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एनएल चर्चा 118: भारत-चीन सीमा विवाद, हवाई सेवा बहाली और अन्य
एनएल चर्चा का 118वां अंक बंगाल और ओडिशा में आए अम्फन तूफान, भारत चीन के बीच जारी सीमा विवाद, कोरोना वायरस से संक्रमितों की बढ़ती संख्या, इंवाका ट्रंप का ट्वीट और फिर से शुरू हुई हवाई यातायात जैसे विषयों पर केंद्रित रही.
इस बार चर्चा में एनडीटीवी इंडिया के फॉरेन अफेयर्स एडिटर उमाशंकर सिंह, न्यूज़लॉन्ड्री के स्तंभकार आनंद वर्धन और एसोसिएट एडिटर मेघनाथ एस शामिल हुए. चर्चा का संलाचन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
अतुल ने चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा लंबे समय से भारत और चीन के बीच सीमा विवाद चला आ रहा है. लेकिन यह पहली बार है कि सीमा पर इस तरह का हिंसक टकराव देखने को मिला है, जिसमें दोनों देशों के मिलाकर करीब 100 से ज्यादा सैनिकों के घायल होने की खबर है. भारत-चीन के बीच रिश्तों में ऐसी स्थिति 1962 के युद्ध के बाद नहीं आई थी. लिहाजा यह घटना कुछ बड़े बदलाव की ओर इशारा करता है.
उमाशंकर इसके जवाब में कहते हैं, “बार्डर के जिस इलाके में यह घटना हुई है, उस इलाके की रिपोर्टिंग करने का मुझे साल 2000 में मौका मिला था. समस्या यह है कि बॉर्डर पर जो रेखा खींची गई थी वह विवाद की जड़ है. इसलिए दोनों देशों के बीच इस तरह के मामले सामने आते है. हाल में हुए विदेश मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस में इस मामले में सिर्फ यही बताया गया कि राजनयिक चैनल के जरिए मामले को सुलझा लिया जाएगा. लेकिन इस समय एलएसी पर स्थिति क्या है, यह बता पाना बहुत मुश्किल है. लेकिन अभी जो मौजूदा समस्या आ रही है, वह इसलिए हो रहा हैं क्योंकि भारत ने इन इलाकों में रोड और पुल का निर्माण करना शुरू किया है. जो चीन को नगुजार गुजर रहा है.”
अतुल ने भारत और चीन के बीच जारी तनातनी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि उन्होंने मध्यस्थता की पेशकश की है. यह पहली बार हैं कि भारत और चीन सीमा विवाद पर किसी राष्ट्र प्रमुख ने मध्यस्थता की घोषणा की है.
आनंद जवाब देते हुए कहते हैं, “अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान उनकी अभिव्यक्ति का तरीका है. यह कहना कि भारत के प्रधानमंत्री अच्छे मूड में नहीं है, इसका मतलब है कि प्रधानमंत्री चिंतित है. एक बात इसमें यह हैं कि 1962 युद्घ में युद्धविराम में अमेरिका का योगदान था. सीमा पर जारी तनाव पर चीन और भारत ने राजन्यायिक तौर पर बातचीत की पहल की है, तो इससे यह लगता हैं कि दोनों देशों के बीच जल्द विवाद सुलझ सकता है. जैसा उमांशकर ने कहा, रोड निर्माण के कारण भी चीन में घबराहट है, इसलिए सीमा पर तनाव की स्थिति हमें सुनने को मिलता है.”
यहां मेघनाद कहते हैं, “चीन सीमा के तनाव का एक वीडियो आया था, जिसमें भारत और चीन के सैनिक आपस में भिड़ गए थे.” इस बीच में उमाशंकर कहते है इस तरह के वीडियो आते हैं लेकिन इसकी सत्यता पर विश्वास नहीं किया जा सकता. कई बार जांच में पता चलता हैं कि इस तरह के वीडियो तीन महीने और चार महीने पुराने है.” मेघनाद अपनी बात जारी रखते हुए कहते हैं, “चीन और भारत के बीच सीमा पर तनाव की स्थिति तो दिख रही है इसलिए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ हाल ही में बैठक की है. सेनाध्यक्ष ने लेह का दौरा किया है.”
इस विवाद के अन्य पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई. पूरी चर्चा सुनने के लिए यह पॉडकास्ट सुने. न्यूजलॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.
पत्रकारों की राय, क्या देखा पढ़ा और सुना जाए.
उमाशंकर सिंह
भारत-चीन, भारत-पाकिस्तान पर टीवी चैनलों के बहस से कोई राय न बनाएं.
आनंद वर्धन
इंडिया एंड चाइना इन एशिया बिटविन इक्विलिब्रियम एंड इक्वेशन
मेघनाथ एस
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अतुल चौरसिया
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