एनएल चर्चा
Newslaundry Hindi

एनएल चर्चा 129: बंगलुरु हिंसा और सचिन पायलट की घर वापसी

एनएल चर्चा के 129वें अंक में बेंगलुरु में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटना, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में कारवां पत्रिका के पत्रकारों के साथ हुई मारपीट और सचिन पायलट की कांग्रेस पार्टी के साथ सुलहनामे पर विस्तार से बातचीत हुई. इसके अलावा लेबनान में हुए ब्लास्ट के बाद प्रधानमंत्री समेत पूरी कैबिनेट का इस्तीफा, रामजन्म भूमि तीर्थक्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास का कोरोना पॉजिटिव आना, केरल में दुर्घटनाग्रस्त हुआ एयर इंडिया का विमान और मशहूर शायर राहत इंदौरी के इंतकाल की घटना का जिक्र हुआ.

इस बार की चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार सबा नक़वी, शार्दूल कात्यायन और न्यूज़लॉन्ड्री के एसोसिएट एडिटर मेघनाद एस शामिल हुए. इसका संलाचन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.

अतुल ने चर्चा की शुरुआत राजस्थान में एक महीने से जारी राजनीतिक उठापटक से करते हुए कहा, “शनिवार को ही विधानसभा में गहलोत सरकार ने विश्वासमत पेश किया है, जिसके खिलाफ बीजेपी ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही.” सबा नक़वी से सवाल पूछते हुए अतुल कहते हैं, “ऐसा लग रहा है गहलोत सरकार बच गई है?”

इस पर सबा कहती हैं, “लग तो रहा है सरकार बच गई है. मेरे हिसाब से सचिन पायलट के पास ज्यादा विकल्प नहीं थे. लोग कह रहे थे, कि सचिन पायलट ने रिबेल किया लेकिन मेरे हिसाब से यह अशोक गहलोत का कदम था, जिससे सचिन के उभरते प्रभाव को कम किया जा सके. इस पूरे मामले में राहुल गांधी की सक्रियता भी देखने को मिली जो कि कांग्रेस में लगभग एक साल बाद एक्टिव हुए हैं.”

यहां पर अतुल ने फिर से सबा से पूछते हुए कहा, “कांग्रेस शीर्ष परिवार में यह बदलाव महत्वपूर्ण है. लंबे समय से हम देख रहे हैं कि वह नेताओं की परवाह नहीं करता था. कई बार तो कांग्रेस हाईकमान कई बार मुसीबतें खुद ही बुला लेता है. चाहें वह हेंमत बिस्वाशर्मा का मामला हो या जगन मोहन रेड्डी का. लेकिन इस बार लगता हैं हाईकमान ने अपने ईगो को दरकिनार कर सचिन पायलट के मामले को बातचीत से सुलझाया है. यह बदलाव कांग्रेस परिवार के लिए नया है.”

इस पर सबा कहती हैं, “ईगो की बात नहीं है, यह अक्षमता की बात है. क्योंकि जिस तरह हेंमत बिस्वाशर्मा मामले में हुआ, वह बात तो जगजाहिर हैं,कि जब वह राहुल गांधी से मिले तो वह अपने कुत्ते को खिलाने में व्यस्त थे. आज हेंमत बिस्वाशर्मा के जाने के बाद से जिस बीजेपी पार्टी का नार्थ ईस्ट में कोई पहचान नहीं थी, उसने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया. इस सब के पीछे कोई एक व्यक्ति है तो वह हेंमत बिस्वाशर्मा हैं.”

अतुल ने यहां पर मेघनाथ और शार्दूल को चर्चा में शमिल करते हुए कहा, “सचिन के मामले में कहा जा रहा है ‘ना माया मिली ना माया’. जैसा सबा ने कहा अशोक गहलोत ने एक विद्रोह को होने से पहले रोक लिया. इस आप दोनों की टिप्पणी.”

मेघनाथ कहते है, “इसे हम अशोक गहलोत की काबिलियत कह सकते है कि उन्होंने समय रहते विद्रोह को पहचान लिया. कुछ भी कहा जाए की सचिन पार्टी नहीं बदलने वाले थे तो वह गलत है, क्योंकि जिस तरह से वह बीजेपी शासित प्रदेश के होटल में थे, बीजेपी से जुड़े लोग सुप्रीम कोर्ट में उनका केस लड़ रहे थे. जैसे सबा ने कहा सचिन जब बाहर हुए, तब उन्हें लगा कि उनका राजनीतिक करियर खतरे में ना पड़ जाए क्योंकि सरकार पर कोई खतरा नहीं था. इसलिए मुझे लगता है वह मान गए और कांग्रेस में वापस आ गए.”

शार्दूल कहते है, “लोग कह रहे थे कि यह शंतरज का खेल है लेकिन मुझे लगता हैं यह पोकर का खेल है. पोकर की चाल शुरू हुई और हारने के बाद डीलर ने हार हुए व्यक्ति को फोल्ड करने का मौका दे दिया. जैसा मेघनाथ कह रहे थे कि सचिन खतरे में थे. लेकिन मुझे लगता है वह अभी भी खतरे में है. अगर आप राजनीति को समझते है तो देखेंगे की सचिन की खास अहमियत तो अब पार्टी में नहीं बचेगी. लोग इनकी खिल्ली उड़ाएंगे, कोसेंगे. अभी का जो माहौल हैं उसमें लगता है पार्टी के अंदर अभी भी सब ठीक नहीं है. क्योंकि सचिन और गहलोत समर्थक विधायकों के बीच जो अभी भी बयानबाजी चल रही है, उससे लगता नहीं है यह इतना जल्दी खत्म होगा.

अन्य विषयों पर पूरी चर्चा के लिए यह पॉडकास्ट सुनें और न्यूजलॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.

पत्रकारों की राय, क्या देखा पढ़ा और सुना जाए.

सबा नकवी

द प्लेग - अल्बर्ट कामू

मेघनाथ

एनएल टिप्पणी - अयोध्या पर धृतराष्ट-संजय संवाद

जो रोगन का पॉडकास्ट

शार्दूल कात्यायन

द सोशल साइकोलॉजी ऑफ एथेनिक आईडेंटिटी - किताब

विदूरनीति

अतुल चौरसिया

और कुछ पन्ने अधूरे रह गए: अजय ब्रह्मात्मज की किताब

***

आप इन चैनलों पर भी सुन सकते हैं चर्चा: Apple Podcasts | Google Podcasts | Spotify | Castbox | Pocket Casts | TuneIn | Stitcher | SoundCloud | Breaker | Hubhopper | Overcast | JioSaavn | Podcast Addict | Headfone

Also Read: एनएल चर्चा 125: ट्रांसजेंडर कानून ड्राफ्ट और सचिन पायलट की कलाबाजी से राजस्थान में आया सियासी तूफान

Also Read: अयोध्या भूमिपूजन पर धृतराष्ट्र-संजय संवाद