Media
द वायर के संपादकों से 16 डिवाइस पुलिस ने किए जब्त, नहीं दी हैश वैल्यू
सोमवार को द वायर और उसके संपादकों के घरों की हुई तलाशी के बाद दिल्ली पुलिस ने 16 इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया है. बता दें कि द वायर के दो कर्मचारियों के घर भी पुलिस ने दबिश की थी. यह तलाशी मंगलवार सुबह 5 बजे तक चलती रही.
द वायर के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के नई दिल्ली स्थित घर पर तीन घंटे की तलाशी के बाद पुलिस ने दो मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और एक आईपैड जब्त किया. साथ ही उनके निजी और कंपनी ईमेल आईडी का पासवर्ड भी पुलिस ने ले लिया.
संपादक एमके वेणु के पास से पुलिस ने एक मोबाइल और लैपटॉप, संपादक सिद्धार्थ भाटिया से एक मोबाइल और लैपटॉप, डिप्टी एडिटर और एग्जीक्यूटिव न्यूज़ प्रोड्यूसर जाह्नवी सेन का एक मोबाइल और लैपटॉप, प्रोडक्ट और बिजनेस हेड मिथुन किदांबी का एक मोबाइल और लैपटॉप और एक वीडियो रिपोर्टर का फोन और लैपटॉप लिया. इस रिपोर्टर ने द वायर और मेटा विवाद को समझाते हुए एक वीडियो बनाया था.
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त करने के साथ-साथ दिल्ली पुलिस ने सभी से उनके ईमेल के पासवर्ड और फोन का पासवर्ड भी लिया है.
कंपनी के संपादकों और कर्मचारियों के अलावा दिल्ली पुलिस की टीम ने द वायर के दफ्तर से अकाउंट विभाग के कंप्यूटर से हार्ड डिस्क भी जब्त की है. इन सभी उपकरणों की पुलिस द्वारा रिपोर्ट लिखे जाने तक कोई हैश वैल्यू नहीं दी गई है.
दिल्ली पुलिस के डीसीपी क्राइम अमित गोयल ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, “तलाशी के दौरान पुलिस टीम ने सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ही जब्त किए हैं. जल्द ही सभी की हैश वैल्यू दी जाएगी.”
हैश वैल्यू के सवाल पर सिद्धार्थ ने न्यूज़लॉन्ड्री से कहा "हमने पुलिस से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के हैश वैल्यू देने के लिए कहा है, लेकिन उन्होंने अभी तक हमें हैश वैल्यू नहीं दी है. पुलिस ने कहा कि वह बाद में देंगे.”
बता दें कि भाजपा नेता अमित मालवीय की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420(धोखाधड़ी), 468, 469(फर्जीवाड़ा), 471(ठगी), 500(मानहानि), 120 बी(आपराधिक साजिश) और धारा 34(आपराधिक गतिविधि) के तहत वायर और उसके संपादकों के खिलाफ शनिवार को मामला दर्ज किया था.
लेकिन द वायर द्वारा देवेश कुमार के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत पर अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. इस पर डीएसपी अमित गोयल ने कहा, “एक ही मामले में दो एफआईआर नहीं हो सकती हैं. कागजात में छेड़छाड़ को लेकर ही अमित मालवीय ने शिकायत की थी. वही शिकायत वायर ने भी दी है. मामले की जांच चल रही है. जो भी लोग दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे.”
क्या होती है हैश वैल्यू और क्या हैं नियम?
किसी इंसान की उंगलियों के निशानों की तरह ही हर उपकरण की हैश वैल्यू भी अलग-अलग होती है. डिजिटल उपकरण में कोई दस्तावेज या फाइल डालने या निकलने या छेड़छाड़ से यह वैल्यू बदलती है, जिससे उपकरण के साथ हुई छेड़छाड़ का पता चल जाता है.
एक बार किसी उपकरण का हैश वैल्यू निकालने के बाद अगर उसमें कोई भी बदलाव किया जाता है, तो उपकरण की वैल्यू बदल जाती है.
हैश वैल्यू इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई बार उपकरणों को जब्त किए जाने के बाद उनसे छेड़छाड़ की जा सकती है. 2018 में भीमा कोरेगांव मामले में पुणे पुलिस ने आरोपियों की हार्ड डिस्क को जब्त किया था, लेकिन हैश वैल्यू नहीं दी थी. बता में पता चला कि आरोपियों के लैपटॉप व फोन से छेड़छाड़ की गई थी.
क्या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जब्ती के समय हैश वैल्यू देना अनिवार्य है, इस पर दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता हर्षल अरोड़ा कहते हैं, “जरूरी नहीं है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि जांच अधिकारी इसे उनके साथ साझा करते हैं या नहीं. यह कानून अनिवार्य नहीं है.”
आपराधिक मामलों के वकील दिव्यम नंदराजोग कहते हैं, “वैसे तो हैशिंग, जब्ती के समय होनी चाहिए. लेकिन हैशिंग को लेकर भारतीय कानून में कोई नियम नहीं है.”
अरोड़ा ने कहा कि आमतौर पर हैश वैल्यू पीड़ित पक्ष के साथ एफएसएल रिपोर्ट के साथ ही साझा की जाती है. एक बार चार्जशीट दायर होने के बाद, सीआरपीसी की धारा 2017 के तहत बचाव पक्ष के साथ दस्तावेज और सबूत साझा करना होता है.
अरोड़ा और नंदराजोग दोनों के अनुभव में, एफएसएल रिपोर्ट के बचाव पक्ष तक पहुंचने में कुछ महीनों से लेकर कई साल तक लग सकते हैं.
दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन्स’ इकाई (आईएफएसओ) की वेबसाइट पर भी उल्लेख किया गया है कि राष्ट्रीय अपराध फोरेंसिक प्रयोगशाला (एनसीएफएल) के पास "ऑन-साइट” जांच के लिए, “पोर्टेबल फोरेंसिक टूल्स” हैं.
Also Read
-
TV Newsance 253: A meeting with News18’s Bhaiyaji, News24’s Rajeev Ranjan in Lucknow
-
Uttarakhand: Forests across 1,500 hectares burned in a year. Were fire lines drawn to prevent it?
-
Know Your Turncoats, Part 15: NDA has 53% defectors in phase 5; 2 in Shinde camp after ED whip
-
Grand rallies at Mumbai: What are Mahayuti and MVA supporters saying?
-
Reporters Without Orders Ep 322: Bansuri Swaraj’s debut, Sambhal violence