Newslaundry Hindi
एनएल चर्चा 127: नई शिक्षा नीति की समीक्षा
एनएल चर्चा का 127वां अंक विशेष तौर पर केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति 2020 पर केंद्रित रहा. साथ ही राफेल का भारत में आगमन, दिल्ली विश्वविघालय के एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू की गिरफ्तारी, सुशांत सिंह राजपूत के पिता द्वारा रिया चक्रवर्ती के खिलाफ दर्ज कराए गए एफ़आईआर, दिल्ली सरकार का नया जॉब पोर्टल आदि विषयों का जिक्र हुआ.
इस बार की चर्चा में आईपी यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर श्वेता सिंह, शार्दूल कात्यायन और न्यूज़लॉन्ड्री के एसोसिएट एडिटर मेघनाद एस शामिल हुए. इस चर्चा का संलाचन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
अतुल ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि जो नई शिक्षा नीति 2020 कैबिनेट ने पास किया है, हमें इस पूरे मामले के दो पक्षों पर बात करनी चाहिए, पहला पॉलिसी में क्या-क्या चीजें है और दूसरा इसका राजनीतिक निहितार्थ. पॉलिसी में एक महत्वपूर्ण बात है हायर एजुकेशन को लेकर. अब सरकार विदेशी यूनिवर्सिटी के कैंपस को भारत में खोलने की मंजूरी देगी, ताकि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता भी बढ़ाई जा सके.
अतुल कहते हैं, “यह महत्वपूर्ण बात है कि यह बीजेपी के पुराने विचार से मेल नहीं खाता. क्योंकि बीजेपी ने विपक्ष में रहते हुए लंबे समय से विदेशी यूनिवर्सिटी को भारत में रास्ता देने का विरोध किया है. उसका तर्क था कि विदेशी यूनिवर्सिटी के साथ विदेशी संस्कृति भी तेजी से फैलेगी. अब उसने अपने पुराने स्टैंड को बदला है.”
यहां पर मेघनाथ ने हस्ताक्षेप करते हुए कहा यह ड्राफ्ट अभी कैबिनेट ने पारित कर दिया है, लेकिन जल्दी से अपने श्रोताओं को इसका बैकग्राउंड बता देते है. काफी समय से एजुकेशन पॉलिसी को बदलने के कोशिश की जा रही थी. हर 20 साल में एजुकेशन पॉलिसी में बदलाव किया जाता है, लेकिन इस बार यह कापी देर से 34 साल बाद बदला जा रहा है.
मोदी सरकार जब 2014 में सत्ता में आई थी, तब से इस पर काम किया जा रहा है. 6 साल बाद 2018 में सरकार ने पहला ड्राफ्ट जारी किया था जिसके बाद इस पूरे ड्राफ्ट को एक कमेटी को भेजा गया है. डाक्टर कस्तूरी रंगनाथन की अध्यक्षता में इस कमेटी ने 477 पेज का एक विस्तृत रिपोर्ट सरकार को 2019 में भेजा था. इसके बाद सरकार ने अभी नई शिक्षा पॉलिसी 2020 को जारी किया.
श्वेता कहती हैं, “काफी समय बाद लाए गए इस पॉलिसी में कई बदलाव है. इसमें कई ऐसे बदलाव किया गया हैं जो शिक्षकों, अभिभावकों को ध्यान में रखकर किया गया है. रही बात विदेशी यूनिवर्सिटी की तो, लोगों को लगता हैं कि विदेशी विश्वविद्यालयों के आने से शिक्षा की क्वालिटी में सुधार होगा लेकिन यह बीजेपी की विचारधारा के खिलाफ है, साथ ही आत्मनिर्भर भारत को भी झटका लगेगा.”
अतुल ने मेघनाथ और शार्दूल को चर्चा में शामिल करते हुए कहा कि विदेशी विश्वविघालय आने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, लेकिन विदेशी विश्वविघालयों की पहुंच कितने छात्रों तक होगी. आम-आदमी के पहुंच से तो यह विश्वविघालय पहले ही बहुत दूर हैं.
इस पर मेघनाथ कहते हैं, “इस मामले को दो हिस्सों में देखना चाहिए. पहला आपने सही कहा इन विश्वविघालयों की पहुंच कितनी होगी, इस पर थोड़ा स्पष्टीकरण होना चाहिए. दूसरा इस नई पॉलिसी में विश्वविघालयों के मान्यता को 15 साल में खत्म करने की बात कही गई है, जिससे की कॉलेज ऑटोनोमस हो जाएंगे और इससे कॉलेज बेहतर शिक्षा पर काम हो पाएगा.
शार्दूल कहते हैं, “नई शिक्षा नीति एक निबंध की तरह है, क्योंकि इसे लागू करवाने के लिए कोई दिशा निर्देश नहीं है. सरकार की इस नीति पर कई तरह के सवाल हैं. जैसे की 4 साल का बीएड शिक्षकों के लिए अनिवार्य करना लेकिन यह साल 2030 तक किया जाएगा. पॉलिसी अभी से लागू होगी लेकिन पढ़ाने वाले शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार 2030 में किया जाएगा. तो कहीं ना कहीं सरकार खुद भी कई जगहों पर कन्फ्यूज़ है.”
नई शिक्षा नीति के तमाम पहलुओं पर विस्तार से जानने के लिए पूरी चर्चा सुनें.
न्यूजलॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.
पत्रकारों की राय, क्या देखा पढ़ा और सुना जाए.
श्वेता सिंह
हार्ट ऑफ डार्कनेस जोसेफ कानर्ड का उपन्यास
मेघनाथ
शिक्षा पॉलिसी पर स्टैंडिग कमेटी की रिपोर्ट
शार्दूल कात्यायन
डिकोडिंग ह्यूमन ब्रेन - डाक्यूमेट्री
अतुल चौरसिया
सच्ची रामायण : पेरियार ईवी रामास्वामी
प्रकाशक: राधा कृष्ण प्रकाशन
Also Read
-
Reporter’s diary: Assam is better off than 2014, but can’t say the same for its citizens
-
‘INDIA coalition set to come to power’: RJD’s Tejashwi Yadav on polls, campaign and ECI
-
TV Newsance 251: TV media’s silence on Revanna ‘sex abuse’ case, Modi’s News18 interview
-
Kutch: Struggle for water in ‘har ghar jal’ Gujarat, salt workers fight for livelihoods
-
Hafta 483: Prajwal Revanna controversy, Modi’s speeches, Bihar politics