Newslaundry Hindi
बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और झारखंड में सबसे ज्यादा देखा जाता हैं एनडीटीवी इंडिया, इसके बाद आज तक और रिपब्लिक भारत
टीआरपी में छेड़छाड़ की खबर के बाद से बार्क और इसके रेटिंग तरीकों पर सवाल उठ रहे है. 44,000 बॉक्स से 80 करोड़ दर्शकों के रेटिंग आंकने के वर्तमान तरीकों पर कई मीडिया प्रोफेशनल्स ने सवाल उठाया है और बदलाव की मांग भी की है.
वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने अपने एक लेख में लिखा कि, देश में 80 करोड़ से ज्यादा टीवी दर्शक हैं और उनके पंसद और नापसंद को नापने के लिए आपके पास मात्र 44,000 बॉक्स हैं. ऐसे में बार्क से संख्या पर सवाल पूछना चाहिए कि कैसे इतने छोटे सैंपल साइज से रेटिंग नापी जाती है.
रेटिंग के सवाल पर सिर्फ मीडिया में ही नहीं बल्कि राजनीतिक स्तर पर भी सवाल उठ रहे है. सूचना और प्रसारण मंत्री ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, बार्क के माध्यम से टीवी रेटिंग नापने के स्वंय नियमन की कोशिशों का भारत सरकार ने स्वागत किया था. टीवी चैनलों द्वारा सेल्फ रेगुलेशन से इस संस्था का गठन किया गया था, लेकिन जिस तरह से टीआरपी के लिए चैनलों की लड़ाई चल रही है और उसी तरह से विज्ञापन भी उन टीवी चैनलों पर आ रहे है. इससे कहीं ना कहीं फिर से रेटिंग के सिस्टम पर विचार करना चाहिए.
इन सब सवालों के बीच ओपिनियन गैदरिंग टेक्नोलॉजी कंपनी प्रश्नम ने हिंदी समाचार चैनलों को लेकर सर्वे किया है. यह सर्वे बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान में किया गया, जिसके मुताबिक 23 प्रतिशत लोग एनडीटीवी इंडिया को देखते हैं तो वहीं आजतक और रिपब्लिक भारत को 21 प्रतिशत लोग देखते है.
बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और झारखंड में कुल 25,744 लोगों की बीच यह सर्वे कराया गया. यह सर्वे 133 जिलों, 654 विधानसभाओं में 9 अक्टूबर को कराया गया था. इसमें 35 प्रतिशत महिला थी तो वहीं 65 प्रतिशत पुरुष शामिल थे.
सर्वे के परिणामों में 23 प्रतिशत के साथ एनडीटीवी इंडिया सबसे ज्यादा देखे जाने वाला चैनल है. आजतक और रिपब्लिक भारत दूसरे और तीसरे नंबर पर है. 11 प्रतिशत लोग इंडिया टीवी को देखते है और 23 प्रतिशत लोग अन्य और स्थानीय समाचार चैनल देखते हैं.
सर्वे में राज्यवार बताया गया है की, किस प्रदेश में कौन सा चैनल सबसे ज्यादा देखा जाता है. बिहार और झारखंड में एनडीटीवी इंडिया तो वहीं मध्य प्रदेश और राजस्थान में आज तक सबसे ज्यादा देखा जाता है.
बिहार का आंकड़ा
23% - एनडीटीवी इंडिया
22% - रिपब्लिक भारत
18% - आजतक
11% - इंडिया टीवी
26% - अन्य और लोकल समाचार चैनल
राजस्थान
25% - आजतक
23% - एनडीटीवी इंडिया
22% - रिपब्लिक भारत
12% - इंडिया टीवी
19% - अन्य और लोकल समाचार चैनल
झारखंड
24% - एनडीटीवी इंडिया
20% - रिपब्लिक भारत
19% - आजतक
10% - इंडिया टीवी
27% - अन्य और लोकल समाचार चैनल
मध्यप्रदेश
26% - आजतक
23% - एनडीटीवी इंडिया
20% - रिपब्लिक भारत
13% - इंडिया टीवी
18% - अन्य और लोकल समाचार चैनल
सर्वे कंपनी ने इसके साथ ही कहा, बार्क 44,000 हजार बॉक्स के जरिए पूरे देश में रेटिंग नापने के लिए उपयोग करती है, वहीं हमने 25,744 लोगों के जरिए सिर्फ 4 प्रदेश में यह सर्वे करके बताया की, कौन सा चैनल किस प्रदेश में सबसे ज्यादा देखा जाता है.
हाल ही में जो बॉक्स में छेड़छाड़ का मामला सामने आया है वह पहली बार नहीं है. बार्क के बॉक्स में छेड़छाड़ की घटनाए हो चुकी है. साल 2018 में भी हंसा कंपनी का एक पूर्व कर्मचारी मिलीभगत करके रेटिंग सिस्टम में छेड़छाड़ के आरोप में पकड़ा गया था. तब से ही बार्क के इस सिस्टम को चेंज करने की मांग हो रही है, लेकिन ताजा मामले के बाद से यह मांग एक बार फिर से तेज़ हो गई है.
Also Read
-
Hafta 483: Prajwal Revanna controversy, Modi’s speeches, Bihar politics
-
Can Amit Shah win with a margin of 10 lakh votes in Gandhinagar?
-
Know Your Turncoats, Part 10: Kin of MP who died by suicide, Sanskrit activist
-
In Assam, a battered road leads to border Gorkha village with little to survive on
-
Amid Lingayat ire, BJP invokes Neha murder case, ‘love jihad’ in Karnataka’s Dharwad