Newslaundry Hindi
एनएल टिप्पणी: कंगना की खनक और अर्णब की सनक
टिप्पणी में एक बार फिर से धृतराष्ट्र-संजय संवाद की वापसी हो रही है. इस बार बातचीत का दायरा डंकापति की बजाय कंगना रनौत पर केंद्रित रहा.
संजय ने धृतराष्ट्र से कहा महाराज थोड़ा कहूंगा, ज्यादा समझना. ब्रह्मांड के लगभग हर फटे में कंगना की टांग फंसी हुई है. नया मुल्ला प्याज ज्यादा खाता है और नया-नया राष्ट्रवादी अयोध्या चला जाता है. ऐसा लगता है कि इन दिनों समूचा जम्बुद्वीप सर्कस में तब्दील हो चुका है. महाराज भी फुरसत में थे क्योंकि राजसभा का मानसून सत्र स्थगित चल रहा था. सो उन्होंने संजय से पूरी घटना विस्तार में सुनाने की आज्ञा दी.
कंगना से महाराज फारिग हुए तो उन्हें तत्काल डंकापति की याद आई. संजय ने उसकी भी ख़बर दी. और ख़बर ऐसी की धृतराष्ट्र के पैरों तले ज़मीन खिसक गई. खबर थी डंकापति के पिछले जन्म की. धृतराष्ट्र हैरानी और प्रश्नवाचक दोनो भाव मिलाकर बोले- क्या मुसलमानों का भी पुनर्जन्म होता है? संजय ने कहा- कभी सुना तो नहीं महाराज.
तो क्या-क्या हुआ दरबार में? जानने के लिए इस बार की टिप्पणी देखें और साथ में मीडिया के अंडरवर्ल्ड की कही-अनकही बातें.
Also Read
-
How booth-level officers in Bihar are deleting voters arbitrarily
-
TV Newsance Live: What’s happening with the Gen-Z protest in Nepal?
-
More men die in Bihar, but more women vanish from its voter rolls
-
20 months on, no answers in Haldwani violence deaths
-
‘Why are we living like pigs?’: Gurgaon’s ‘millennium city’ hides a neighbourhood drowning in sewage and disease