Newslaundry Hindi
राज्य सरकारें नए सोशल मीडिया कानून के तहत नोटिस जारी नहीं कर सकती हैं- केंद्र सरकार
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बुधवार को एक पत्र के द्वारा बताया कि, सोशल मीडिया कानून के तहत राज्य सरकारें नोटिस जारी नहीं कर सकती हैं. नोटिस जारी करने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है.
मणिपुर में ‘खन्नासी नीनासी’ के प्रकाशक को नए डिजिटल मीडिया कानून के बाद इंफाल के डीएम ने नोटिस जारी किया था. जिला प्रशासन ने इस नोटिस में कहा था कि ‘खन्नासी नीनासी’ के प्रकाशक उन मानदंडों को साबित करें जो वेब पत्रकारों के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा तय किए गए हैं. जिला मजिस्ट्रेट के नोटिस में उल्लेख किया गया है कि अनुपालन न करने की स्थिति में कार्रवाई की जाएगी.
इस नोटिस के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा कि यह पूरी तरह से अतिक्रमण का मामला है. साथ ही इस नोटिस को तुरंत वापस लिया जाए.
केंद्रीय मंत्रालय के नोटिस में आगे कहा गया हैं कि सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2021 के तहत 25 फरवरी को बनाया गया था. इन नियमों के तहत राज्य सरकार के अधिकारियों को किसी प्रकार की कार्रवाई करने का अधिकार नहीं दिया गया है.
गौरतलब हैं कि इससे पहले फ्रंटियर मणिपुर के एग्जीक्यूटिव एडिटर पाओजेल छवोबा को नए आईटी नियमों के तहत एक टॉक शो को लेकर नोटिस जारी किया गया था. हालांकि नोटिस के अगले दिन जब मामले ने तूल पकड़ा तो जिला प्रशासन ने इस नोटिस को वापस ले लिया.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बुधवार को एक पत्र के द्वारा बताया कि, सोशल मीडिया कानून के तहत राज्य सरकारें नोटिस जारी नहीं कर सकती हैं. नोटिस जारी करने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है.
मणिपुर में ‘खन्नासी नीनासी’ के प्रकाशक को नए डिजिटल मीडिया कानून के बाद इंफाल के डीएम ने नोटिस जारी किया था. जिला प्रशासन ने इस नोटिस में कहा था कि ‘खन्नासी नीनासी’ के प्रकाशक उन मानदंडों को साबित करें जो वेब पत्रकारों के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा तय किए गए हैं. जिला मजिस्ट्रेट के नोटिस में उल्लेख किया गया है कि अनुपालन न करने की स्थिति में कार्रवाई की जाएगी.
इस नोटिस के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा कि यह पूरी तरह से अतिक्रमण का मामला है. साथ ही इस नोटिस को तुरंत वापस लिया जाए.
केंद्रीय मंत्रालय के नोटिस में आगे कहा गया हैं कि सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2021 के तहत 25 फरवरी को बनाया गया था. इन नियमों के तहत राज्य सरकार के अधिकारियों को किसी प्रकार की कार्रवाई करने का अधिकार नहीं दिया गया है.
गौरतलब हैं कि इससे पहले फ्रंटियर मणिपुर के एग्जीक्यूटिव एडिटर पाओजेल छवोबा को नए आईटी नियमों के तहत एक टॉक शो को लेकर नोटिस जारी किया गया था. हालांकि नोटिस के अगले दिन जब मामले ने तूल पकड़ा तो जिला प्रशासन ने इस नोटिस को वापस ले लिया.
Also Read
-
TV Newsance 305: Sudhir wants unity, Anjana talks jobs – what’s going on in Godi land?
-
India’s real war with Pak is about an idea. It can’t let trolls drive the narrative
-
How Faisal Malik became Panchayat’s Prahlad Cha
-
Explained: Did Maharashtra’s voter additions trigger ECI checks?
-
‘Oruvanukku Oruthi’: Why this discourse around Rithanya's suicide must be called out