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यूपी में एक और पत्रकार की मौत, दबंगों द्वारा घर में घुसकर मारने का आरोप

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में संदिग्ध परिस्थितियों में घर में भीषण आग लगने से घायल हुए पत्रकार राकेश सिंह निर्भीक ने लखनऊ के ट्रामा सेंटर में दम तोड़ दिया. इस दर्दनाक हादसे में पत्रकार राकेश सिंह 90 प्रतिशत से ज्यादा जल चुके थे. घायल राकेश सिंह को पुलिस ने जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उनकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया था. घटना में एक अन्य युवक की भी जलकर मौत हो गई थी.

मृतक पत्रकार राकेश सिंह की फाइल फोटो

खबरों के मुताबिक, अस्पताल में भर्ती कोतवाली देहात क्षेत्र के ग्राम कलवारी निवासी पत्रकार राकेश सिंह ने बताया था कि, "दबंगों ने उनके घर में आग लगाकर जिंदा जलाने का प्रयास किया है. पत्रकार ने बताया कि कुछ नकाबपोश लोग उसके घर में घुसे थे और पहले मारपीट की उसके बाद आग लगा दी. घटना में बलरामपुर एसपी देव राजन वर्मा का बयान भी सामने आया है. जिसमें उन्होंने कड़ी कार्यवाही की बात कही गई है."

मामले में उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने बलरामपुर जिले में पत्रकार राकेश सिंह की जलाकर हुई जघन्य हत्या पर दुख जताते हुए प्रदेश सरकार से कड़ी कारवाई की मांग की है. हेमंत तिवारी ने कहा कि, "बलरामपुर जिले में तैनात अधिकारियों की नाक के नीचे बीते काफी समय से पत्रकारों का उत्पीड़न और उन पर हमले होते रहे हैं पर सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया."

हेमंत तिवारी ने न्यूजलॉन्ड्री को बताया, “राकेश सिंह राष्ट्रीय स्वरूप चैनल में कोरेस्पोंडेंट थे. इनका कोई गांव का मसला था जिसमें राकेश ने पहले भी जिलाधिकारी से अपनी हत्या की आशंका जताई थी. यहां तक कि जब राकेश ने कई पत्रकारों की मौजूदगी में डीएम से कहा था कि उन पर हमला हो सकता है तो जवाब मिला था कि अरे, आप पर कौन हमला करेगा. और बलरामपुर जिले में लंबे समय से तैनात इस जिलाधिकारी ने न केवल पत्रकार की सुरक्षा की मांग की अनदेखी की बल्कि कई पत्रकारों पर मुकदमे दर्ज कराया. हमारी तो मांग है कि जिम्मेदार लोगों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए.”

संवाददाता समिति अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने प्रदेश सरकार से दिवंगत पत्रकार राकेश सिंह के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग के साथ ही आश्रित पत्नी को नौकरी देने का अनुरोध भी किया है.

Also Read: असम: खबर से नाराज भूमाफिया और जुआरियों ने पत्रकार को खंभे से बांधकर पीटा

Also Read: उत्तर प्रदेश के उन्नाव में संदिग्ध परिस्थितियों में मिली पत्रकार की लाश

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में संदिग्ध परिस्थितियों में घर में भीषण आग लगने से घायल हुए पत्रकार राकेश सिंह निर्भीक ने लखनऊ के ट्रामा सेंटर में दम तोड़ दिया. इस दर्दनाक हादसे में पत्रकार राकेश सिंह 90 प्रतिशत से ज्यादा जल चुके थे. घायल राकेश सिंह को पुलिस ने जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उनकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया था. घटना में एक अन्य युवक की भी जलकर मौत हो गई थी.

मृतक पत्रकार राकेश सिंह की फाइल फोटो

खबरों के मुताबिक, अस्पताल में भर्ती कोतवाली देहात क्षेत्र के ग्राम कलवारी निवासी पत्रकार राकेश सिंह ने बताया था कि, "दबंगों ने उनके घर में आग लगाकर जिंदा जलाने का प्रयास किया है. पत्रकार ने बताया कि कुछ नकाबपोश लोग उसके घर में घुसे थे और पहले मारपीट की उसके बाद आग लगा दी. घटना में बलरामपुर एसपी देव राजन वर्मा का बयान भी सामने आया है. जिसमें उन्होंने कड़ी कार्यवाही की बात कही गई है."

मामले में उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने बलरामपुर जिले में पत्रकार राकेश सिंह की जलाकर हुई जघन्य हत्या पर दुख जताते हुए प्रदेश सरकार से कड़ी कारवाई की मांग की है. हेमंत तिवारी ने कहा कि, "बलरामपुर जिले में तैनात अधिकारियों की नाक के नीचे बीते काफी समय से पत्रकारों का उत्पीड़न और उन पर हमले होते रहे हैं पर सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया."

हेमंत तिवारी ने न्यूजलॉन्ड्री को बताया, “राकेश सिंह राष्ट्रीय स्वरूप चैनल में कोरेस्पोंडेंट थे. इनका कोई गांव का मसला था जिसमें राकेश ने पहले भी जिलाधिकारी से अपनी हत्या की आशंका जताई थी. यहां तक कि जब राकेश ने कई पत्रकारों की मौजूदगी में डीएम से कहा था कि उन पर हमला हो सकता है तो जवाब मिला था कि अरे, आप पर कौन हमला करेगा. और बलरामपुर जिले में लंबे समय से तैनात इस जिलाधिकारी ने न केवल पत्रकार की सुरक्षा की मांग की अनदेखी की बल्कि कई पत्रकारों पर मुकदमे दर्ज कराया. हमारी तो मांग है कि जिम्मेदार लोगों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए.”

संवाददाता समिति अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने प्रदेश सरकार से दिवंगत पत्रकार राकेश सिंह के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग के साथ ही आश्रित पत्नी को नौकरी देने का अनुरोध भी किया है.

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