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परस्पर विरोध और मीडिया में अविश्वास: मंगोलपुरी में रिंकू शर्मा की मृत्यु की पड़ताल
बीते शुक्रवार को 25 वर्षीय रिंकू शर्मा की चाकू के घावों की वजह से दिल्ली के मंगोलपुरी में मृत्यु हो गई. पुलिस के अनुसार रिंकू को बुधवार के दिन एक जन्मदिन की पार्टी में बहस और गर्मा-गर्मी हो जाने के बाद चाकू मार दिया गया. कथित तौर पर, उसके ऊपर भारी नुकसान के चलते बंद हुए कई रेस्त्रां जिनमें से एक रिंकू का भी था, पर हुई बहस के बाद साथियों ने हमला कर दिया था.
इस मामले में पुलिस ने अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. जिनके नाम दानिश नसरुद्दीन, मोहम्मद इस्लाम, मोहम्मद मेहताब, जाहिद और ताजुद्दीन हैं.
रिंकू विश्व हिंदू परिषद के सदस्य थे और बजरंग दल से भी जुड़े हुए थे. उनका परिवार यह दावा कर रहा है कि उनकी मृत्यु 'सांप्रदायिक' थी- अर्थात उनके ऊपर हमला इसलिए किया गया क्योंकि वह अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा कर रहे थे.
पुलिस ने ज़ोर देकर कहा है कि झगड़ा रेस्टोरेंट बंद हो जाने के ऊपर हुआ था और घटना के पीछे किसी और कारण को बताना "तथ्यात्मक रूप से गलत" है.
दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर ओपी मिश्रा ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि पुलिस अभी मामले की पड़ताल कर रही है. विषय की "संवेदनशीलता" को देखते हुए उन्होंने प्रार्थना की है कि लोग "अफवाहें फैलाना" बंद कर दें.
दिल्ली पुलिस ने यह मामला अब क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया है.
अनेकों अंतर्विरोध
एसएचओ मुकेश कुमार ने न्यूजलॉन्ड्री को बताया कि झगड़े की शुरुआत 10 फरवरी को मंगोलपुरी के एक रेस्तरां मसाला दरबार में एक जन्मदिन की पार्टी में हुई, जो रिंकू के घर से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर है.
पुलिस ने बताया कि रिंकू और चार आरोपियों ने मिलकर रोहिणी में दो रेस्टोरेंट अक्टूबर के महीने में शुरू किए थे, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि किसने शुरू किया था. दोनों रेस्टोरेंट को आर्थिक नुकसान की वजह से बंद करना पड़ा. पुलिस का कहना है कि सभी रेस्टोरेंट के बंद होने का दोष एक दूसरे पर लगाते थे और अक्सर उनमें गर्मा-गर्मी वाली बहस हो जाया करती थी.
बुधवार को भी जन्मदिन की पार्टी में उनमें इसी बात पर झगड़ा हुआ. एसएचओ कुमार ने कहा कि उसके बाद पांचों आरोपी रिंकू के घर गए और वहां उसे चाकू मार दिया.
इस घटना को इंडियन एक्सप्रेस में भी रिपोर्ट किया था.
विचित्र बात यह है कि घटना का केवल यही एक पक्ष नहीं है.
इंडिया टुडे ने कहा कि रिंकू किसी रेस्टोरेंट के मालिक नहीं थे, उनके दोस्त सचिन और आकाश हैं और रिंकू ने उनकी तरफ से "हस्तक्षेप" किया.
इसके अलावा परिवार का पक्ष भी अलग है. उनके अनुसार रिंकू किसी रेस्टोरेंट का मालिक नहीं था और उनकी मृत्यु का एकमात्र कारण उनका बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद में होना था.
एसएचओ मुकेश कुमार ने इन विरोधाभास के ऊपर टिप्पणी करने से यह कहकर मना कर दिया कि "वह मामले पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते." हम मसाला दरबार रेस्टोरेंट भी गए लेकिन वह बंद था और उसके मालिक अनिल गौतम से संपर्क नहीं हो पाया.
परिवार का पक्ष
रिंकू के भाई, 19 वर्षीय मनु शर्मा दो साल से बजरंग दल से जुड़े हुए हैं. उन्होंने न्यूजलॉन्ड्री को बताया कि जन्मदिन की पार्टी में "कोई झड़प नहीं" हुई और उनके भाई की कोई "व्यापारिक दुश्मनी" नहीं थी.
वे कहते हैं, "यह सब झूठ है. हमारा कोई व्यापार नहीं है. हमारा सेक्टर दो में कोई रेस्टोरेंट नहीं है. रिंकू पश्चिम विहार के बालाजी हॉस्पिटल में लैब टेक्नीशियन था."
मनु ने कहा कि रिंकू "धार्मिक जुलूसों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता था. वह हिंदुओं के लिए काम करता था और आरोपियों को इस बात पर गहरी आपत्ति थी."
मनु का कहना है कि उनका भाई जन्मदिन की पार्टी में 10 फरवरी को गया था. उनके अनुसार आरोपियों, दानिश नसरुद्दीन मोहम्मद इस्लाम, मोहम्मद मेहताब, जाहिद और ताजुद्दीन में से कोई भी इस पार्टी में नहीं था.
मनु आगे कहते हैं, "पार्टी के बाद जब रिंकू घर लौट रहा था तो आरोपियों ने उसे देखा और उसका पीछा किया. जब हम ने दरवाजा खोला तो आरोपी चाकू और लाठियों से लैस थे. वे अंदर घुस आए और हम पर हमला कर दिया. मैंने अपने माता-पिता को बचाने की कोशिश की जिसमें मुझे कई चोटें लगी. इस सबके बीच उन्होंने मेरे भाई को घर के बाहर खींच लिया. उसने बचने की कोशिश की लेकिन हमारे घर से करीब 20 मीटर दूर उन्होंने उसे चाकू मार दिया."
आरोपियों ने उस पर हमला क्यों किया?
मनु आरोप लगाते हैं कि रिंकू 6 महीने से ज्यादा से "उनके निशाने पर" था. अगस्त में अयोध्या पर फ़ैसला आने के बाद से आरोपी रिंकू को "जय श्री राम" नारा लगाने पर परेशान करते थे.
न्यूजलॉन्ड्री मनु के किसी भी दावे की पुष्टि नहीं कर पाई, जैसे कि "आरोपी सात आठ घरों के मालिक हैं", "काला धन" रखते हैं या उनके "पुलिस से संबंध हैं". मनु अपने दावे की पुष्टि कर सके, ऐसा भी उन्होंने कोई सबूत नहीं दिया. इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आरोपियों में से एक, ताजुद्दीन, 10 साल पहले मंगोलपुरी पुलिस थाने में होमगार्ड के तौर पर काम करता था.
हिंदुत्व से संबंध
मंगोलपुरी के के ब्लॉक में जहां रिंकू का निवास है, वहां करीब 100 से 150 घर हैं. इलाके के अधिकतर निवासी हिंदु हैं. के ब्लॉक के एक निवासी जिन्होंने अपना नाम बताने से मना कर दिया, ने कहा कि इलाके में काफी लोग विश्व हिंदू परिषद या बजरंग दल संस्थाओं से जुड़े हुए हैं.
वे कहते हैं, "इन संस्थाओं के सदस्य अधिकतर वह युवा बनते हैं जो या तो अभी कॉलेज में हैं या स्कूल पूरा कर चुके हैं. हम लोगों को सदस्य बनाने के लिए प्रचार करते हैं, विज्ञापन देते हैं यह प्रभावित करने की कोशिश करते हैं. हमारा मुख्य उद्देश्य धार्मिक आदर्शों पर चलना है."
एक और स्थानीय निवासी अनिल कुमार ने रिंकू का विवरण एक सदाचारी और गुणवान व्यक्ति के रूप में किया. उन्होंने कहा, "वह किसी झगड़े में नहीं पड़ता था. वह राम जन्मभूमि मंदिर के लिए दान के अभियान में सक्रिय रूप से शामिल था."
विश्व हिंदू परिषद की स्थानीय इकाई ने यह दावा किया है कि रिंकू की मृत्यु "हिंदुओं पर एक सुनियोजित हमले" का हिस्सा है जिसका कारण उसका राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करने में हिस्सा लेना है. विश्व हिंदू परिषद के एक सदस्य राजपाल ने कहा कि रिंकू काफी धार्मिक प्रवृत्ति के थे; नियमित तौर पर हनुमान चालीसा का पाठ किया करते थे और धर्म-कर्म में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे.
हालांकि रिंकू के परिवार और पुलिस ने यह साफ कर दिया है कि वह एक जन्मदिन की पार्टी में गए थे, लेकिन विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि "कोई जन्मदिन की पार्टी नहीं थी" और रिंकू को "निशाना" बनाया गया था.
शुक्रवार शाम, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के सदस्यों ने कई और लोगों के साथ उनके निवास स्थान के पास कैंडल मार्च निकाला. इसमें उन्होंने यह दावा किया कि रिंकू पर हमला इसलिए हुआ क्योंकि वह राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करने में मदद कर रहा था. उसके घर के पास की संकरी गलियों में उन्होंने "जस्टिस फॉर रिंकू- अर्थात रिंकू के लिए न्याय" लिखे बैनर लहराए.
उसी दिन दिल्ली विधानसभा की डिप्टी स्पीकर और मंगोलपुरी से आम आदमी पार्टी की विधायक, राखी बिड़ला, रिंकू के परिवार से मिलने आईं. रिंकू के भाई मनु ने न्यूजलॉन्ड्री को बताया कि राखी बिड़ला ने उन्हें भरोसा दिलाया कि रिंकू की मृत्यु के लिए जो भी लोग जिम्मेदार हैं उन्हें सजा जरूर मिलेगी.
उन्होंने अपनी बात में यह भी जोड़ा, "हमें सरकार से कोई मुआवजा नहीं चाहिए. हम चाहते हैं कि उन्हें फांसी हो."
मीडिया की तरफ गुस्सा
शुक्रवार को रिंकू के घर के आसपास की गलियां पुलिसकर्मियों से भरी पड़ी थीं. रिंकू के परिवार ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि उन्होंने पुलिस से लिखित में सुरक्षा की मांग की थी. दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर ओपी मिश्रा भी मंगोलपुरी आए थे और वहां पर उन्होंने और फोर्स तैनात की थी.
घर के बाहर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे थे और जैसा उन्होंने न्यूजलॉन्ड्री को बताया वह सब भाजपा, विहिप, बजरंग दल और कई अन्य हिंदुत्ववादी संगठनों के सदस्य थे. इस दौरान हवा में जय श्रीराम के नारे गूंज रहे थे.
न्यूजलॉन्ड्री ने रिंकू की मां से बात करने की कोशिश की. भाजपा के एक कार्यकर्ता ने हमें रोक दिया और कहा, "वह आपसे अलग से बात नहीं करेंगी. आपको जो भी पूछना है, आप यहीं पूछें- हमारे सामने."
इसकी वजह से रिंकू की मां को अपने घर के बाहर, इन "अंगरक्षकों" से घिरकर बैठना पड़ा.
इन सब लोगों से घिरे होने पर भी उन्होंने बताया, "मैं अपने बाकी दोनों बच्चों की तरफ से चिंतित हूं. वह हम सब को मारने आए थे. उन्होंने हमारे सिलेंडर उड़ाने की भी कोशिश की पर किसी तरह मैं उनसे बच गई. एक हमलावर ने मुझे बोला, 'तेरे लाल को ले लिया हमने. जो उखाड़ना है उखाड़ ले.'"
वे कहती हैं, "मुझे न्याय चाहिए. मुझे एक करोड़ मुआवजा चाहिए." मुझे अपने बच्चों के लिए सरकारी नौकरी चाहिए. मुझे न्याय चाहिए."
भीड़ रिंकू की मौत की मीडिया कवरेज को लेकर बड़ी आशंकित थी. बजरंग दल के एक 51 वर्षीय सदस्य विक्रमजीत ने कहा, "वह केवल मनगढ़ंत कहानियां बना रहे हैं कि बर्थडे पार्टी में कोई झगड़ा हुआ. कोई बर्थडे पार्टी नहीं थी. यह सब असली कारण से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है."
बजरंग दल के एक और सदस्य 22 वर्षीय पवन तिवारी भी इसी से सहमति रखते हैं. उन्होंने दावा किया कि आरोपी रिंकू से अगस्त से ही "नफरत" करते थे क्योंकि राम जन्मभूमि फैसला "हिंदुओं" के पक्ष में आया था. उन्होंने जोश में बोला, "अब खून का बदला खून ही होगा."
जब हम स्थानीय लोगों से बात कर रहे थे, करीब 10-15 लोगों का एक झुंड आगे आया और रिंकू के पड़ोसियों और स्थानीय लोगों को मीडिया से बात करने के निर्देश देने लगा. उनमें से एक ने पूछा कि मैं कहां से हूं. जब मैंने बताया कि न्यूजलॉन्ड्री से तो उन्होंने स्थानीय लोगों से तल्खी से बोला, “कोई बहनबाजी नहीं करनी इनके साथ. बिल्कुल उल्टा दिखाएंगे, तुम्हारा बच्चा चला गया, अपनी रोटियां सेकेंगे यह लोग. News24, एबीपी न्यूज़ और बीबीसी, इन्हें नोट कर लो, जूते मारो सालों को जहां दिख जाएं. बाहर करो इनको. कोई लड़की वड़की दया मत करना. लड़की हो इसीलिए मैं खड़ा हूं तमीज से.”
और उन्होंने कहा, “तुम एक लड़की हो इसीलिए मैं तमीज से पेश आ रहा हूं. वरना मैंने तुम्हें निकाल दिया होता. निकल जाओ यहां से.”
बीते शुक्रवार को 25 वर्षीय रिंकू शर्मा की चाकू के घावों की वजह से दिल्ली के मंगोलपुरी में मृत्यु हो गई. पुलिस के अनुसार रिंकू को बुधवार के दिन एक जन्मदिन की पार्टी में बहस और गर्मा-गर्मी हो जाने के बाद चाकू मार दिया गया. कथित तौर पर, उसके ऊपर भारी नुकसान के चलते बंद हुए कई रेस्त्रां जिनमें से एक रिंकू का भी था, पर हुई बहस के बाद साथियों ने हमला कर दिया था.
इस मामले में पुलिस ने अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. जिनके नाम दानिश नसरुद्दीन, मोहम्मद इस्लाम, मोहम्मद मेहताब, जाहिद और ताजुद्दीन हैं.
रिंकू विश्व हिंदू परिषद के सदस्य थे और बजरंग दल से भी जुड़े हुए थे. उनका परिवार यह दावा कर रहा है कि उनकी मृत्यु 'सांप्रदायिक' थी- अर्थात उनके ऊपर हमला इसलिए किया गया क्योंकि वह अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा कर रहे थे.
पुलिस ने ज़ोर देकर कहा है कि झगड़ा रेस्टोरेंट बंद हो जाने के ऊपर हुआ था और घटना के पीछे किसी और कारण को बताना "तथ्यात्मक रूप से गलत" है.
दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर ओपी मिश्रा ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि पुलिस अभी मामले की पड़ताल कर रही है. विषय की "संवेदनशीलता" को देखते हुए उन्होंने प्रार्थना की है कि लोग "अफवाहें फैलाना" बंद कर दें.
दिल्ली पुलिस ने यह मामला अब क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया है.
अनेकों अंतर्विरोध
एसएचओ मुकेश कुमार ने न्यूजलॉन्ड्री को बताया कि झगड़े की शुरुआत 10 फरवरी को मंगोलपुरी के एक रेस्तरां मसाला दरबार में एक जन्मदिन की पार्टी में हुई, जो रिंकू के घर से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर है.
पुलिस ने बताया कि रिंकू और चार आरोपियों ने मिलकर रोहिणी में दो रेस्टोरेंट अक्टूबर के महीने में शुरू किए थे, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि किसने शुरू किया था. दोनों रेस्टोरेंट को आर्थिक नुकसान की वजह से बंद करना पड़ा. पुलिस का कहना है कि सभी रेस्टोरेंट के बंद होने का दोष एक दूसरे पर लगाते थे और अक्सर उनमें गर्मा-गर्मी वाली बहस हो जाया करती थी.
बुधवार को भी जन्मदिन की पार्टी में उनमें इसी बात पर झगड़ा हुआ. एसएचओ कुमार ने कहा कि उसके बाद पांचों आरोपी रिंकू के घर गए और वहां उसे चाकू मार दिया.
इस घटना को इंडियन एक्सप्रेस में भी रिपोर्ट किया था.
विचित्र बात यह है कि घटना का केवल यही एक पक्ष नहीं है.
इंडिया टुडे ने कहा कि रिंकू किसी रेस्टोरेंट के मालिक नहीं थे, उनके दोस्त सचिन और आकाश हैं और रिंकू ने उनकी तरफ से "हस्तक्षेप" किया.
इसके अलावा परिवार का पक्ष भी अलग है. उनके अनुसार रिंकू किसी रेस्टोरेंट का मालिक नहीं था और उनकी मृत्यु का एकमात्र कारण उनका बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद में होना था.
एसएचओ मुकेश कुमार ने इन विरोधाभास के ऊपर टिप्पणी करने से यह कहकर मना कर दिया कि "वह मामले पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते." हम मसाला दरबार रेस्टोरेंट भी गए लेकिन वह बंद था और उसके मालिक अनिल गौतम से संपर्क नहीं हो पाया.
परिवार का पक्ष
रिंकू के भाई, 19 वर्षीय मनु शर्मा दो साल से बजरंग दल से जुड़े हुए हैं. उन्होंने न्यूजलॉन्ड्री को बताया कि जन्मदिन की पार्टी में "कोई झड़प नहीं" हुई और उनके भाई की कोई "व्यापारिक दुश्मनी" नहीं थी.
वे कहते हैं, "यह सब झूठ है. हमारा कोई व्यापार नहीं है. हमारा सेक्टर दो में कोई रेस्टोरेंट नहीं है. रिंकू पश्चिम विहार के बालाजी हॉस्पिटल में लैब टेक्नीशियन था."
मनु ने कहा कि रिंकू "धार्मिक जुलूसों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता था. वह हिंदुओं के लिए काम करता था और आरोपियों को इस बात पर गहरी आपत्ति थी."
मनु का कहना है कि उनका भाई जन्मदिन की पार्टी में 10 फरवरी को गया था. उनके अनुसार आरोपियों, दानिश नसरुद्दीन मोहम्मद इस्लाम, मोहम्मद मेहताब, जाहिद और ताजुद्दीन में से कोई भी इस पार्टी में नहीं था.
मनु आगे कहते हैं, "पार्टी के बाद जब रिंकू घर लौट रहा था तो आरोपियों ने उसे देखा और उसका पीछा किया. जब हम ने दरवाजा खोला तो आरोपी चाकू और लाठियों से लैस थे. वे अंदर घुस आए और हम पर हमला कर दिया. मैंने अपने माता-पिता को बचाने की कोशिश की जिसमें मुझे कई चोटें लगी. इस सबके बीच उन्होंने मेरे भाई को घर के बाहर खींच लिया. उसने बचने की कोशिश की लेकिन हमारे घर से करीब 20 मीटर दूर उन्होंने उसे चाकू मार दिया."
आरोपियों ने उस पर हमला क्यों किया?
मनु आरोप लगाते हैं कि रिंकू 6 महीने से ज्यादा से "उनके निशाने पर" था. अगस्त में अयोध्या पर फ़ैसला आने के बाद से आरोपी रिंकू को "जय श्री राम" नारा लगाने पर परेशान करते थे.
न्यूजलॉन्ड्री मनु के किसी भी दावे की पुष्टि नहीं कर पाई, जैसे कि "आरोपी सात आठ घरों के मालिक हैं", "काला धन" रखते हैं या उनके "पुलिस से संबंध हैं". मनु अपने दावे की पुष्टि कर सके, ऐसा भी उन्होंने कोई सबूत नहीं दिया. इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आरोपियों में से एक, ताजुद्दीन, 10 साल पहले मंगोलपुरी पुलिस थाने में होमगार्ड के तौर पर काम करता था.
हिंदुत्व से संबंध
मंगोलपुरी के के ब्लॉक में जहां रिंकू का निवास है, वहां करीब 100 से 150 घर हैं. इलाके के अधिकतर निवासी हिंदु हैं. के ब्लॉक के एक निवासी जिन्होंने अपना नाम बताने से मना कर दिया, ने कहा कि इलाके में काफी लोग विश्व हिंदू परिषद या बजरंग दल संस्थाओं से जुड़े हुए हैं.
वे कहते हैं, "इन संस्थाओं के सदस्य अधिकतर वह युवा बनते हैं जो या तो अभी कॉलेज में हैं या स्कूल पूरा कर चुके हैं. हम लोगों को सदस्य बनाने के लिए प्रचार करते हैं, विज्ञापन देते हैं यह प्रभावित करने की कोशिश करते हैं. हमारा मुख्य उद्देश्य धार्मिक आदर्शों पर चलना है."
एक और स्थानीय निवासी अनिल कुमार ने रिंकू का विवरण एक सदाचारी और गुणवान व्यक्ति के रूप में किया. उन्होंने कहा, "वह किसी झगड़े में नहीं पड़ता था. वह राम जन्मभूमि मंदिर के लिए दान के अभियान में सक्रिय रूप से शामिल था."
विश्व हिंदू परिषद की स्थानीय इकाई ने यह दावा किया है कि रिंकू की मृत्यु "हिंदुओं पर एक सुनियोजित हमले" का हिस्सा है जिसका कारण उसका राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करने में हिस्सा लेना है. विश्व हिंदू परिषद के एक सदस्य राजपाल ने कहा कि रिंकू काफी धार्मिक प्रवृत्ति के थे; नियमित तौर पर हनुमान चालीसा का पाठ किया करते थे और धर्म-कर्म में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे.
हालांकि रिंकू के परिवार और पुलिस ने यह साफ कर दिया है कि वह एक जन्मदिन की पार्टी में गए थे, लेकिन विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि "कोई जन्मदिन की पार्टी नहीं थी" और रिंकू को "निशाना" बनाया गया था.
शुक्रवार शाम, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के सदस्यों ने कई और लोगों के साथ उनके निवास स्थान के पास कैंडल मार्च निकाला. इसमें उन्होंने यह दावा किया कि रिंकू पर हमला इसलिए हुआ क्योंकि वह राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करने में मदद कर रहा था. उसके घर के पास की संकरी गलियों में उन्होंने "जस्टिस फॉर रिंकू- अर्थात रिंकू के लिए न्याय" लिखे बैनर लहराए.
उसी दिन दिल्ली विधानसभा की डिप्टी स्पीकर और मंगोलपुरी से आम आदमी पार्टी की विधायक, राखी बिड़ला, रिंकू के परिवार से मिलने आईं. रिंकू के भाई मनु ने न्यूजलॉन्ड्री को बताया कि राखी बिड़ला ने उन्हें भरोसा दिलाया कि रिंकू की मृत्यु के लिए जो भी लोग जिम्मेदार हैं उन्हें सजा जरूर मिलेगी.
उन्होंने अपनी बात में यह भी जोड़ा, "हमें सरकार से कोई मुआवजा नहीं चाहिए. हम चाहते हैं कि उन्हें फांसी हो."
मीडिया की तरफ गुस्सा
शुक्रवार को रिंकू के घर के आसपास की गलियां पुलिसकर्मियों से भरी पड़ी थीं. रिंकू के परिवार ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि उन्होंने पुलिस से लिखित में सुरक्षा की मांग की थी. दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर ओपी मिश्रा भी मंगोलपुरी आए थे और वहां पर उन्होंने और फोर्स तैनात की थी.
घर के बाहर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे थे और जैसा उन्होंने न्यूजलॉन्ड्री को बताया वह सब भाजपा, विहिप, बजरंग दल और कई अन्य हिंदुत्ववादी संगठनों के सदस्य थे. इस दौरान हवा में जय श्रीराम के नारे गूंज रहे थे.
न्यूजलॉन्ड्री ने रिंकू की मां से बात करने की कोशिश की. भाजपा के एक कार्यकर्ता ने हमें रोक दिया और कहा, "वह आपसे अलग से बात नहीं करेंगी. आपको जो भी पूछना है, आप यहीं पूछें- हमारे सामने."
इसकी वजह से रिंकू की मां को अपने घर के बाहर, इन "अंगरक्षकों" से घिरकर बैठना पड़ा.
इन सब लोगों से घिरे होने पर भी उन्होंने बताया, "मैं अपने बाकी दोनों बच्चों की तरफ से चिंतित हूं. वह हम सब को मारने आए थे. उन्होंने हमारे सिलेंडर उड़ाने की भी कोशिश की पर किसी तरह मैं उनसे बच गई. एक हमलावर ने मुझे बोला, 'तेरे लाल को ले लिया हमने. जो उखाड़ना है उखाड़ ले.'"
वे कहती हैं, "मुझे न्याय चाहिए. मुझे एक करोड़ मुआवजा चाहिए." मुझे अपने बच्चों के लिए सरकारी नौकरी चाहिए. मुझे न्याय चाहिए."
भीड़ रिंकू की मौत की मीडिया कवरेज को लेकर बड़ी आशंकित थी. बजरंग दल के एक 51 वर्षीय सदस्य विक्रमजीत ने कहा, "वह केवल मनगढ़ंत कहानियां बना रहे हैं कि बर्थडे पार्टी में कोई झगड़ा हुआ. कोई बर्थडे पार्टी नहीं थी. यह सब असली कारण से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है."
बजरंग दल के एक और सदस्य 22 वर्षीय पवन तिवारी भी इसी से सहमति रखते हैं. उन्होंने दावा किया कि आरोपी रिंकू से अगस्त से ही "नफरत" करते थे क्योंकि राम जन्मभूमि फैसला "हिंदुओं" के पक्ष में आया था. उन्होंने जोश में बोला, "अब खून का बदला खून ही होगा."
जब हम स्थानीय लोगों से बात कर रहे थे, करीब 10-15 लोगों का एक झुंड आगे आया और रिंकू के पड़ोसियों और स्थानीय लोगों को मीडिया से बात करने के निर्देश देने लगा. उनमें से एक ने पूछा कि मैं कहां से हूं. जब मैंने बताया कि न्यूजलॉन्ड्री से तो उन्होंने स्थानीय लोगों से तल्खी से बोला, “कोई बहनबाजी नहीं करनी इनके साथ. बिल्कुल उल्टा दिखाएंगे, तुम्हारा बच्चा चला गया, अपनी रोटियां सेकेंगे यह लोग. News24, एबीपी न्यूज़ और बीबीसी, इन्हें नोट कर लो, जूते मारो सालों को जहां दिख जाएं. बाहर करो इनको. कोई लड़की वड़की दया मत करना. लड़की हो इसीलिए मैं खड़ा हूं तमीज से.”
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