हेमंत और अवधेश कुमार की तस्वीर.
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मथुरा: पुलिस ने 1 मार्च को उठाया 4 मार्च को पैर में गोली मारकर दिखाई मुठभेड़

'हाफ एनकाउंटर', जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस 'ऑपरेशन लंगड़ा' कहती है, एक ऐसी कार्रवाई है जिसमें पुलिस अपराधियों को ज़िंदा पकड़ने के लिए उनके पैरों में गोली मारती है. गोली लगते ही आरोपी ज़मीन पर गिर जाता है और पुलिस उसे गिरफ़्तार कर लेती है.

ऐसी ही एक कहानी मथुरा के हेमंत की है. हेमंत डीजे बनाने का काम करते हैं. उसे 1 मार्च 2025 को पुलिस ने औरंगाबाद बाज़ार स्थित एक दुकान से उठाया. इसके बाद 3 और 4 मार्च की दरम्यानी रात, पुलिस एक मुठभेड़ का दावा करती है और हेमंत समेत एक अन्य युवक के पैर में गोली मार देती है यानी 'हाफ एनकाउंटर' कर देती है.

हेमंत को उठाने की पूरी घटना आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हो जाती है. हैरानी की बात यह है कि 2 मार्च को ही परिजनों ने थाना सदर बाजार में हेमंत की गुमशुदगी दर्ज कराई थी, जो पुलिस की मुठभेड़ की इस स्क्रिप्ट पर गंभीर सवाल खड़े करता है.

उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार, 2017 से अब तक कुल 14,973 मुठभेड़ों में 238 अपराधी मारे गए, जबकि 9,467 को पैरों में गोली लगी. इसके अलावा 30,694 अपराधियों को गिरफ़्तार किया गया.

पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण के मुताबिक, सबसे ज़्यादा मुठभेड़ें पश्चिम यूपी के मेरठ ज़ोन में हुईं, जहां 7,969 गिरफ्तारियां और 2,911 घायल हुए। आगरा ज़ोन में 5,529 अपराधी पकड़े गए, जिनमें 741 घायल हुए, जबकि बरेली ज़ोन में 4,383 गिरफ्तारियां और 921 घायल हुए.

इस रिपोर्ट के लिए हमने मथुरा का दौरा किया और उस स्थान तक भी पहुंचे, जो उनके घर से करीब 35 किलोमीटर दूर है, जहां पुलिस ने उन्हें गोली मारी थी.

देखिए पूरी वीडियो रिपोर्ट-

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