Newslaundry Hindi
एनएल चर्चा 99: देविंदर सिंह, शाहीन बाग, चंद्रशेखर आजाद और अन्य
न्यूज़लॉन्ड्री चर्चा के 99वें संस्करण में चर्चा का मुख्य विषय रहा जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा अपने ही एक डिप्टी एसपी देविंदर सिंह की तीन आतंकियों के साथ गिरफ्तारी. इसके अलावा जेएनयू हिंसा से जुड़े मामले पर इंडिया टुडे का स्टिंग ऑपरेशन और हिंसा की योजना बनाने के लिए इस्तेमाल में लाया गया व्हाट्सएप ग्रुप पर न्यायालय द्वारा जांच का फैसला, भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आज़ाद की ज़मानत के मामले पर कोर्ट द्वारा विपक्ष के वकील को लगाई गई फटकार, दिल्ली के शाहीन बाग़ में जारी महिलाओं का विरोध प्रदर्शन आदि पर चर्चा हुई.
इस सप्ताह चर्चा में स्वतंत्र पत्रकार राहुल कोटियाल और न्यूज़लॉन्ड्री के स्तंभकार आनंद वर्धन शामिल रहे. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा की शुरुआत अतुल ने देविंदर सिंह की गिरफ्तारी के मसले से की. उन्होंने पूछा कि, “देविन्दर सिंह को लेकर मिली-जुली जानकारियां सामने आ रही है. जिस तरह से पुलिस ने उन्हें पकड़ा उससे ऐसा लग रहा है कि कोई पुलिस वाला भ्रष्ट होकर आतंकियों से जा मिला. लेकिन इस मामले में बात यहां तक सीमित नहीं लगती. लोग मान रहे हैं कि इस मामले में और भी कुछ चीज़ें चल रहीं थी. क्या लगता है देविंदर सिंह का मामला सिर्फ़ एक भ्रष्ट पुलिस वाले का मामला है या यह उससे आगे की बात है?”
इस सवाल के जवाब में राहुल कहते हैं, “नहीं, यह उससे कहीं आगे की बात है. क्योंकि भारत में जहां भी हमारी खुफिया एजेंसियां सबसे ज्यादा सक्रिय है, जहां सबसे ज्यादा आर्मी की तैनाती है कश्मीर उन स्थानों में से एक है. ऐसी स्थिति में इतनी बड़ी चूक हो जाना बिलकुल हल्के में नहीं ली जा सकती. दूसरी बात देविंदर सिंह की जहां तैनाती थी वो अपने आप में महत्वपूर्ण है. उनकी तैनाती हवाई अड्डे के “एंटी हाइजैक यूनिट” में थी जहां से उनकी गिरफ्तारी हुई.”
राहुल पुलवामा में आतंकी हमले और कश्मीर से 370 हटाए जाने के बाद से वहां के लोगो में जिस तरह के भाव हैं, वहां जिस तरह के खतरे हैं और घुसपैठ की जितनी बातें आ रही हैं उन पर चिंता जताते हुए आगे अपनी बात रखते हैं, “इतना सब कुछ होने के बाद ये मामला कितने गंभीर सवाल खड़े करता है. हवाई अड्डे पर “एंटी हाईजैक यूनिट” में आतंकियों का कोई आदमी सीधे-सीधे मौजूद है, उसका कितना बुरा अंजाम हो सकता था इसका सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है.”
अतुल ने देविंदर सिंह से जुड़े मामले पर ही बीबीसी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए आनंद की टिप्पणी ली, “बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार जिस डीआईजी के सामने देविन्द्र सिंह की गिरफ्तारी हुई उसके सामने देविंदर सिंह ने पहला बयान दिया कि ‘सर यह एक बड़ा गेम है, आप इस गेम को खराब मत कीजिए’ तो आनंद आपको क्या लगता है ये केवल पुलिस सिस्टम में रहकर उसका ही फायदा उठा रहा था या उससे भी आगे कि चीज़ है जिसमें डीप स्टेट भी शामिल हो सकता है?”
आनंद जवाब देते हुए कहते हैं, “डीप स्टेट दो तरीके का हो सकता है जो आतंकवादी नेटवर्क है, जिसमें प्रॉक्सी वॉर भी शामिल है उसका भी अपना डीप स्टेट होता है. बीबीसी की रिपोर्ट कितनी विश्वसनीय है या खुद देविंदर सिंह अपने बयान पर कब तक कायम रहते हैं इस पर तो मैं कुछ नहीं कह सकता. लेकिन यह ज़रूर हो सकता है कि पुलिस महकमे में ऐसे और भी लोग शामिल हों. क्योंकि डीएसपी बहुत बड़ी पोस्ट नहीं है पुलिस विभाग में. यह माध्यम दर्जे की पोस्ट है. हो सकता है वो अपने बयान के ज़रिये ये इशारा कर रहे हों कि जम्मू कश्मीर में ऐसे और भी कई बड़े अधिकारी शामिल हो सकते हैं जो पैसे या किसी और लालच में ऐसा करते हों.”
इसी तरह अन्य विषयों पर भी पैनलिस्टों ने अपने-अपने विचार रखे.
इस पूरी चर्चा को सुनने के लिए पूरा पॉडकास्ट सुनें. न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करें और गर्व से कहें- ‘मेरे खर्च पर आज़ाद हैं ख़बरें.’
पत्रकारों की राय, क्या देखा, सुना और पढ़ा जाय:
आनंद वर्धन
टेलीग्राफ और टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपा स्वपन दासगुप्ता का सीएए पर लेख
राहुल कोटियाल
आनंद वर्धन की न्यूज़लॉन्ड्री पर द हिंदू अखबार की विशेष सीरीज
चीनी मुसलमानों पर बीबीसी की रिपोर्ट
अतुल चौरसिया
कश्मीर और कश्मीरी पंडित: अशोक कुमार पाण्डेय
सुरेश चव्हाणके के साथ अतुल चौरसिया की बातचीत
Also Read
-
India’s real war with Pak is about an idea. It can’t let trolls drive the narrative
-
How Faisal Malik became Panchayat’s Prahlad Cha
-
Explained: Did Maharashtra’s voter additions trigger ECI checks?
-
‘Oruvanukku Oruthi’: Why this discourse around Rithanya's suicide must be called out
-
Mystery shutdown of both engines seconds after take-off: Air India crash probe