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मुनव्वर फारूकी मामला: मीडिया रिपोर्ट्स और पुलिस के बयानों में विरोधाभास
इंदौर में एक जनवरी को कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को हिंदू देवी-देवताओं और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक बातें बोलने के जुर्म में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. यह गिरफ्तारी हिंदू रक्षक संगठन की शिकायत पर की गई. पुलिस ने कॉमेडियन और उसके चार दोस्तों को 2 जनवरी को सीजीएम कोर्ट में पेश किया जहां अदालत ने सभी को 13 जनवरी तक के लिए जेल भेज दिया था.
इस गिरफ्तारी के बाद से लगातार सोशल मीडिया पर बयानबाजी हो रही है. एक पक्ष कॉमेडियन को गिरफ्तार करने के खिलाफ है तो दूसरा पक्ष इस गिरफ्तारी को सही ठहरा रहा है. कई पत्रकारों, स्टैंड अप कॉमेडियन और नेताओं ने इंदौर पुलिस पर गलत कार्रवाई का आरोप लगाया है.
4 जनवरी को इंडियन एक्सप्रेस ने इस मामले से जुड़ी एक खबर प्रकाशित की. एक्सप्रेस न्यूज़ सर्विस की बाइलाइन के साथ प्रकाशित इस खबर में तुकोगंज थाने के प्रभारी कमलेश शर्मा के हवाले से दावा किया गया- “पुलिस को मुनव्वर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं. हिंदू देवताओं या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अपमानित करने का कोई सबूत नहीं हैं. शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत दो वीडियो एक अन्य कॉमेडियन के हैं जो कथित तौर पर भगवान गणेश पर जोक बना रहे हैं.”
इंडियन एक्सप्रेस की इस खबर को आधार बना कर तमाम मीडिया संस्थानों ने मुनव्वर के खिलाफ कोई सबूत ना होने की खबर प्रकाशित की.
द वायर
द वायर ने 4 जनवरी को इंडियन एक्सप्रेस की खबर प्रकाशित होने के बाद अपनी खबर प्रकाशित की, जिसका शीर्षक है- “पुलिस ने कहा- स्टैंड अप कॉमेडियन द्वारा हिंदू देवताओं के अपमान करने का कोई वीडियो सबूत नहीं”. इस खबर में वायर ने एक चश्मदीद का भी जिक्र किया है, साथ ही एक्सप्रेस की खबर को आधार बताते हुए लिखा कि पुलिस ने भी कहा है कि मुनव्वर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है.
स्क्रोल डॉट इन
स्क्रोल द्वारा लिखी गई इस खबर में हेडलाइन दिया गया हैं- “गिरफ्तारी के दो दिन बाद पुलिस ने कहा मुनव्वर फारूकी के खिलाफ हिंदू देवताओं को अपमानित करने का वीडियो नहीं है”. यह खबर अंग्रेजी में प्रकाशित हुई है.
इस खबर का भी आधार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट ही है. इसमें लिखा गया है कि इंदौर पुलिस ने कहा मुनव्वर के खिलाफ हिंदू देवी-देवताओं को अपमानित करने का कोई वीडियो नहीं मिला. लिखा गया है कि फारूकी की गिरफ्तारी का सोशल मीडिया पर उनके साथी स्टैंडअप कॉमेडियन्स ने विरोध किया है.
न्यूज़ 18
देश में सबसे बड़े न्यूज़ नेटवर्क होने का दावा करने वाले न्यूज़ 18 ने भी एक्सप्रेस की इस खबर को प्रमाणित करने की जहमत नहीं उठाई. जबकि न्यूज़ 18 के राष्ट्रीय चैनल के अलावा मध्यप्रदेश में भी संस्था का एक चैनल है. न्यूज़ 18 के मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ चैनल का ब्यूरो इंदौर में ही है.
न्यूज़ 18 ने भी अन्य मीडिया संस्थानों की तरह इंडियन एक्सप्रेस को आधार बताकर खबर पब्लिश कर दी, कि पुलिस को मुनव्वर के खिलाफ वीडियो में कोई सबूत नहीं मिला.
इसी तरह द क्विंट, मनी कंट्रोल और वन इंडिया ने भी एक्सप्रेस की खबर को आधार बताकर खबर प्रकाशित की. इन सभी खबरों में एक बात साफ दिखी कि, मीडिया संस्थानों ने अपनी तरफ से खबर को जांचने की कोशिश नहीं की, साथ ही सभी का कंटेंट लगभग एक जैसा ही था, फिर चाहें वह हिंदी में हो या अंग्रेजी.
पुलिस ने खबर को दिया ट्विस्ट
मीडिया में जब इस तरह की खबरें चारो तरफ फैल चुकी थीं तब इंदौर पुलिस इन सभी खबरों का खंडन लेकर उपस्थित हुई. इंदौर के तुकोगंज थाना के प्रभारी कमलेश शर्मा ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, “इस तरह की सारी ख़बरें गलत और निराधार हैं. पुलिस को मुनव्वर के खिलाफ सबूत मिले हैं, उसी के आधार पर गिरफ्तारी की गई और कोर्ट ने उन्हें जेल भेजा है.”
उन्होंने आगे कहा, “पुलिस अपनी जांच कर रही है और अभी तक की जांच में हमें मनुव्वर के खिलाफ जो सबूत मिले हैं, उसके आधार पर ही कार्रवाई की गई है.”
जब हमने मीडिया रिपोर्ट्स की बात की तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता मीडिया में क्या चल रहा है, लेकिन मैं जो आप से बता रहा हूं वह सच है.”
इस मामले पर हमने इंदौर के एएसपी ईस्ट जयवीर सिंह भदौरिया से भी बात की. उन्होंने भी टीआई (थाना इंचार्ज) की बात स्वीकारते हुए कहा, “अभी केस की जांच चल रही हैं और पुलिस अच्छी तरीके से केस की जांच कर रही है. रही बात मीडिया रिपोर्ट्स की तो उसकी मुझे जानकारी नहीं है. लेकिन पुलिस को सबूत मिले हैं, उसी के आधार पर यह कार्रवाई की गई.”
इंडियन एक्सप्रेस का जवाब
इंडियन एक्सप्रेस की प्रदेश संवाददाता इरम सिद्दीकी से हमने इस रिपोर्ट को लेकर बात की. यह रिपोर्ट इरम ने ही की थी. उन्होंने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, “मैंने टीआई से बातचीत के आधार पर ही अपनी रिपोर्ट लिखी है और उसका मेरे पास पुख्ता सबूत भी है. टीआई ने जो जानकारी दी थी, हमारी रिपोर्ट उसी के आधार पर है. मैने अपनी रिपोर्ट में पुलिस के अलावा एक चश्मदीद से भी बातचीत की है, जो उस वक्त शो में मौजूद थीं. उन्होंने अपना बयान सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है.”
हमने उनसे बातचीत के सबूत साझा करने की बात कही तो इरम ने जवाब दिया, “हमारी पेशेवर मजबूरी है, जहां मैं काम करती हूं, उसके कुछ नियम कानून हैं इसलिए हम ऑडियो शेयर नहीं कर सकते. मैं बस आपसे यही कहना चाहती हूं कि हमारी रिपोर्ट एकदम सही है, पुलिस के बयान के आधार पर है और हमारे पास उसके सबूत हैं.”
क्या कहते हैं मनुव्वर फारूकी के वकील
न्यूज़लॉन्ड्री ने मुनव्वर फारूकी के वकील अंशुमान श्रीवास्तव से मीडिया रिपोर्ट्स और सबूतों को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि, “कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मुनव्वर के खिलाफ वीडियो में हिंदू देवी-देवताओं और अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक बातें पुलिस को नहीं मिली हैं, लेकिन अदालत में मीडिया रिपोर्ट्स को सबूत के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता. यह अदालत में मान्य नहीं है, इसलिए हमने मेरिट के आधार पर सेशन कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की है, जिसकी सुनवाई मंगलवार को है.”
श्रीवास्तव आगे कहते हैं, “आर्टिकल 19 (A) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत सभी को अपनी बात कहने की आजादी है. हमने इसी को आधार बताकर कोर्ट में जमानत की अर्जी दी है. अगर पुलिस कहती हैं कि अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कहीं गई हैं तो वह बताएं की कौन सी बातें कहीं गई जो आपत्तिजनक हैं, हमें तो वीडियो में ऐसा कुछ नहीं मिला.”
मुनव्वर फारूकी की गिरफ्तारी हिंदू रक्षक संगठन नामक संस्था के संयोजक एकलव्य गौड़ की शिकायत पर की गई थी. गौड़ ने एक्सप्रेस की खबर पर आश्चर्य जताते हुए कहा, “पता नहीं मीडिया में इस तरह की खबरें कहा से आ रही हैं. न्यूज़ 18 जैसा मीडिया संस्थान जिसका मध्य प्रदेश में चैनल है वह भी इस तरह की ख़बर चला रहा है. हमें नहीं पता इंडियन एक्सप्रेस को कहां से यह जानकारी मिली, लेकिन यह जानकारी फेक और झूठ है.”
इंदौर में एक जनवरी को कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को हिंदू देवी-देवताओं और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक बातें बोलने के जुर्म में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. यह गिरफ्तारी हिंदू रक्षक संगठन की शिकायत पर की गई. पुलिस ने कॉमेडियन और उसके चार दोस्तों को 2 जनवरी को सीजीएम कोर्ट में पेश किया जहां अदालत ने सभी को 13 जनवरी तक के लिए जेल भेज दिया था.
इस गिरफ्तारी के बाद से लगातार सोशल मीडिया पर बयानबाजी हो रही है. एक पक्ष कॉमेडियन को गिरफ्तार करने के खिलाफ है तो दूसरा पक्ष इस गिरफ्तारी को सही ठहरा रहा है. कई पत्रकारों, स्टैंड अप कॉमेडियन और नेताओं ने इंदौर पुलिस पर गलत कार्रवाई का आरोप लगाया है.
4 जनवरी को इंडियन एक्सप्रेस ने इस मामले से जुड़ी एक खबर प्रकाशित की. एक्सप्रेस न्यूज़ सर्विस की बाइलाइन के साथ प्रकाशित इस खबर में तुकोगंज थाने के प्रभारी कमलेश शर्मा के हवाले से दावा किया गया- “पुलिस को मुनव्वर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं. हिंदू देवताओं या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अपमानित करने का कोई सबूत नहीं हैं. शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत दो वीडियो एक अन्य कॉमेडियन के हैं जो कथित तौर पर भगवान गणेश पर जोक बना रहे हैं.”
इंडियन एक्सप्रेस की इस खबर को आधार बना कर तमाम मीडिया संस्थानों ने मुनव्वर के खिलाफ कोई सबूत ना होने की खबर प्रकाशित की.
द वायर
द वायर ने 4 जनवरी को इंडियन एक्सप्रेस की खबर प्रकाशित होने के बाद अपनी खबर प्रकाशित की, जिसका शीर्षक है- “पुलिस ने कहा- स्टैंड अप कॉमेडियन द्वारा हिंदू देवताओं के अपमान करने का कोई वीडियो सबूत नहीं”. इस खबर में वायर ने एक चश्मदीद का भी जिक्र किया है, साथ ही एक्सप्रेस की खबर को आधार बताते हुए लिखा कि पुलिस ने भी कहा है कि मुनव्वर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है.
स्क्रोल डॉट इन
स्क्रोल द्वारा लिखी गई इस खबर में हेडलाइन दिया गया हैं- “गिरफ्तारी के दो दिन बाद पुलिस ने कहा मुनव्वर फारूकी के खिलाफ हिंदू देवताओं को अपमानित करने का वीडियो नहीं है”. यह खबर अंग्रेजी में प्रकाशित हुई है.
इस खबर का भी आधार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट ही है. इसमें लिखा गया है कि इंदौर पुलिस ने कहा मुनव्वर के खिलाफ हिंदू देवी-देवताओं को अपमानित करने का कोई वीडियो नहीं मिला. लिखा गया है कि फारूकी की गिरफ्तारी का सोशल मीडिया पर उनके साथी स्टैंडअप कॉमेडियन्स ने विरोध किया है.
न्यूज़ 18
देश में सबसे बड़े न्यूज़ नेटवर्क होने का दावा करने वाले न्यूज़ 18 ने भी एक्सप्रेस की इस खबर को प्रमाणित करने की जहमत नहीं उठाई. जबकि न्यूज़ 18 के राष्ट्रीय चैनल के अलावा मध्यप्रदेश में भी संस्था का एक चैनल है. न्यूज़ 18 के मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ चैनल का ब्यूरो इंदौर में ही है.
न्यूज़ 18 ने भी अन्य मीडिया संस्थानों की तरह इंडियन एक्सप्रेस को आधार बताकर खबर पब्लिश कर दी, कि पुलिस को मुनव्वर के खिलाफ वीडियो में कोई सबूत नहीं मिला.
इसी तरह द क्विंट, मनी कंट्रोल और वन इंडिया ने भी एक्सप्रेस की खबर को आधार बताकर खबर प्रकाशित की. इन सभी खबरों में एक बात साफ दिखी कि, मीडिया संस्थानों ने अपनी तरफ से खबर को जांचने की कोशिश नहीं की, साथ ही सभी का कंटेंट लगभग एक जैसा ही था, फिर चाहें वह हिंदी में हो या अंग्रेजी.
पुलिस ने खबर को दिया ट्विस्ट
मीडिया में जब इस तरह की खबरें चारो तरफ फैल चुकी थीं तब इंदौर पुलिस इन सभी खबरों का खंडन लेकर उपस्थित हुई. इंदौर के तुकोगंज थाना के प्रभारी कमलेश शर्मा ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, “इस तरह की सारी ख़बरें गलत और निराधार हैं. पुलिस को मुनव्वर के खिलाफ सबूत मिले हैं, उसी के आधार पर गिरफ्तारी की गई और कोर्ट ने उन्हें जेल भेजा है.”
उन्होंने आगे कहा, “पुलिस अपनी जांच कर रही है और अभी तक की जांच में हमें मनुव्वर के खिलाफ जो सबूत मिले हैं, उसके आधार पर ही कार्रवाई की गई है.”
जब हमने मीडिया रिपोर्ट्स की बात की तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता मीडिया में क्या चल रहा है, लेकिन मैं जो आप से बता रहा हूं वह सच है.”
इस मामले पर हमने इंदौर के एएसपी ईस्ट जयवीर सिंह भदौरिया से भी बात की. उन्होंने भी टीआई (थाना इंचार्ज) की बात स्वीकारते हुए कहा, “अभी केस की जांच चल रही हैं और पुलिस अच्छी तरीके से केस की जांच कर रही है. रही बात मीडिया रिपोर्ट्स की तो उसकी मुझे जानकारी नहीं है. लेकिन पुलिस को सबूत मिले हैं, उसी के आधार पर यह कार्रवाई की गई.”
इंडियन एक्सप्रेस का जवाब
इंडियन एक्सप्रेस की प्रदेश संवाददाता इरम सिद्दीकी से हमने इस रिपोर्ट को लेकर बात की. यह रिपोर्ट इरम ने ही की थी. उन्होंने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, “मैंने टीआई से बातचीत के आधार पर ही अपनी रिपोर्ट लिखी है और उसका मेरे पास पुख्ता सबूत भी है. टीआई ने जो जानकारी दी थी, हमारी रिपोर्ट उसी के आधार पर है. मैने अपनी रिपोर्ट में पुलिस के अलावा एक चश्मदीद से भी बातचीत की है, जो उस वक्त शो में मौजूद थीं. उन्होंने अपना बयान सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है.”
हमने उनसे बातचीत के सबूत साझा करने की बात कही तो इरम ने जवाब दिया, “हमारी पेशेवर मजबूरी है, जहां मैं काम करती हूं, उसके कुछ नियम कानून हैं इसलिए हम ऑडियो शेयर नहीं कर सकते. मैं बस आपसे यही कहना चाहती हूं कि हमारी रिपोर्ट एकदम सही है, पुलिस के बयान के आधार पर है और हमारे पास उसके सबूत हैं.”
क्या कहते हैं मनुव्वर फारूकी के वकील
न्यूज़लॉन्ड्री ने मुनव्वर फारूकी के वकील अंशुमान श्रीवास्तव से मीडिया रिपोर्ट्स और सबूतों को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि, “कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मुनव्वर के खिलाफ वीडियो में हिंदू देवी-देवताओं और अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक बातें पुलिस को नहीं मिली हैं, लेकिन अदालत में मीडिया रिपोर्ट्स को सबूत के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता. यह अदालत में मान्य नहीं है, इसलिए हमने मेरिट के आधार पर सेशन कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की है, जिसकी सुनवाई मंगलवार को है.”
श्रीवास्तव आगे कहते हैं, “आर्टिकल 19 (A) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत सभी को अपनी बात कहने की आजादी है. हमने इसी को आधार बताकर कोर्ट में जमानत की अर्जी दी है. अगर पुलिस कहती हैं कि अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कहीं गई हैं तो वह बताएं की कौन सी बातें कहीं गई जो आपत्तिजनक हैं, हमें तो वीडियो में ऐसा कुछ नहीं मिला.”
मुनव्वर फारूकी की गिरफ्तारी हिंदू रक्षक संगठन नामक संस्था के संयोजक एकलव्य गौड़ की शिकायत पर की गई थी. गौड़ ने एक्सप्रेस की खबर पर आश्चर्य जताते हुए कहा, “पता नहीं मीडिया में इस तरह की खबरें कहा से आ रही हैं. न्यूज़ 18 जैसा मीडिया संस्थान जिसका मध्य प्रदेश में चैनल है वह भी इस तरह की ख़बर चला रहा है. हमें नहीं पता इंडियन एक्सप्रेस को कहां से यह जानकारी मिली, लेकिन यह जानकारी फेक और झूठ है.”
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