबरी मस्जिद-रामजन्म भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले और उसपर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा पुनर्विचार याचिका दायर करने की तैयारी को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव ज़फ़रयाब जिलानी से बातचीत की है.

ज़फ़रयाब जिलानी वो पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने इस मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की बात कही थी. हालांकि अभी तक ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपनी तरफ से पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं की है. उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में वो अपनी याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगा.

इस बीच मुस्लिम पक्ष की तरफ से एक अन्य पुनर्विचार याचिका जमीयत उलेमा ए हिंद के सदर अरशद मदनी की तरफ अधिवक्ता अरशद रशीदी ने दाखिल कर दिया है.

ज़फ़रयाब जिलानी का कहना है, ‘‘हम इस मामले में कोर्ट के सामने कोई नया तथ्य या कोई नया सबूत नहीं रखने वाले है. हम कोर्ट के फैसले में जो विसंगतियां हैं या फिर जिनकी ठीक से व्याख्या नहीं की गई है उसपर सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार करने के लिए कहेंगे. हमारा मानना है कि इस फैसले में कई ऐसी बातें हैं जो मूल फैसले से विरोधाभास पैदा करती हैं.’’