Newslaundry Hindi
एनएल चर्चा 102: केंद्रीय बजट, दिल्ली चुनाव, हनुमान चालीसा और अन्य
न्यूजलॉन्ड्री चर्चा के 102वें संस्करण में केंद्रीय बजट 2020-21, दिल्ली चुनाव में घोषित तीनों बड़ी पार्टियों के चुनावी घोषणापत्र, शाहीन बाग के प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी, अरविंद केजरीवाल का हनुमान चालीसा पाठ, दिल्ली पुलिस द्वारा शाहीन बाग़ में फायरिंग करने वाले शख्स का आम आदमी पार्टी से जुड़े होने का फ़ोटो जारी करना, उक्त पुलिस अधिकारी पर चुनाव आयोग द्वारा की गई कारवाई और कोरोना वायरस जैसे मुद्दे चर्चा का विषय रहे.
इस सप्ताह चर्चा में पीआरएस की रिसर्चर प्राची मिश्रा, प्रसार भारती बोर्ड के सलाहकार ज्ञानेंद्र भरथरिया और न्यूजलॉन्ड्री के एसोसिएट एडिटर मेघनाद शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूजलॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल ने ज्ञानेंद्र से केंद्रीय बजट को लेकर सवाल किया, "अर्थव्यवस्था को लेकर कई तरह की सवाल उठ रहे हैं, बेरोजगारी बढ़ रही है, अर्थव्यवस्था मंदी में फंसी हुई है, जीडीपी 5% से भी नीचे चला गया है. आप सरकार के करीब हैं और एकतरह से उसका हिस्सा हैं, तो सबसे पहली टिप्पणी बजट पर आपकी क्या होगी?"
इस सवाल के जवाब में ज्ञानेंद्र ने कहा, "अगर बजट को ठीक से समझना है तो सबसे पहले आपको सर्वे को पढ़ना होगा. सर्वे में एक महत्वपूर्ण बात है कि वेल्थ क्रिएशन (पूंजी उत्पादन) का. इसके लिए एक और शब्द इस्तेमाल किया गया है क्रिएटिव डिकॉन्सट्रक्शन (सृजनात्मक विसंरचना). ये पिछले 6 साल से होता आ रहा है. जैसे कई कम्पनियां थी जो कुछ नहीं कर रही थी और उनका प्रॉफिट 40% प्रतिशत से ऊपर चल रहा था. ये सिर्फ शेल कंपनी ही बन रही थी. डिकॉन्सट्रक्शन से पूंजी उन लोगों को मिलेगी जो इसके योग्य हैं. बजट साहित्य नहीं है, इसे सतही तौर पर नहीं देखा जा सकता है. हमें इसके परिपेक्ष्य को समझा होगा."
बजट को और सूक्ष्मता और सरलता से समझन के लिए अतुल ने प्राची से सवाल किया, "बजट में तीन चीजें देखने को मिलीं. मनरेगा जो गांव के गरीब तबके से जुड़ा हुआ है सरकार ने उसके बजट में कटौती की है, राज्य को दिए जाने वाले अनुदान कम कर दिए गए हैं वो भी उस हालात में तो क्या ये अर्थव्यवस्था पर और प्रभाव नहीं डालेंगे? क्योंकि ऐसा माना जाता है कि राज्य वही खर्च करते हैं जो उन्हें केंद्र से अनुदान मिलता है. अतुल के सवाल में ही मेघनाद अपना सवाल जोड़ते है कि बजट किसे कहते हैं इसके बारे में भी बताइये.
मेघनाद को जवाब देते हुए प्राची कहती हैं, "बजट एक प्रक्रिया होती है जिसमें सरकार क्या टैक्स लगा रही है. सरकार के पास कहां से पैसे आ रहे हैं और कहां खर्च हो रहे हैं इसका एक विस्तृत ब्यौरा होता है. बजट एक दिशानिर्देश होता है जिसके तहत सरकारें पॉलिसी का निर्धारण करती हैं."
चर्चा की कड़ी में बजट पर प्राची ने अपने गहरे शोध के सहारे इसके कई पहलुओं पर रोशनी डाली. कई ऐसे आंकड़े और बजट से जुड़ी प्रक्रियाएं प्राची ने न्यूज़लॉन्ड्री के श्रोताओं और पाठकों से साझा की. अन्य विषयों पर भी विस्तृत चर्चा हुई. पूरी चर्चा को सुनने के लिए ये पॉडकास्ट सुने. साथ ही न्यूजलाउंड्री को सब्सक्राइब करें और गर्व से कहें- 'मेरे खर्च पर आजाद हैं खबरें.'
पत्रकारों की राय, क्या देखा, सुना और पढ़ा जाय:
प्राची मिश्रा
एलेक्सजेंडर ची की 'आत्मकथा हाऊ टू राइट एन ऑटोबाइग्राफिकल नावेल.
ज्ञानेंद्र भरथरिया
फ़िल्म – तानाजी
किताब - आचार्य चतुरसेन की किताब 'सहयाद्री की पहाड़ियां'
अतुल चौरसिया
शाहीन बाग़ पर अमित मालवीय के सनसनीखेज़ दावे का सच: ऑल्ट न्यूज़ व न्यूज़लॉन्ड्री की साझा पड़ताल
दिल्ली के अख़बारों में छपे भर-भर पेज विज्ञापन का भाजपा कनेक्शन
मेघनाद
शाहीन बाग़ पर अमित मालवीय के सनसनीखेज़ दावे का सच: ऑल्ट न्यूज़ व न्यूज़लॉन्ड्री की साझा पड़ताल
जामिया के सामने हुई शूटिंग को लेकर रिपब्लिक टीवी का गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग पर जयश्री की रिपोर्ट
Also Read
-
TV Newsance 305: Sudhir wants unity, Anjana talks jobs – what’s going on in Godi land?
-
What Bihar voter roll row reveals about journalism and India
-
India’s real war with Pak is about an idea. It can’t let trolls drive the narrative
-
Reporters Without Orders Ep 376: A law weaponised to target Gujarat’s Muslims, and a family’s fight against police excess in Mumbai
-
बिहार वोटर लिस्ट रिवीजन: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और सांसद मनोज झा के साथ विशेष बातचीत