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मनदीप पुनिया पर मारपीट और हिंसा का आरोप, पुलिस ने पत्रकार भी मानने से किया इंकार

दिल्ली की सड़कों पर करीब 62 दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों को पहले हटाने की नाकाम कोशिश के बाद अब पुलिस ने प्रदर्शन को कवर कर रहे पत्रकारों पर केस दर्ज करना शुरू कर दिया है.

कारवां पत्रिका के लिए लिखने वाले स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को दिल्ली पुलिस ने 30 दिसंबर की शाम को सिंघु बॉर्डर से रिपोर्टिंग करते समय गिरफ्तार कर लिया, इसके बाद उन्हें कहां लाया गया और रातभर वह कहां थे इसके बारे में पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी.

हमारे संवाददाता बसंत कुमार और निधि सुरेश रातभर अलीपुर पुलिस थाने से इस मामले की लगातार लाइव कवरेज कर रहे थे. लेकिन जब उन्होने बार-बार पुलिसकर्मियों द्वारा मनदीप को लेकर सवाल किया तो पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी.

31 जनवरी को सुबह जानकारी मिली की पुलिस ने मनदीप के खिलाफ आईपीसी की चार धाराओं के तहत केस दर्ज किया है, उन्हें आज पुलिस स्पेशल कोर्ट में पेश करेगी.

पुलिस की इस एफआईआर में मनदीप को पत्रकार नहीं माना गया है, बल्कि उनका नाम प्रदर्शनकारी को तौर पर नाम दर्ज किया गया है. रिपोर्ट में लिखा गया है कि प्रदर्शनकारियों और रहवासियों द्वारा 29 दिसंबर की घटना के बाद पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा दिया था ताकि दोनों पक्षों में कोई हिंसा ना हो, लेकिन 30 दिसंबर की शाम को प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया. उस दौरान मनदीप ने पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की जिसके बाद वह सड़क किनारे नाले में गिर गया.

एफआईआर की कापी
एफआईआर की कापी
एफआईआर की कापी

नाले में गिरने के बाद पुलिस ने उसे काबू किया और हिरासत में ले लिया. रिपोर्ट के अनुसार, मनदीप ने इस दौरान वहां हिंसा की जिसमें पुलिस कर्मियों को चोटें आईं और शांति बनाए जाने में सरकारी काम में बाधा पहुंचाई.

क्या है हकीकत

पुलिस की इस कहानी के विपरीत पूरा मामला मौके पर मौजूद मीडिया के अन्य साथियों ने अपने कैमरों में कैद कर लिया. जिसमें साफ दिख रहा है कि पुलिस रिपोर्टिंग कर रहे मनदीप को ज़बरदस्ती पकड़ रही है और उसके साथ मारपीट भी कर रही है.

पुलिस की इस कार्रवाई पर मौके पर मौजूद पंजाब के रोजाना स्पोक्समैन के पत्रकार हरदीप सिंह ने न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए बताया, “वह रिपोर्टिंग कर रहा था, उसने पुलिस के साथ मारपीट नहीं की बल्कि पुलिस ने ही उसे बल का प्रयोग करते हुए गिरफ्तार किया.”

बंसत कुमार से बातचीत में मनदीप की पत्नी लीला पुनिया ने बताया, “हमें मनदीप की गिरफ्तारी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. हमें तो सुबह पता चला कि पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है. मैंने जब रात को वीडियो देखा की उसके साथ पुलिसकर्मी मारपीट कर रहे हैं तो मैं डर गई. रातभर उससे बात नहीं हुई तो मुझे चिंता होने लगी थी तो मैंने उनके दोस्तों से बातचीत कर जानना चाहा कि वह कहां है लेकिन किसी को उनके बारे में कोई जानकारी नहीं थी.”

इस बीच दिल्ली पुलिस मनदीप को समयपुर बादली स्टेशन से लेकर निकल गई. हालांकि पुलिस की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है कि उसे कहां ले जाया जा रहा है. लेकिन ऐसी जानकारी है कि तिहाड़ जेल, कोर्ट कॉम्प्लेक्स-2 में लेकर जा सकती है.

समर्थन में आए पत्रकार

मनदीप की गिरफ्तारी के खिलाफ कई पत्रकार अब सामने आ गए हैं. सभी ने खुले तौर पर दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया है. पत्रकार राहुल कोटियाल ने ट्वीट कर कहा कि, “मंदीप की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाइए. उसे आपकी ज़रूरत है. आज दोपहर दो बजे कई पत्रकार साथी जय सिंह मार्ग, पटेल चौक मेट्रो के पास, पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर जुट रहे हैं. आप सभी से अपील है कि वहां पहुंचें.”

राहुल के अलावा पत्रकार दया सागर, रणविजय सिंह ने भी ट्वीट कर मनदीप की गिरफ्तारी का विरोध किया है साथ ही गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन में शामिल होने की पत्रकारों से गुजारिश की है.

Also Read: पत्रकार नेहा दीक्षित ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत

Also Read: अडानी पर खबर लिखने वाले वरिष्ठ पत्रकार को गिरफ्तारी वारंट

दिल्ली की सड़कों पर करीब 62 दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों को पहले हटाने की नाकाम कोशिश के बाद अब पुलिस ने प्रदर्शन को कवर कर रहे पत्रकारों पर केस दर्ज करना शुरू कर दिया है.

कारवां पत्रिका के लिए लिखने वाले स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को दिल्ली पुलिस ने 30 दिसंबर की शाम को सिंघु बॉर्डर से रिपोर्टिंग करते समय गिरफ्तार कर लिया, इसके बाद उन्हें कहां लाया गया और रातभर वह कहां थे इसके बारे में पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी.

हमारे संवाददाता बसंत कुमार और निधि सुरेश रातभर अलीपुर पुलिस थाने से इस मामले की लगातार लाइव कवरेज कर रहे थे. लेकिन जब उन्होने बार-बार पुलिसकर्मियों द्वारा मनदीप को लेकर सवाल किया तो पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी.

31 जनवरी को सुबह जानकारी मिली की पुलिस ने मनदीप के खिलाफ आईपीसी की चार धाराओं के तहत केस दर्ज किया है, उन्हें आज पुलिस स्पेशल कोर्ट में पेश करेगी.

पुलिस की इस एफआईआर में मनदीप को पत्रकार नहीं माना गया है, बल्कि उनका नाम प्रदर्शनकारी को तौर पर नाम दर्ज किया गया है. रिपोर्ट में लिखा गया है कि प्रदर्शनकारियों और रहवासियों द्वारा 29 दिसंबर की घटना के बाद पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा दिया था ताकि दोनों पक्षों में कोई हिंसा ना हो, लेकिन 30 दिसंबर की शाम को प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया. उस दौरान मनदीप ने पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की जिसके बाद वह सड़क किनारे नाले में गिर गया.

एफआईआर की कापी
एफआईआर की कापी
एफआईआर की कापी

नाले में गिरने के बाद पुलिस ने उसे काबू किया और हिरासत में ले लिया. रिपोर्ट के अनुसार, मनदीप ने इस दौरान वहां हिंसा की जिसमें पुलिस कर्मियों को चोटें आईं और शांति बनाए जाने में सरकारी काम में बाधा पहुंचाई.

क्या है हकीकत

पुलिस की इस कहानी के विपरीत पूरा मामला मौके पर मौजूद मीडिया के अन्य साथियों ने अपने कैमरों में कैद कर लिया. जिसमें साफ दिख रहा है कि पुलिस रिपोर्टिंग कर रहे मनदीप को ज़बरदस्ती पकड़ रही है और उसके साथ मारपीट भी कर रही है.

पुलिस की इस कार्रवाई पर मौके पर मौजूद पंजाब के रोजाना स्पोक्समैन के पत्रकार हरदीप सिंह ने न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए बताया, “वह रिपोर्टिंग कर रहा था, उसने पुलिस के साथ मारपीट नहीं की बल्कि पुलिस ने ही उसे बल का प्रयोग करते हुए गिरफ्तार किया.”

बंसत कुमार से बातचीत में मनदीप की पत्नी लीला पुनिया ने बताया, “हमें मनदीप की गिरफ्तारी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. हमें तो सुबह पता चला कि पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है. मैंने जब रात को वीडियो देखा की उसके साथ पुलिसकर्मी मारपीट कर रहे हैं तो मैं डर गई. रातभर उससे बात नहीं हुई तो मुझे चिंता होने लगी थी तो मैंने उनके दोस्तों से बातचीत कर जानना चाहा कि वह कहां है लेकिन किसी को उनके बारे में कोई जानकारी नहीं थी.”

इस बीच दिल्ली पुलिस मनदीप को समयपुर बादली स्टेशन से लेकर निकल गई. हालांकि पुलिस की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है कि उसे कहां ले जाया जा रहा है. लेकिन ऐसी जानकारी है कि तिहाड़ जेल, कोर्ट कॉम्प्लेक्स-2 में लेकर जा सकती है.

समर्थन में आए पत्रकार

मनदीप की गिरफ्तारी के खिलाफ कई पत्रकार अब सामने आ गए हैं. सभी ने खुले तौर पर दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया है. पत्रकार राहुल कोटियाल ने ट्वीट कर कहा कि, “मंदीप की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाइए. उसे आपकी ज़रूरत है. आज दोपहर दो बजे कई पत्रकार साथी जय सिंह मार्ग, पटेल चौक मेट्रो के पास, पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर जुट रहे हैं. आप सभी से अपील है कि वहां पहुंचें.”

राहुल के अलावा पत्रकार दया सागर, रणविजय सिंह ने भी ट्वीट कर मनदीप की गिरफ्तारी का विरोध किया है साथ ही गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन में शामिल होने की पत्रकारों से गुजारिश की है.

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