Media
टाइम्स नाउ के दावों के उलट, पुणे पुलिस का पीएफआई के प्रदर्शन में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारों से इंकार
देशभर में एनआईए और ईडी द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर हुई छापेमारी के विरोध में 23 सितंबर को पुणे में प्रदर्शन हुआ.
पीएफआई ने यह प्रदर्शन पुणे में कलेक्टर ऑफिस के बाहर किया. प्रदर्शन को लेकर टाइम्स नाउ ने खबर चलाई कि पीएफआई के प्रदर्शनकारियों ने "पाकिस्तान जिंदाबाद" के नारे लगाए.
न सिर्फ टाइम्स नाउ बल्कि न्यूज़ एजेंसी एएनआई, रिपब्लिक, नईदुनिया और लोकमत ने भी यह खबर चलाई.
मीडिया में बताई जानकारी के विपरीत पुणे पुलिस ने ऐसी किसी नारेबाजी से इनकार किया.
प्रदर्शन के समय मौजूद कई पुलिस अधिकारियों ने न्यूजलॉन्ड्री को बताया कि पीएफआई के सदस्यों ने "जिंदाबाद, जिंदाबाद, पॉपुलर फ्रंट जिंदाबाद" का नारा लगाया. उनके नारों में पाकिस्तान का जिक्र नहीं था.
बंड गार्डन थाने के पुलिस अधीक्षक प्रताप मानकर कहते हैं, "किसी ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा नहीं लगाया. यह पूरी तरह से झूठ है. पॉपुलर फ्रंट जिंदाबाद का नारा लगाया गया."
बंड गार्डन थाने के एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहते हैं, “यह पूरी तरह से फर्जी खबर है. कुछ चैनल हमारे शहर में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के लिए गलत सूचना फैला रहे हैं. हमने सब कुछ अच्छे से जांच किया है. प्रदर्शनकारी पाकिस्तान के पक्ष में नहीं बल्कि पॉपुलर फ्रंट के पक्ष में नारे लगा रहे थे.”
न्यूज़लॉन्ड्री ने कुछ प्रदर्शनकारियों से भी बात की और उन सभी ने "पाकिस्तान जिंदाबाद" के नारे को सुनने से इनकार किया.
प्रदर्शन में शामिल अब्दुल अजीज ने कहा, "पुलिस ने विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी, तब भी करीब 200-250 कार्यकर्ता कलेक्टर कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए. जिसमें प्रदर्शनकारी “जिंदाबाद, जिंदाबाद, पॉपुलर फ्रंट जिंदाबाद” और “अल्लाह-हू-अकबर” के कुछ नारे लगा रहे थे. 10 मिनट बाद पुलिस ने करीब 40 लोगों को हिरासत में लेकर देर शाम उन्हें छोड़ दिया. मैं पूरे समय वहां था. किसी ने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे नहीं लगाए.”
एक अन्य प्रदर्शनकारी मोहम्मद कैज़ ने कहा, “किसी भी प्रदर्शनकारी ने ऐसा कोई नारा नहीं लगाया.”
Also Read
-
Uttarakhand: Over 1,000 forest fires in 4 months, crisis looms amid poor preparedness
-
Modi has spoken to the new NDTV. He wasn’t this accommodating before
-
Know Your Turncoats, Part 13: In Maharashtra’s 7, Ajit loyalist who joined Pawar Sr, MP with Rs 105 cr
-
Loss of tribal rights, homes: The hidden cost of India’s tribal reserves
-
उत्तराखंड: चार महीनों में 1,000 से अधिक जंगलों में आग, खराब तैयारियों के बीच मंडराता संकट