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न्यूज़-18 ने अपने पाठकों को दिया फैक्ट चेक के बाद फ़ेक न्यूज़ का डोज़
फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘छपाक’ को लेकर न्यूज़-18 ने कुछ हैरान करने वाली जानकारियां दी हैं.
न्यूज़-18 ने 8 जनवरी की रात 9 बजे फिल्म के एक कलाकार का मुस्लिम नाम बदल कर हिंदू किए जाने को लेकर एक फैक्ट चेक किया था. इसका शीर्षक था- ‘‘Fact Check: क्या सच में दीपिका की फिल्म छपाक में दोषी नदीम का नाम बदल कर राजेश कर दिया है?’’
अपने इस लेख में न्यूज़ 18 लिखता है, ‘‘मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया रहा है कि ‘राजेश’ फिल्म में एसिड फेंकने के किरदार का नाम नहीं है. जबकि राजेश और नदीम खान पूरे दिन ट्विटर पर टॉप ट्रेंड में शामिल रहे. अब तक इन दोनों नामों को लेकर डेढ़ लाख से ज्यादा ट्वीट हो चुके हैं. लेकिन यह सच नहीं है. फिल्म में एसिड फेंकने वाले का नाम बबलू उर्फ बशीर खान है.”
इसके बाद 9 जनवरी की सुबह होते-होते न्यूज़-18 के सुर बदल गए. अपने ही फैक्ट चेक को नज़रअंदाज करते हुए न्यूज़-18 ने 10:29 बजे एक और स्टोरी प्रकाशित किया जिसे फेक न्यूज़ कहा जा सकता है. पहले इस लेख का शीर्षक था- ‘विरोध के बाद दीपिका पादुकोण ने सुधारी ये गलती, रातों-रात ‘छपाक’ में किया ऐसा बदलाव!’ जाहिर है यह सच नहीं था लिहाजा लोगों ने इसकी शिकायत शुरू की तो न्यूज़-18 ने इसका शीर्षक बदलकर ‘‘क्या विरोध के बाद ‘छपाक’ में किया गया बदलाव! सोशल मीडिया पर इन्होंने किया दावा.’’ कर दिया गया.
थोड़ी देर बाद न्यूज़-18 से यह स्टोरी हटा दी गई है.
बीते मंगलवार को दीपिका पादुकोण छात्रों पर हुए हमले के खिलाफ उनका समर्थन करने के लिए जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी (जेएनयू) पहुंची थीं. उन्होंने वहां छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष से मुलाकात की थी. रविवार को नकाबपोश हमलावरों ने आइशी घोष पर हमला कर उनका सिर फोड़ दिया था. उनके साथ कुल 36 लोग इस हमले में घायल हुए थे. दीपिका के जेएनयू जाने से एक तबका खासा नाराज हो गया और सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना करने लगा.
10 जनवरी को रिलीज होने वाली दीपिका की फिल्म छपाक के बहिष्कार की मुहिम शुरू हो गई. इसके साथ ही कुछ लोगों ने यह अफवाह भी फैला दी कि फिल्म में मुख्य आरोपी का नाम मुस्लिम से बदल कर हिंदू कर दिया गया है.
एसिड पीड़िता लक्ष्मी पर अटैक करने वाले ‘नदीम’ का नाम बदलकर ‘राजेश’ करने का आरोप लगाते हुए लोगों ने दीपिका पर हमला शुरू कर दिया. इस बेबुनियाद आरोप को लेकर कई पत्रकारों और मीडिया संस्थानों ने राय और खबरें दिखाई.
यह विवाद उठने के बाद हिंदुस्तान टाइम्स ने एक फैक्ट चेक रिपोर्ट आठ जनवरी की शाम 6:28 बजे प्रकाशित किया. रिपोर्ट के अनुसार ‘‘फिल्म में आरोपी का नाम राजेश नहीं बशीर खान उर्फ़ बाबू है. वहीं राजेश जिस किरदार का नाम है, वो मालती (लक्ष्मी) का वर्तमान पार्टनर है.’’
वहीं न्यूज़-18 ने 9 जनवरी की सुबह प्रकाशित अपने लेख में दावा किया कि ‘‘दीपिका पादुकोण की ‘छपाक’ पर आरोप था कि असली घटना से प्रेरित इस फिल्म में आरोपी का नाम नदीम से बदल कर राजेश कर दिया गया था, जिसके बाद घबराए मेकर्स ने रातों-रात इसे ठीक किया.’’
न्यूज़-18 ने यह रिपोर्ट ईशकरण नाम के शख्स के ट्वीट के आधार पर लिखा है. रिपोर्ट में न्यूज़-18 लिखता है, ‘‘जब ‘छपाक’ में आरोपी का नाम और धर्म बदलने की बात सामने आई, तो जबरदस्त विरोध के बीच राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विटर पर लिखा- “ईशकरण दीपिका पादुकोण और प्रोड्यूसर्स के लिए एक लीगल नोटिस तैयार कर रहे हैं, अगर उन्होंने वाकई आरोपी नाम बदल कर हिंदू किया है जो असल जिंदगी में मुस्लिम है तो ये मानहानि का मामला है.”
अब इस खबर को हटा दिया गया है.
न्यूज़-18 आगे लिखता है, ‘‘जिसके बाद ईशकरण ने ट्वीट करके नाम बदलने के आरोप को सही बताया था कि और कहा था कि वो अगले ही दिन फिल्म के मेकर्स को नोटिस भेजने को तैयार हैं. वहीं, आज ईशकरण ने ट्वीट करके बताया है कि मेकर्स ने रातों-रात ये गलती ठीक कर ली है. कुछ ही मिनटों पहले ईशकरण ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया है- ‘मैंने सुना है कि दीपिका पादुकोण की फिल्म में आरोपी का नाम रातोरात बदल दिया गया है.’’
न्यूज़-18 ने जिस ईशकरण सिंह भंडारी के ट्विटर के आधार पर रिपोर्ट तैयार किया है, ट्विटर पर उनका परिचय वकील, स्तंभकार और राजनीतिक विश्लेषक के तौर पर मौजूद है. इन्हें बीजेपी नेता गिरिराज सिंह, सुब्रमण्यम स्वामी, तेजस्वी सूर्या, अमित मालवीय जैसे लोग फॉलो करते हैं.
न्यूज़ 18 की इस रिपोर्ट के बाद सवाल यह उठता है जब आठ जनवरी को ही आरोपी के नाम को लेकर सच सामने आ गया तो एक ट्वीट के आधार पर रिपोर्ट करना और रिपोर्ट में यह बताना कि रातों-रात आरोपी का नाम बदल कर सही कर दिया गया, कितना जायज है.
आठ जनवरी से पहले ही तमाम लोगों ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा कर दी थी कि फिल्म में आरोपी का नाम मुस्लिम है न कि हिंदू. इसके अलावा खुद न्यूज़-18 ने जब फैक्ट चेक किया था तब फिर उसे एक और तथ्यहीन, फेक रिपोर्ट लिखने की क्या जरूरत थी?
हमने न्यूज़ 18 हिंदी के संपादक दयाशंकर मिश्रा से बात करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो सकी. हालांकि अब यह ख़बर न्यूज़-18 की वेबसाइट से हटा दी गई है.
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