Newslaundry Hindi
नीतीश कुमार का गृह जिला: सरकारी अस्पताल में पुरुषों के शौचालय का इस्तेमाल करती महिलाएं
बिहार में चुनावी सरगर्मियों के बीच सत्ता पक्ष विकास के दावे के साथ मैदान में उतर चुका है. वहीं विपक्ष सरकार की नाकामियों पर उसे घेर रहा है. भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (यू) के नेता लगातार दावा कर रहे हैं कि बीते 15 सालों में बिहार में जमकर विकास हुआ, लेकिन इस विकास की पोल नीतीश कुमार के गृह जनपद नालंदा में खुल जाती है.
बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है इसके कई उदाहरण अब तक सामने आ चुके हैं, लेकिन सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया यही वजह है कि मुख्यमंत्री के गृह जनपद में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की महिला स्वास्थ्यकर्मियों को पुरुष शौचालय का इस्तेमाल करना पड़ता है.
नालंदा जिले के सिलाव में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला शौचालय को भंडारण कक्ष बना दिया गया है, जिसके कारण महिला स्वास्थ्यकर्मियों को शौच करने के लिए पुरुष शौचालय का इस्तेमाल करना पड़ता है. स्थानीय लोग बताते हैं कि इस अस्पताल पर 14 पंचायत के लोग निर्भर है. जब न्यूजलॉन्ड्री की टीम यहां पहुंची तो हम देख कर हैरान रह गए कि महिला शौचालय में दवाइयां और मेडिकल के उपकरण रखे हुए हैं.
यहां हमारी मुलाकात भंडार कक्ष की देखभाल करने वाली सिंधु कुमारी से हुई. वह बताती हैं, ‘‘जगह कम होने के कारण महिला शौचालय में सामान रखा हुआ है जिसके कारण वो अक्सर ही पुरुष शौचालय का इस्तेमाल करती हैं. दवाइयां रखने के कारण शौचालय में अंधेरा रहता है.’’
वहीं हमने कुछ अन्य महिला स्वास्थ्यकर्मियों से भी बात की तो उन्होंने बताया कि सामान भरे होने के कारण परेशानी तो होती है, लेकिन फिर भी हम उसी में जाते हैं. इस मामले पर अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर अनिल कुमार वर्मा से हमने बात की तो उन्होंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया.
हाल ही में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने ट्वीट किया था कि आईजीआईएमएस 2500 बेड का विश्वस्तरीय अस्पताल बनेगा. यानी बिहार में विश्वस्तरीय अस्पताल बन रहा है, लेकिन बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली किसी से छुपी नहीं है. चाहे चमकी बुखार हो या कोरोनाकाल की स्थिति. हर समय ऐसी तस्वीरें सामने आईं जो बिहार सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं. हालांकि एक बार फिर चुनाव में सभी दलों ने स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने का वादा किया है. देखें वीडियो...
Also Read
-
Devbhoomi’s descent: Signs of state complicity in Uttarakhand’s siege on Muslims
-
Pune journalist beaten with stick on camera has faced threats before
-
Bihar voter list revision: RJD leader Manoj Jha asks if ECI is a ‘facilitator’ or a ‘filter’
-
Meet BJP’s ‘Bihar ke yuvaon ki aawaaz’: Misogynistic posts, vulgar remarks, ‘black magic’ claims
-
स्मृति ईरानी, कंगना रनौत, कांवड़िए और शर्माजी की बटर चिकन पत्रकारिता