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मजदूरों को सड़क पर छोड़ एंकर-एंकराओं का पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और चीन पर हमला
इस हफ्ते टिप्पणी में कहानी सुनिए समझदार सिंह की. हमारे सियासतदान भी अपनी वीरता और पौरुष की कहानियां जिस तरीके से बखान करते हैं, वो समझदार सिंह की समझदारी को मात देती है. जानिए क्या है वो कहानी.
योगी आदित्यनाथ महाराज ने खुलेआम दावा किया कि उन्होंने श्रम कानूनों का रिफॉर्म कर दिया है. अब सभी कंपनियों को मिनिमम वेजेज़ देना अनिवार्य होगा. इस देश में मिनिमम वेजेज़ एक्ट, 1948 में लागू हुआ था, पर महाराज ने इसे अब लागू किया है. महाराज ने यह भी कहा कि किसी भी कंपनी को मजदूरों से दस घंटे से ज्यादा काम करवाने की छूट नहीं दी जाएगी. फैक्ट्री एक्ट 1948 और इंडस्ट्रियल डेस्प्यूट एक्ट 1947 इस देश के मजदूरों, श्रमिकों से 8 घंटे काम करवाने का दम भरते हैं. लेकिन योगीजी को लगता है कि उन्होंने काम के घंटे 10 करके मजदूरों का उद्धार किया है. समझदार सिंह जहां भी हों, उनको नमन पहुंचे, देश उन्हीं की दिखाई राह पर चल रहा है.
समझदारी की अनगिनत कहानियां इन दिनों हर तरफ लिखी जा रही हैं. उत्तर प्रदेश के मजदूर यूपी-दिल्ली और यूपी-मध्य प्रदेश की सीमाओं पर आ डटे तो सरकार ने न उन्हें अपने राज्य में घुसने दिया न ही उनके लिए कोई यातायात का प्रबंध किया. इस पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने एक हजार बसें मुहैया करवाने का दांव चला. इस दांव से हड़बड़ाए योगीजी के प्रशासन ने खुद तो कोई प्रबंध नहीं किया लेकिन उनका पूरा प्रशासनिक अमला उन बसों की वैधता जांचने में जुट गया जो कांग्रेस पार्टी ने मुहैया करवायी थीं. इसी तरह की तमाम समझदारियों, उलटबांसियों पर इस हफ्ते की टिप्पणी देखिए.
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