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उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में दो बहनों की मौत के मामले की खबर दिखाने के कारण दो पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

उत्तर प्रदेश में जहां एक ओर घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ पत्रकारों के खिलाफ दर्ज होते मुकदमों में भी कोई कमी नहीं आई है. ताजा मामला फतेहपुर का है जहां एक खबर दिखाने के लिए दो पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

फतेहपुर पुलिस ने भारत समाचार चैनल के पत्रकार धर्मेंद्र सिंह और न्यूज़ 18 के पत्रकार धारा सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर में लिखा गया है कि दोनों मीडियाकर्मियों ने घटना को फर्जी और झूठे तरीके से पेश करते हुए ट्विटर पर न्यूज़ का प्रकाशन किया.

न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए जांच अधिकारी और फतेहपुर के डिप्टी एसपी अनिल कुमार ने बताया कि, दोनों पत्रकारों द्वारा ट्वीट कर फर्जी खबर चलाई गई. बिना मौके पर आए और परिजनों से बात किए झूठे तरीके से खबर में बलात्कार और आंखें फूट जाने की बात कहीं गई.

पुलिस के मुताबिक इन मीडियाकर्मियों ने ट्विटर पर लड़की के हाथ-पैर बांधकर बलात्कार व आंखें फूटी होने की बात लिखी थी जिससे जनता में आम जीवन पर गलत प्रभाव पड़ रहा है और सरकारी काम में बाधा उत्पन्न हो रही है. साथ ही इस कृत्य से दलित समाज व जनता के बीच वैमनस्यता फैल सकती है. जिसके बाद दोनों के खिलाफ चार अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया है.

एफआईआर कॉपी
एफआईआर कॉपी

पत्रकार धारा सिंह के ट्वीटर प्रोफाइल पर फतेहपुर की इस घटना को लेकर जो खबर शेयर की गई है उसमें चैनल पर इस घटना को लेकर स्टोरी का वीडियो शेयर किया गया है. पत्रकार ने ट्वीट करते हुए लिखा, “दो सगी बहनों की क्रूरता से हत्या. परिजनों ने जताई रेप के बाद हत्या की आशंका. मामले को दबाने में जुटी पुलिस, छावनी में तब्दील हुआ गांव.”

वहीं भारत समाचार पर पत्रकार धर्मेंद्र सिंह के हवाले से खबर चलाई गई है. जिसमें फतेहपुर पुलिस-प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए बातें कही गई हैं.

पुलिस में केस दर्ज होने पर भारत समाचार की पत्रकार प्रज्ञा मिश्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा, “बेहद शर्मनाक! फतेहपुर में मां का बयान दिखाने पर भारत समाचार पर मुकदमा..

UP में बेटियों को सुरक्षा के नाम पर ढोंग हो रहा है, मिशनशक्ति का महिमामंडन हो रहा है, हेडलाइनों में वाहवाही चल रही है.. हम पर पीड़ितों की बात दिखाने पर केस हुआ है.. सुन लो हम सच के लिए लड़तें है, तुमसे डरेंगे नहीं.

एसपी और आईजी की सफाई

इस पूरे घटना के बाद बच्ची के परिजनों ने पुलिस को शव उठाने से रोक दिया. जिस पर काफी बवाल भी हुआ, इसके बाद मामले में तूल पकड़ता देख पुलिस ने दोनों बच्चियों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, जिसकी रिपोर्ट में रेप और हत्या का मामला नहीं आया है.

जिले के एसपी प्रशांत वर्मा ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों बच्चियों की मौत पानी में डूबने से हुई है. रेप और हत्या की पुष्टि नहीं हुई है. आंखें फोड़ने और हाथ-पैर बंधे होने की बात केवल अफवाह थी.

वहीं इस मामले में प्रयागराज रेंज के आईजी जोन कवींद्र प्रताप सिंह ने भी घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की छानबीन की. इस दौरान उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि, “पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक दोनों बच्चियों की मौत तालाब में डूबने से हुई है. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई गई.”

मामले में गरमाई राजनीति

वहीं इस मामले में राजनीति तब तेज हो गई जब पुलिस द्वारा गलत खबर दिखाने को लेकर दोनों पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज किया गया. कांग्रेस पार्टी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू ने ट्वीट कर कहा “भारत समाचार और न्यूज18 पर फतेहपुर की घटना पर मां का बयान चलाने पर मुकदमा कर दिया गया. सच दिखाने-बोलने वालों पर मुकदमा सरकार की नीति बन गई है. गृह मंत्री अमित शाह को बताना चाहिए कि यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है या राष्ट्रवाद? लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या है या कथित रामराज्य?”

वहीं समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह ने ट्वीट कर कहा कि “उत्तर प्रदेश में अभिव्यक्ति की आजादी वाली बयार अभी सरकार के अनुसार और अनुमति से ही बह रही है, फतेहपुर में दो बहनों का शव मिलने पर पीड़िता की मां का बयान दिखाने पर भारत समाचार और न्यूज 18 पर मुकदमा क्यों? खबर थी और दिखाई भी सबने थी, ‘अहंकार या अराजकता’.”

क्या था पूरा मामला

द प्रिंट की खबर के मुताबिक, सोमवार को फतेहपुर के छिछनी गांव में रहने वाली दो बहनें खेत गई थीं लेकिन काफी समय तक घर नहीं लौटीं तो परिजनों ने दोनों की तलाश शुरू की. काफी देर तक सूचना न मिलने पर वे परेशान हो गए. शाम को कुछ ग्रामीणों ने तालाब में दो शव देखे तो घर वालों को सूचना दी जिसके बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई. परिजनों के मुताबिक, दोनों बहनों के सिर, कान और आंख में चोट के निशान पाये गए. जिसके बाद उन्होंने रेप के बाद हत्या की आशंका जाहिर की थी.

न्यूज़लॉन्ड्री ने न्यूज़18 और भारत समाचार से पुलिस द्वारा उनके पत्रकारों के खिलाफ दर्ज केस लेकर उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया, लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया. अगर कोई जवाब आएगा, तो अपडेट कर दिया जाएगा.

Also Read: तब्लीगी जमात पर मीडिया रिपोर्टिंग मामले में केंद्र द्वारा दायर हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट असंतुष्ट

Also Read: ऑनलाइन मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म भी अब सरकारी निगरानी के फंदे में

उत्तर प्रदेश में जहां एक ओर घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ पत्रकारों के खिलाफ दर्ज होते मुकदमों में भी कोई कमी नहीं आई है. ताजा मामला फतेहपुर का है जहां एक खबर दिखाने के लिए दो पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

फतेहपुर पुलिस ने भारत समाचार चैनल के पत्रकार धर्मेंद्र सिंह और न्यूज़ 18 के पत्रकार धारा सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर में लिखा गया है कि दोनों मीडियाकर्मियों ने घटना को फर्जी और झूठे तरीके से पेश करते हुए ट्विटर पर न्यूज़ का प्रकाशन किया.

न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए जांच अधिकारी और फतेहपुर के डिप्टी एसपी अनिल कुमार ने बताया कि, दोनों पत्रकारों द्वारा ट्वीट कर फर्जी खबर चलाई गई. बिना मौके पर आए और परिजनों से बात किए झूठे तरीके से खबर में बलात्कार और आंखें फूट जाने की बात कहीं गई.

पुलिस के मुताबिक इन मीडियाकर्मियों ने ट्विटर पर लड़की के हाथ-पैर बांधकर बलात्कार व आंखें फूटी होने की बात लिखी थी जिससे जनता में आम जीवन पर गलत प्रभाव पड़ रहा है और सरकारी काम में बाधा उत्पन्न हो रही है. साथ ही इस कृत्य से दलित समाज व जनता के बीच वैमनस्यता फैल सकती है. जिसके बाद दोनों के खिलाफ चार अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया है.

एफआईआर कॉपी
एफआईआर कॉपी

पत्रकार धारा सिंह के ट्वीटर प्रोफाइल पर फतेहपुर की इस घटना को लेकर जो खबर शेयर की गई है उसमें चैनल पर इस घटना को लेकर स्टोरी का वीडियो शेयर किया गया है. पत्रकार ने ट्वीट करते हुए लिखा, “दो सगी बहनों की क्रूरता से हत्या. परिजनों ने जताई रेप के बाद हत्या की आशंका. मामले को दबाने में जुटी पुलिस, छावनी में तब्दील हुआ गांव.”

वहीं भारत समाचार पर पत्रकार धर्मेंद्र सिंह के हवाले से खबर चलाई गई है. जिसमें फतेहपुर पुलिस-प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए बातें कही गई हैं.

पुलिस में केस दर्ज होने पर भारत समाचार की पत्रकार प्रज्ञा मिश्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा, “बेहद शर्मनाक! फतेहपुर में मां का बयान दिखाने पर भारत समाचार पर मुकदमा..

UP में बेटियों को सुरक्षा के नाम पर ढोंग हो रहा है, मिशनशक्ति का महिमामंडन हो रहा है, हेडलाइनों में वाहवाही चल रही है.. हम पर पीड़ितों की बात दिखाने पर केस हुआ है.. सुन लो हम सच के लिए लड़तें है, तुमसे डरेंगे नहीं.

एसपी और आईजी की सफाई

इस पूरे घटना के बाद बच्ची के परिजनों ने पुलिस को शव उठाने से रोक दिया. जिस पर काफी बवाल भी हुआ, इसके बाद मामले में तूल पकड़ता देख पुलिस ने दोनों बच्चियों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, जिसकी रिपोर्ट में रेप और हत्या का मामला नहीं आया है.

जिले के एसपी प्रशांत वर्मा ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों बच्चियों की मौत पानी में डूबने से हुई है. रेप और हत्या की पुष्टि नहीं हुई है. आंखें फोड़ने और हाथ-पैर बंधे होने की बात केवल अफवाह थी.

वहीं इस मामले में प्रयागराज रेंज के आईजी जोन कवींद्र प्रताप सिंह ने भी घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की छानबीन की. इस दौरान उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि, “पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक दोनों बच्चियों की मौत तालाब में डूबने से हुई है. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई गई.”

मामले में गरमाई राजनीति

वहीं इस मामले में राजनीति तब तेज हो गई जब पुलिस द्वारा गलत खबर दिखाने को लेकर दोनों पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज किया गया. कांग्रेस पार्टी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू ने ट्वीट कर कहा “भारत समाचार और न्यूज18 पर फतेहपुर की घटना पर मां का बयान चलाने पर मुकदमा कर दिया गया. सच दिखाने-बोलने वालों पर मुकदमा सरकार की नीति बन गई है. गृह मंत्री अमित शाह को बताना चाहिए कि यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है या राष्ट्रवाद? लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या है या कथित रामराज्य?”

वहीं समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह ने ट्वीट कर कहा कि “उत्तर प्रदेश में अभिव्यक्ति की आजादी वाली बयार अभी सरकार के अनुसार और अनुमति से ही बह रही है, फतेहपुर में दो बहनों का शव मिलने पर पीड़िता की मां का बयान दिखाने पर भारत समाचार और न्यूज 18 पर मुकदमा क्यों? खबर थी और दिखाई भी सबने थी, ‘अहंकार या अराजकता’.”

क्या था पूरा मामला

द प्रिंट की खबर के मुताबिक, सोमवार को फतेहपुर के छिछनी गांव में रहने वाली दो बहनें खेत गई थीं लेकिन काफी समय तक घर नहीं लौटीं तो परिजनों ने दोनों की तलाश शुरू की. काफी देर तक सूचना न मिलने पर वे परेशान हो गए. शाम को कुछ ग्रामीणों ने तालाब में दो शव देखे तो घर वालों को सूचना दी जिसके बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई. परिजनों के मुताबिक, दोनों बहनों के सिर, कान और आंख में चोट के निशान पाये गए. जिसके बाद उन्होंने रेप के बाद हत्या की आशंका जाहिर की थी.

न्यूज़लॉन्ड्री ने न्यूज़18 और भारत समाचार से पुलिस द्वारा उनके पत्रकारों के खिलाफ दर्ज केस लेकर उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया, लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया. अगर कोई जवाब आएगा, तो अपडेट कर दिया जाएगा.

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