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जेबा खानम से वेदिका शर्मा बनने वाली 21 वर्षीय युवती की कहानी
पिछले कई दिनो से कथित "लव जिहाद" को लेकर कई भाजपा शासित राज्य सरकारें कानून बनाने की बात कर रही हैं, वहीं कुछ विपक्षी दल और नेता इस तरह के कानून का विरोध कर रहे हैं. आलम यह है कि लव जिहाद इन दिनों मीडिया और सोशल मीडिया पर सबसे चर्चित शब्द बन चुका है. इस पूरी बहस के बीच हम आपको उत्तराखंड के हरिद्वार लेकर चलते हैं. वहां एक अलग तरह का मामला सामने आया है. यहां उत्तर प्रदेश के बदायूं से आई 21 वर्षीय मुस्लिम युवती जेबा खानम ने हिंदू धर्म अपना लिया है, और इसके बाद से उन्होंने हरिद्वार में ही शरण ले रखी है.
यह मामला तब तूल पकड़ने लगा जब जेबा खानम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. वीडियो में युवती अपना नाम जेबा खानम बताते हुए कहती हैं- "वह अपने परिवार के डर से हरिद्वार कोतवाली पहुंची हैं. उनकी शादी जबरदस्ती उनके बड़े पापा यानी ताऊ के बेटे वकार यूनुस से कराई जा रही है. साथ ही घर पर उनका यौन शोषण किया जा रहा है. जिससे तंग आकर वह हरिद्वार आ गई हैं."
जेबा खानम आगे बताती हैं कि उनके पिता इदरीस खान बरेली के आईजी ऑफिस में कार्यरत हैं. इसकी वजह से यूपी पुलिस उल्टे उन्हें ही परेशान कर रही है और उनके ऊपर घर वापस जाने का दबाव बना रही है. लेकिन विडियो में जेबा बताती हैं कि वो अपने घर वापस नहीं लौटना चाहती हैं. हरिद्वार आई यूपी पुलिस उनसे कह रही है कि उनका जो भी बयान होगा वह यूपी पहुंच कर ही दर्ज होगा.
जेबा कहती हैं, "मेरे पापा की वजह से दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन ऐसा तो कुछ भी नहीं है. जिसको जो पूछना है, जो बयान लेना है वह यहीं ले ले.”
जेबा खानम के हिंदू धर्म अपनाने के बाद बजरंग दल सहित कई हिंदू संगठन उनके समर्थन में उतर आए हैं. जेबा कहती हैं, "जो लोग मेरा समर्थन कर रहे हैं उन्हें भी धमकी दी जा रही है." वीडियो में युवती माथे पर टीका और हाथ में कलावा बांधे नजर आ रही है.
इस पूरे मामले को जानने के लिए न्यूज़लॉन्ड्री ने हरिद्वार कोतवाली के इंचार्ज अमरजीत सिंह से बात की. उन्होंने बताया, "इस मामले में एक मुकदमा बदायूं कोतवाली में दर्ज है. उसके आधार पर वहां की पुलिस लड़की के बयान लेने यहां आई थी और लड़की का बयान लेकर वापस चली गई है."
सिंह ने आगे बताया, "बदायूं पुलिस के साथ लड़की के माता-पिता भी थे, जो जेबा को घर वापस ले जाना चाहते थे. लेकिन लड़की ने उनके साथ जाने से मना कर दिया. इस दौरान लड़की ने कहा कि वह बालिग है और उसे अपने फैसले लेने का अधिकार है. उसने हमें बताया कि वह अपने ताऊ के बेटे से शादी करना नहीं चाहती है. वह पढ़ने-लिखने वाली महत्वाकांक्षी लड़की है. उसने कई परीक्षाएं भी दे रखी हैं. लड़की ने एक-दो बार पीसीएस का प्री एग्जाम भी क्वालीफाई किया है."
उन्होंने कहा, "जेबा के माता-पिता ने उसे काफी समझाया लेकिन उसने उनके साथ जाने से साफ मना कर दिया."
जेबा ने हिंदू धर्म कहां अपनाया और उसके साथ कौन लोग थे? इस सवाल पर सिंह ने हमें बताया, "इसकी जानकारी हमारे पास नहीं है. न ही हमें यह पता है कि उसने ऐसा कुछ किया है. हां हमने उसके माथे पर टीका लगा हुआ देखा था बाकि इसके अलावा कोई प्रमाण उसके पास नहीं था, जिससे यह पता चले कि उसने हिंदू धर्म अपना लिया है."
कोतवाली इंचार्ज अमरजीत सिंह का मानना है कि उसने सिर्फ अपने माता पिता से अलग होने के लिए यह सब किया है. जेबा खानम कहां हैं, क्या आपके पास उसकी कोई जानकरी है? इस पर वह कहते हैं, "वह हरिद्वार में ही कहीं किराए पर रह रही हैं. लेकिन हमें उसकी कोई जानकारी नहीं है."
न्यूज़लॉन्ड्री ने इस मामले में उन लोगों से भी बात की जिन हिंदू संगठनों ने जेबा खानम का समर्थन किया है. बजरंग दल के जिला संयोजक नवीन केश्वर कहते हैं, "जेबा के साथ उनके पिता इदरीस और उनकी माता मारपीट करते थे. जेबा की दो बार सरकारी नौकरी लगी लेकिन उसे नौकरी पर नहीं जाने दिया. घर में लगातार उसका यौन शोषण हो रहा था. जेबा के माता-पिता उसके ताऊ के बेटे से ही जबरदस्ती उसकी शादी कराना चाहते हैं. लेकिन जेबा अभी शादी नहीं करना चाहती है और वह पढ़ लिखकर कुछ बनना चाहती है. जेबा का परिवार दीपावली के आसपास ही उसकी शादी कर देना चाहता था. इस सबसे तंग होकर वह बदायूं से भागकर हरिद्वार आ गई."
नवीन आगे कहते हैं, "जेबा ने घर से भागकर पहले हरिद्वार में ही अपना शुद्दीकरण करवाया और फिर धर्म परिवर्तन कर लिया." क्या आप धर्म परिवर्तन के दौरान जेबा के साथ थे? इस पर नवीन कहते हैं, "मैं तो नहीं था लेकिन बजरंग दल के अन्य कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में शामिल थे."
नवीन ने बताया, "कार्यक्रम के दौरान जेबा के साथ एक महिला और उसका बेटा भी था." पूछने पर की वह कौन लोग थे तो उन्होंने बताया कि वह बदायूं के ही रहने वाले थे और जेबा की मदद के लिए साथ आए थे. नवीन ने हमें बताया कि जेबा खानम ने अब अपना नाम बदलकर वेदिका शर्मा रख लिया है.
बजरंग दल के ही हरिद्वार जिला सह संयोजक विजेंद्र तोमर ने हमें बाताया, "जेबा खानम ने आर्य समाज मंदिर में पहले अपना शुद्धिकरण कराया फिर उसके बाद उन्होंने हिंदू धर्म अपना लिया."
फिलहाल जेबा कहां हैं, किसके साथ हैं, सुरक्षित हैं या नहीं? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हां वह उनके संरक्षण में ही रह रही हैं. उनके साथ संगठन की एक महिला भी है जो कि दुर्गा वाहिनी से हैं. जेबा से बात करवाने की मांग को तोमर लगातार टालते रहे. हालांकि उन्होंने जेबा से फोन पर बात करवाने का भरोसा दिया लेकिन अभी तक हमारी बात जेबा से नहीं हुई है. अगर जेबा से हमारी बातचीत होती है तो हम उसे इस स्टोरी में जोड़ देंगे.
इस बारे में हमने बदांयू कोतवाली इंचार्ज विनोद चाहर से भी फोन पर बात की. उन्होंने बताया, "हम इस बारे में फोन पर कोई भी सूचना नहीं दे पाएंगे. हम लड़की का बयान लेने हरिद्वार गए थे और उसकी सभी जानकारी हमने अपने मीडिया सेल को दे दी है. इसके लिए आप एसपी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं."
बदायूं कोतवाली इंचार्ज विनोद चाहर के इनकार के बाद हमने बदायूं एसपी सिटी प्रवीण से बात की. उन्होंने कहा, "इस बारे में बदायूं कोतवाली में लड़की के पिता इदरीस खान द्वारा 364 (अपहरण) का एक मुकदमा दर्ज कराया गया था. इस संबंध में यहां से एक टीम लड़की के बयान लेने हरिद्वार पहुंची थी जो बयान लेकर वापस आ गई है." प्रवीण आगे कहते हैं, "लड़की ने कहा कि इसमें किसी का कोई दोष नहीं है. मैं बालिग हूं, और अपनी मर्जी से यहां आई हूं. मुझे यहां कोई लेकर नहीं आया है."
एसपी सिटी ने एक बात स्पष्ट की कि, "इस केस में अपहरण का कोई मामला नहीं है. वह बालिग है और उसे खुद फैसले लेने का अधिकार है. इसलिए इसके बाद इसमें कोई मुकदमा बनता ही नहीं है. अगर लड़की नाबालिग होती तब अलग बात होती. धर्म परिवर्तन पर उन्होंने कहा, "इसका हमसे कोई मतलब नहीं है. हमारे यहां जो मुकदमा दर्ज हुआ था हमने सिर्फ उस पर कार्रवाई की है. अब इस मामले में पुलिस का काम खत्म हो गया है."
न्यूज़लॉन्ड्री ने जेबा खानम के पिता इदरीस खान से भी फोन पर बात करने की कोशिश की. लेकिन उन्होंने जैसे ही सुना कि मीडिया से हैं, तो फोन काट दिया. हमने फिर कोशिश की कि आप अपनी बात रख सकते हैं तो उन्होंने फोन अपनी पत्नी को दे दिया. उनकी पत्नी ने भी हमसे कोई भी बात करने से इंकार कर दिया और फोन काट दिया.
बदायूं के एक कांस्टेबल ने अपना नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर कहा, "यह मामला काफी पुराना है. जेबा जहां पढ़ने जाती थी वहीं के एक हिंदू टीचर से उसे प्यार हो गया था. अब वह उसी लड़के से शादी करना चाहती है.”
हालांकि इस बात की पुष्टि न्यूज़लॉन्ड्री नहीं करता है क्योंकि हमारी लड़की से तमाम कोशिशों के बावजूद अभी तक बात नहीं हुई है.
Also Read: दैनिक जागरण का फर्जी नाद, लव जिहाद
पिछले कई दिनो से कथित "लव जिहाद" को लेकर कई भाजपा शासित राज्य सरकारें कानून बनाने की बात कर रही हैं, वहीं कुछ विपक्षी दल और नेता इस तरह के कानून का विरोध कर रहे हैं. आलम यह है कि लव जिहाद इन दिनों मीडिया और सोशल मीडिया पर सबसे चर्चित शब्द बन चुका है. इस पूरी बहस के बीच हम आपको उत्तराखंड के हरिद्वार लेकर चलते हैं. वहां एक अलग तरह का मामला सामने आया है. यहां उत्तर प्रदेश के बदायूं से आई 21 वर्षीय मुस्लिम युवती जेबा खानम ने हिंदू धर्म अपना लिया है, और इसके बाद से उन्होंने हरिद्वार में ही शरण ले रखी है.
यह मामला तब तूल पकड़ने लगा जब जेबा खानम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. वीडियो में युवती अपना नाम जेबा खानम बताते हुए कहती हैं- "वह अपने परिवार के डर से हरिद्वार कोतवाली पहुंची हैं. उनकी शादी जबरदस्ती उनके बड़े पापा यानी ताऊ के बेटे वकार यूनुस से कराई जा रही है. साथ ही घर पर उनका यौन शोषण किया जा रहा है. जिससे तंग आकर वह हरिद्वार आ गई हैं."
जेबा खानम आगे बताती हैं कि उनके पिता इदरीस खान बरेली के आईजी ऑफिस में कार्यरत हैं. इसकी वजह से यूपी पुलिस उल्टे उन्हें ही परेशान कर रही है और उनके ऊपर घर वापस जाने का दबाव बना रही है. लेकिन विडियो में जेबा बताती हैं कि वो अपने घर वापस नहीं लौटना चाहती हैं. हरिद्वार आई यूपी पुलिस उनसे कह रही है कि उनका जो भी बयान होगा वह यूपी पहुंच कर ही दर्ज होगा.
जेबा कहती हैं, "मेरे पापा की वजह से दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन ऐसा तो कुछ भी नहीं है. जिसको जो पूछना है, जो बयान लेना है वह यहीं ले ले.”
जेबा खानम के हिंदू धर्म अपनाने के बाद बजरंग दल सहित कई हिंदू संगठन उनके समर्थन में उतर आए हैं. जेबा कहती हैं, "जो लोग मेरा समर्थन कर रहे हैं उन्हें भी धमकी दी जा रही है." वीडियो में युवती माथे पर टीका और हाथ में कलावा बांधे नजर आ रही है.
इस पूरे मामले को जानने के लिए न्यूज़लॉन्ड्री ने हरिद्वार कोतवाली के इंचार्ज अमरजीत सिंह से बात की. उन्होंने बताया, "इस मामले में एक मुकदमा बदायूं कोतवाली में दर्ज है. उसके आधार पर वहां की पुलिस लड़की के बयान लेने यहां आई थी और लड़की का बयान लेकर वापस चली गई है."
सिंह ने आगे बताया, "बदायूं पुलिस के साथ लड़की के माता-पिता भी थे, जो जेबा को घर वापस ले जाना चाहते थे. लेकिन लड़की ने उनके साथ जाने से मना कर दिया. इस दौरान लड़की ने कहा कि वह बालिग है और उसे अपने फैसले लेने का अधिकार है. उसने हमें बताया कि वह अपने ताऊ के बेटे से शादी करना नहीं चाहती है. वह पढ़ने-लिखने वाली महत्वाकांक्षी लड़की है. उसने कई परीक्षाएं भी दे रखी हैं. लड़की ने एक-दो बार पीसीएस का प्री एग्जाम भी क्वालीफाई किया है."
उन्होंने कहा, "जेबा के माता-पिता ने उसे काफी समझाया लेकिन उसने उनके साथ जाने से साफ मना कर दिया."
जेबा ने हिंदू धर्म कहां अपनाया और उसके साथ कौन लोग थे? इस सवाल पर सिंह ने हमें बताया, "इसकी जानकारी हमारे पास नहीं है. न ही हमें यह पता है कि उसने ऐसा कुछ किया है. हां हमने उसके माथे पर टीका लगा हुआ देखा था बाकि इसके अलावा कोई प्रमाण उसके पास नहीं था, जिससे यह पता चले कि उसने हिंदू धर्म अपना लिया है."
कोतवाली इंचार्ज अमरजीत सिंह का मानना है कि उसने सिर्फ अपने माता पिता से अलग होने के लिए यह सब किया है. जेबा खानम कहां हैं, क्या आपके पास उसकी कोई जानकरी है? इस पर वह कहते हैं, "वह हरिद्वार में ही कहीं किराए पर रह रही हैं. लेकिन हमें उसकी कोई जानकारी नहीं है."
न्यूज़लॉन्ड्री ने इस मामले में उन लोगों से भी बात की जिन हिंदू संगठनों ने जेबा खानम का समर्थन किया है. बजरंग दल के जिला संयोजक नवीन केश्वर कहते हैं, "जेबा के साथ उनके पिता इदरीस और उनकी माता मारपीट करते थे. जेबा की दो बार सरकारी नौकरी लगी लेकिन उसे नौकरी पर नहीं जाने दिया. घर में लगातार उसका यौन शोषण हो रहा था. जेबा के माता-पिता उसके ताऊ के बेटे से ही जबरदस्ती उसकी शादी कराना चाहते हैं. लेकिन जेबा अभी शादी नहीं करना चाहती है और वह पढ़ लिखकर कुछ बनना चाहती है. जेबा का परिवार दीपावली के आसपास ही उसकी शादी कर देना चाहता था. इस सबसे तंग होकर वह बदायूं से भागकर हरिद्वार आ गई."
नवीन आगे कहते हैं, "जेबा ने घर से भागकर पहले हरिद्वार में ही अपना शुद्दीकरण करवाया और फिर धर्म परिवर्तन कर लिया." क्या आप धर्म परिवर्तन के दौरान जेबा के साथ थे? इस पर नवीन कहते हैं, "मैं तो नहीं था लेकिन बजरंग दल के अन्य कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में शामिल थे."
नवीन ने बताया, "कार्यक्रम के दौरान जेबा के साथ एक महिला और उसका बेटा भी था." पूछने पर की वह कौन लोग थे तो उन्होंने बताया कि वह बदायूं के ही रहने वाले थे और जेबा की मदद के लिए साथ आए थे. नवीन ने हमें बताया कि जेबा खानम ने अब अपना नाम बदलकर वेदिका शर्मा रख लिया है.
बजरंग दल के ही हरिद्वार जिला सह संयोजक विजेंद्र तोमर ने हमें बाताया, "जेबा खानम ने आर्य समाज मंदिर में पहले अपना शुद्धिकरण कराया फिर उसके बाद उन्होंने हिंदू धर्म अपना लिया."
फिलहाल जेबा कहां हैं, किसके साथ हैं, सुरक्षित हैं या नहीं? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हां वह उनके संरक्षण में ही रह रही हैं. उनके साथ संगठन की एक महिला भी है जो कि दुर्गा वाहिनी से हैं. जेबा से बात करवाने की मांग को तोमर लगातार टालते रहे. हालांकि उन्होंने जेबा से फोन पर बात करवाने का भरोसा दिया लेकिन अभी तक हमारी बात जेबा से नहीं हुई है. अगर जेबा से हमारी बातचीत होती है तो हम उसे इस स्टोरी में जोड़ देंगे.
इस बारे में हमने बदांयू कोतवाली इंचार्ज विनोद चाहर से भी फोन पर बात की. उन्होंने बताया, "हम इस बारे में फोन पर कोई भी सूचना नहीं दे पाएंगे. हम लड़की का बयान लेने हरिद्वार गए थे और उसकी सभी जानकारी हमने अपने मीडिया सेल को दे दी है. इसके लिए आप एसपी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं."
बदायूं कोतवाली इंचार्ज विनोद चाहर के इनकार के बाद हमने बदायूं एसपी सिटी प्रवीण से बात की. उन्होंने कहा, "इस बारे में बदायूं कोतवाली में लड़की के पिता इदरीस खान द्वारा 364 (अपहरण) का एक मुकदमा दर्ज कराया गया था. इस संबंध में यहां से एक टीम लड़की के बयान लेने हरिद्वार पहुंची थी जो बयान लेकर वापस आ गई है." प्रवीण आगे कहते हैं, "लड़की ने कहा कि इसमें किसी का कोई दोष नहीं है. मैं बालिग हूं, और अपनी मर्जी से यहां आई हूं. मुझे यहां कोई लेकर नहीं आया है."
एसपी सिटी ने एक बात स्पष्ट की कि, "इस केस में अपहरण का कोई मामला नहीं है. वह बालिग है और उसे खुद फैसले लेने का अधिकार है. इसलिए इसके बाद इसमें कोई मुकदमा बनता ही नहीं है. अगर लड़की नाबालिग होती तब अलग बात होती. धर्म परिवर्तन पर उन्होंने कहा, "इसका हमसे कोई मतलब नहीं है. हमारे यहां जो मुकदमा दर्ज हुआ था हमने सिर्फ उस पर कार्रवाई की है. अब इस मामले में पुलिस का काम खत्म हो गया है."
न्यूज़लॉन्ड्री ने जेबा खानम के पिता इदरीस खान से भी फोन पर बात करने की कोशिश की. लेकिन उन्होंने जैसे ही सुना कि मीडिया से हैं, तो फोन काट दिया. हमने फिर कोशिश की कि आप अपनी बात रख सकते हैं तो उन्होंने फोन अपनी पत्नी को दे दिया. उनकी पत्नी ने भी हमसे कोई भी बात करने से इंकार कर दिया और फोन काट दिया.
बदायूं के एक कांस्टेबल ने अपना नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर कहा, "यह मामला काफी पुराना है. जेबा जहां पढ़ने जाती थी वहीं के एक हिंदू टीचर से उसे प्यार हो गया था. अब वह उसी लड़के से शादी करना चाहती है.”
हालांकि इस बात की पुष्टि न्यूज़लॉन्ड्री नहीं करता है क्योंकि हमारी लड़की से तमाम कोशिशों के बावजूद अभी तक बात नहीं हुई है.
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