Newslaundry Hindi
एनएल चर्चा 140: फ्रांस में हुई आतंकवादी घटनाएं, बल्लभगढ़ हत्याकांड और आरोग्य सेतु ऐप
यहां क्लिक कर डाउनलोड करें और ऑफलाइन सुने पूरा पॉडकॉस्ट.
एनएल चर्चा के 140वां एपिसोड फ्रांस में इस्लाम के नाम पर हो रही आतंकवादी घटनाओं पर केंद्रित रहा. इसके अलावा बल्लभगढ़ में हुए निकिता तोमर हत्याकांड, आरोग्य सेतु ऐप के निर्माण में सरकार की भूमिका और एनबीएसए द्वारा रिपोर्टिंग को लेकर चैनलों को दिए गए माफी मांगने के आदेश समेत कई अन्य विषयों का जिक्र हुआ.
इस बार चर्चा में एनडीटीवी इंडिया की फॉरेन अफेयर्स एडिटर कादम्बिनी शर्मा, शार्दूल कात्यायन और न्यूज़लॉन्ड्री के एसोसिएट एडिटर मेघनाद एस शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “फ्रांस में पैगंबर के कार्टून को लेकर की गई टीचर की हत्या के बाद एक बार फिर से तीन लोगों की हत्या की घटना नीश शहर में हुई है. पूरी दुनिया में इस्लामिक कट्टरपंथ एक जटिल मुद्दा बन गया है.” कादम्बिनी से सवाल करते हुए अतुल कहते हैं, “कार्टून के बदले कार्टून हो सकता है, लेख के बदले लेख हो सकता है, फिल्म के बदले फिल्म बनाई जा सकती है, लेकिन एक कार्टून के बदले हत्या कर देना कितना जायज है. यह कहना की अगर कोई किसी की धार्मिक भावना को चोट पहुंचाता है तो सामने वाला उसकी जान ले सकता है, यह तर्क कितना सही है.”
कादम्बिनी कहती हैं, “फ्रांस का मामला यह अपने आप में एक यूनीक स्थिति है. कई रिपोर्ट्स भी कहती हैं कि फ्रांस में अल्पसंख्यकों के साथ कई तरह का भेदभाव किया जाता है. दूसरी तरफ आप देखे तो हर देश में राइट विंग एक्सट्रीमिज्म बढ़ता जा रहा है. यह भी एक कारण है इस घटना का. फ्रांस में राजनीतिक बसाहट अलग है, इसलिए वहां इस्लामिक कट्टरपंथ के कई मामले देखने को मिलते है. लेकिन इस मामले पर तुर्की और पाकिस्तान में होड़ लगी हुई है कि मुस्लिम देशों का नेतृत्व कौन करेगा. यह फ्रांस का मामला है तो फ्रांस से ही इसका जवाब आएगा लेकिन यह कब आएगा यह किसी को नहीं पता. हाल फिलहाल में तो ऐसा होता नहीं दिख रहा.”
इस विषय पर मेघनाथ कहते हैं, “यह जो घटना है, वैसी घटनाएं फ्रांस में पहले भी हो चुकी हैं, जिसका उदाहरण है शार्ली हेब्दो पत्रिका पर हुआ हमला. करीब 5 करोड़ मुसलमान हैं फ्रांस में. फ्रांस में जो 2017 के चुनाव हुए थे, उसमें इमैनुएल मैक्रों की पार्टी का प्रमुख मुद्दा था कि देश में इस्लामाइजेशन बढ़ रहा है. यह इसलिए हो रहा है क्योंकि प्रवासी लोगों को वो शरण दे रहे हैं. इस तरह की घटना से यह नरैटिव और मजबूत हो जाता है कि प्रवासी लोगों के कारण देश में इस्लामाइजेशन बढ़ रहा है.”
अतुल चर्चा में शार्दूल को शामिल करते हुए पूछते हैं, “इस तरह की जो घटनाएं हैं उन पर मीडिया और सोशल मीडिया में दो फाड़ है. इसका कोई तार्किक जवाब किसी के पास नहीं है. जिस तरह से फ्रांस में ट्यूनीशिया से आए एक आरोपी ने हत्या कर दी उसे ‘लोन वुल्फ’ अटैक कह सकते हैं क्या? तो फिर हम राजस्थान में शम्भूलाल रैगर द्वारा की गई हत्या को किस तरह देखेंगे. इस तरह की घटना को लोन वुल्फ अटैक कह कर दरअसल पूरी समस्या को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं या समझने की कोशिश नहीं कर रहे हैं.”
अतुल चर्चा में शार्दूल को शामिल करते हुए पूछते हैं, “इस तरह की जो घटनाएं हैं उन पर मीडिया और सोशल मीडिया में दो फाड़ है. इसका कोई तार्किक जवाब किसी के पास नहीं है. जिस तरह से फ्रांस में ट्यूनीशिया से आए एक आरोपी ने हत्या कर दी उसे ‘लोन वुल्फ’ अटैक कह सकते हैं क्या? तो फिर हम राजस्थान में शम्भूलाल रैगर द्वारा की गई हत्या को किस तरह देखेंगे. इस तरह की घटना को लोन वुल्फ अटैक कह कर दरअसल पूरी समस्या को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं या समझने की कोशिश नहीं कर रहे हैं.”
इस पर शार्दूल कहते है, “आपकी बात बहुत हद की सही है. यह बात ठीक है कि सोशियो-इकोनॉमी फैक्टर होते हैं किसी घटना के पीछे लेकिन यही कारण हत्या का हो सकता है, यह सही नहीं है. फ्रांस की घटना ‘लोन वुल्फ अटैक’ का उदाहरण नहीं है क्योंकि तीन और जगहों पर हमले की कोशिश हुई है. फ्रांस में धार्मिक कट्टरता बहुत पहले से है. दूसरी बात आप किसी भी व्यक्ति को उसके धार्मिक पहलू को लेकर बता नहीं सकते, सीखा नहीं सकते.”
अन्य विषयों के लिए पूरी चर्चा सुनें और न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.
क्या देखा पढ़ा और सुना जाए.
रेफरेंस
कौन है टीवी का ‘मुस्लिम चेहरा’? एक ठग?
सलाह और सुझाव
कादम्बिनी शर्मा
बर्टिल लीटनर - चाइना इंडिया वार
प्रतिभा करण की पुस्तक- बिरयानी
शार्दूल कात्यायन
ब्रेडली होप और जस्टिन स्नेक की किताब - ब्लड एंड ऑयल
इंटेलिजेंस स्कॉड डिबेट - इस्लाम इज रिलीजन ऑफ पीस
मेघनाथ
न्यूयॉर्कर पर प्रकाशित लेख - वाय फैक्ट्स टोंड चेंज आवर माइंड
अतुल चौरसिया
टेक्स्ट एंड कॉन्टेक्स्ट - आऱिफ मोहम्मद खान
बोराट सब्सिक्वेंट मूवीफिल्म - अमेज़न प्राइम
Also Read
-
Presenting NewsAble: The Newslaundry website and app are now accessible
-
In Baramati, Ajit and Sunetra’s ‘double engine growth’ vs sympathy for saheb and Supriya
-
A massive ‘sex abuse’ case hits a general election, but primetime doesn’t see it as news
-
Mandate 2024, Ep 2: BJP’s ‘parivaarvaad’ paradox, and the dynasties holding its fort
-
Know Your Turncoats, Part 9: A total of 12 turncoats in Phase 3, hot seat in MP’s Guna