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कश्मीरियों के माथे पर बंदूक रखकर किया जा रहा उनकी किस्मत का फैसला: शेहला रशीद

सोमवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को ख़त्म कर दिया. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अब दो अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेश होंगे. लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी, जबकि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी, दिल्ली की तर्ज पर.

जम्मू कश्मीर राज्य को लेकर फैसला लिया जा रहा था लेकिन वहां के लोगों को इसकी भनक तक नहीं थी. एक रात पहले से ही वहां इंटरनेट बंद कर दिया गया, फोन बंद कर दी गए. टेलीविजन भी नहीं चल रहा. यानी कश्मीर के शेष भारत से संपर्क बिल्कुल खत्म कर दिया गया. और तो और राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को नज़रबंद कर दिया गया. कश्मीर में क्या चल रहा इसकी जानकारी किसी को भी नहीं है.

जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद जो हाल ही में पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैज़ल की नवगठित राजनीतिक दल ‘जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट’ की महासचिव बनाई गई हैं, से न्यूज़लॉन्ड्री ने बात की.

न्यूजलॉन्ड्री से बात करते हुए शेहला ने कहा कि “ केंद्र सरकार को एक बिल पास करने के लिए जम्मू-कश्मीर का गला दबाना पड़ता है. केंद्र सरकार ने इतना गलत फैसला लिया है जिसे वे खुद जस्टिफाई नहीं कर सकते हैं. आर्टिकल 370 को ख़त्म नहीं किया जा सकता है.”

शेहला ने आगे कहा, “सरकार के इस फैसले को हम कोर्ट में चुनौती देंगे. कानूनी तरीके से लड़ेंगे. ये गलत बताया जा रहा है कि कश्मीर में बाहर के लोग कुछ नहीं कर सकते. वहां ताज होटल है, ललित होटल है. वहां भी लीज पर आसानी से ज़मीन मिल जाती है, तो सरकार का यह तर्क बेकार है की वहां उद्योग नहीं लग पा रहे थे.”

शेहला कहती हैं, “जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय कुछ शर्तों के साथ हुआ था जिसे सरकार खत्म नहीं कर सकती है. आज हमें कश्मीर से कोई भी सूचना नहीं मिल पा रही है. वहां के लोगों को यह भी मालूम नहीं था की ऐसा कोई फैसला लिया जा रहा है. एक यूनियन टेरेटरी को स्टेट बनाया जा सकता है, स्टेट को यूनियन टेरेटरी नहीं बनाया जाता.”

सरकार के इस फैसले के बाद अलगाववादी कश्मीरी युवाओं को भड़का सकते है. इस सवाल के जवाब में शेहला ने कहा कि “अलगाववादी कौन है? बीजेपी और अमित शाह अलगाववादी हैं. हमारा राज्य तो विविधता में एकता की मिसाल रहा है.”

इसके साथ ही इस मुद्दे से जुड़े तमाम पहलुओं पर शेहला रशीद ने अपने विचार रखे. पूरा इंटरव्यू यहां देखें.