Newslaundry Hindi

जेपी नड्डा पर 'पत्थरबाजी' और ममता बनर्जी पर हुए कथित 'हमले' पर नेशनल मीडिया के दो सुर

10 मार्च को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में खुद पर हमले की बात कही, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्हें पैर में चोट आई थी जिस कारण उनके बाएं पैर पर प्लास्ट चढ़ाया गया. 48 घंटे अस्पताल में रहने के बाद बनर्जी 12 मार्च की शाम अस्पताल से व्हीलचेयर पर निकलीं. टीएमसी के नेताओं ने इस हमले के पीछे बीजेपी का हाथ बताया हालांकि बीजेपी ने इसे नाटक करार दिया.

इससे पहले 10 दिसंबर को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के ऊपर कोलकाता में हमला हुआ था. इस दौरान किसी को गंभीर चोट तो नहीं आई, लेकिन कई गाड़ियों के शीशे टूटे हुए ज़रूर नजर आए. इस घटना के बाद बीजेपी ने टीएमसी पर आरोप लगाया था. तब ममता बनर्जी ने इसे बीजेपी का प्लान बताया था और कहा था कि बीजेपी के लोग यह सब जानबूझकर करा रहे हैं.

दोनों ही घटनाओं के बाद दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा, लेकिन इसी बीच नेशनल मीडिया द्वारा दोनों घटनाओं को कवर करने का तरीका भी एकदम जुदा-जुदा नजर आया.

न्यूज़ 18

मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली न्यूज 18 हिंदी का प्राइम टाइम शो ‘आर-पार’ एंकर अमिश देवगन करते हैं. नड्डा पर कथित हमले के बाद उन्होंने शो किया जिसका नाम 'JP Nadda के काफिले पर हमला, बंगाल में लोकतंत्र या ठोकतंत्र?' था. वहीं जब ममता बनर्जी पर कथित हमला हुआ तो शो किया गया जिसका शीर्षक था, ‘हादसा या हमला? चोट बहाना-वोट पर निशाना?’

दोनों हेडिंग से ही साफ हो जाता है कि शो का कंटेंट क्या होगा. एंकर देवगन नड्डा पर हुए हमले को लोकतंत्र को ठोकतंत्र कहने लगते हैं, वहीं ममता बनर्जी को लगे कथित चोट पर वो इसे वोट हासिल करने का बहाना बताते नजर आते हैं.

नड्डा को लगी चोट पर शो की शुरुआत करते हुए देवगन कहते हैं, ‘‘पश्चिम बंगाल में आज एकबार फिर लोकतंत्र की मर्यादाएं तार-तार हो गईं. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जब डायमंड हार्बर जा रहे थे तो उनके काफिले पर हमला कर दिया गया. सोचिए एक राष्ट्रीय पार्टी के मुखिया के काफिले पर भीड़ ने घेरकर पत्थरबाजी की. लिंचिंग की कोशिश हुई. यह राज्य की कानून व्यवस्था पर एक बड़ा सवालिया निशान है. जेपी नड्डा की गाड़ी बुलेट प्रूफ थी इसलिए वे बाल-बाल बच गए. लेकिन जानलेवा हमला था.’’

देवगन आगे कहते हैं, ''बंगाल में लोकतंत्र है या ठोकतंत्र है? आज इसी पर होगी बहस.’’

वहीं ममता बनर्जी पर हुए कथित हमले पर देवगन अपने शो की शुरुआत में कहते हैं, ‘‘क्या चोट के नाम पर बंगाल में वोट युद्ध शुरू हो गया क्योंकि नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान ममता बनर्जी को चोट लग गई. ममता बनर्जी ने इसे बीजेपी की बड़ी साजिश बताया है. तो उधर बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी कह रहे हैं कि बनर्जी सहानुभूति के लिए वोट हासिल करने के लिए ये सब नाटक कर रही हैं. इस बीच बंगाल पुलिस की शुरुआती जांच की रिपोर्ट आ गई है जिसमें किसी भी तरह के हमले से इनकार किया गया है.’’

इसके बाद देवगन पूरे शो में यह साबित करने की कोशिश करते नजर आते हैं कि ममता बनर्जी पर कोई हमला हुआ ही नहीं. उनकी गाड़ी टकराई थी जिससे उन्हें चोट आई है.

ज़ी न्यूज़

ज़ी न्यूज़ के एडिटर इन चीफ और डीएनए शो के एंकर सुधीर चौधरी भी अमिश देवगन की तरह इसे ममता बनर्जी का 'नाटक' बताते नज़र आते हैं.

ममता बनर्जी को लगी चोट की खबर को चौधरी अपने डीएनए में शामिल नहीं करने की बात कहते हैं. ‘‘एक बात तो हम ईमानदारी से बताना चाहते हैं कि ये घटना तो कल हो चुकी थी. कल जब मैं आपके सामने डीएनए पेश कर रहा था तब भी हमें पता था. तब ये तस्वीरें आ रही थी कि ममता बनर्जी को स्ट्रेचर पर अस्पताल ले जाया गया है. और उन्हें अस्पताल में भर्ती करा लिया गया है. लेकिन हमें लगा नहीं कि इस खबर को डीएनए में लेना चाहिए क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान या कोई भी काम करते करते किसी भी नेता को मामूली चोट लगना कोई बड़ी बात नहीं है. यह कोई नेशनल हेडलाइन नहीं है.’’

अपने शो में आगे चौधरी इस चोट को ममता बनर्जी की नई रणनीति बताते नज़र आते हैं.

ज़ी न्यूज़ के एंकर जहां ममता बनर्जी को लगी चोट को अपने शो में शामिल नहीं करने की बात करते नज़र आते हैं वहीं जेपी नड्डा की गाड़ी पर हुई कथित पत्थरबाजी पर उसकी एक एंकर बंगाल की तुलना कश्मीर से करती हैं. ‘बंगाल में लोकतंत्र पर 'पत्थर तंत्र', नाम के शो में एंकर कहती हैं, ‘‘कभी कश्मीर में फैलने वाला पत्थरबाजी का वायरस अब देश के एक और राज्य में पनपने लगा है. इसका सबूत कल भी दिखा. जब देश की सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के काफिले पर पत्थरबाजी गैंग ने हमला बोला.’’

ज़ी न्यूज़ के इस शो के दौरान स्क्रीन पर जो टिकर चल रहा था. वो ये था.

पश्चिम बंगाल में कश्मीर का वायरस!

दीदी की फ़ौज में 'पत्थरबाज'

ज़ी न्यूज़ के ताल ठोक कार्यक्रम में एंकर अमन चोपड़ा भी नड्डा पर हुए हमले को टीएमसी की चाल बताते हैं. इतना ही नहीं उस दिन ज़ी न्यूज़ ने MAMTAKePattharbaaz हैशटैग भी चलाया.

रिपब्लिक भारत

अर्णब गोस्वामी के मालिकाना हक़ वाली मीडिया कंपनी रिपब्लिक भारत के भी दोनों घटनाओं के बाद की कवरेज में अंतर साफ नज़र आता है. जेपी नड्डा पर हुए हमले के बाद रिपब्लिक भारत के महाभारत शो में जो खबर चली उसका शीर्षक रहा, ममता की खूनी राज'नीति'.

शो के एंकर सैयद सोहेल कहते हैं, ‘‘आज हम बात करने वाले हैं, ममता की खूनी राजनीति की. क्या बंगाल में चुनाव है इसलिए तनाव है. ये सवाल इसलिए क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर थे. उनके काफिले पर, उनकी गाड़ी पर हमला किया गया. इससे पहले बंगाल में राजनीतिक हत्याएं कोई नई बात नहीं है. आए दिन बीजेपी के कार्यकर्ताओं की हत्याएं होती हैं तो सवाल ये है कि अगले साल बंगाल में चुनाव है इसीलिए दीदी की बौखलाहट सामने आ रही है और राजनीतिक हत्याएं हो रही हैं.’’

इस शो में स्क्रीन पर जो प्लेट आता है उसमें लिखा होता है-

दीदी का राज बंगाल में 'रक्तकाल'

टीएमसी का 'रक्तचरित्र' बम बंदूक और बवाल

'मोदी के मिशन बंगाल' से घबराई दीदी

रिपब्लिक बंगला के लांच होने के चलते करीब 20 दिन बाद अपने शो 'पूछता है भारत' करने लौटे अर्णब गोस्वामी इस घटना को लेकर सवाल करते हैं, 'क्या सुरक्षा घेरे में रहने वाली ममता के साथ हुई घटना की जांच नहीं होनी चाहिए, जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक किसी भी तरह की बयानबाजी बंद करनी चाहिए,' इसके अलावा कुछ और सवाल अर्णब इस दावे के साथ पूछते हैं कि उनके साथ पूरा देश पूछना चाहता है.

एक तरफ जेपी नड्डा पर कथित हमले के बाद ममता बनर्जी की राजनीति को खूनी राजनीति करार देने वाला रिपब्लिक भारत ममता बनर्जी पर हुए हमले की सीबीआई जांच की मांग करता है ताकि सच सामने आ सके. जबकि दोनों घटनाओं के बाद दोनों दलों ने एक दूसरे पर साजिश का आरोप लगाया था.

इंडिया टीवी

रजत शर्मा के मालिकाना हक़ वाले टीवी चैनल इंडिया टीवी पर भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला. बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद 'नड्डा के काफिले पर हमला, बाल-बाल बचे कैलाश विजयवर्गीय' नाम से शो किया गया जिसमें एंकर कहते हैं, ‘‘बंगाल में लोकतंत्र का हनन हो रहा है. टीएमसी के कायर्कताओं ने जेपी नड्डा की गाड़ी पर जमकर पत्थरबाजी की. जबरदस्त हंगामा हुआ.’’

इस शो के दौरान स्क्रीन पर टिकर चल रहा था-

नड्डा के काफिले पर हमला.. टीएमसी का सियासी बदला

क्या पत्थर डंडे से ममता रोकेंगी बीजेपी का रास्ता?

क्या परिवर्तन के आहट से डर गई है ममता?

बंगाल में लोकतंत्र पर अटैक

वहीं ममता बनर्जी को चोट लगने के बाद रजत शर्मा के शो ‘आज की बात’ में एक खबर के जरिए बताने की कोशिश होती है कि ममता बनर्जी के साथ दुर्घटना हुई ना की कोई हमला हुआ. इसके बाद शर्मा कहते हैं, ‘‘मुझे तो लगता है कि चूंकि चुनाव का माहौल है तो इस मामले में सब के सब गलतबयानी कर रहे हैं. ममता बनर्जी को चोट तो लगी है. अच्छी खासी चोट लगी है. उनके पैर में फ्रैक्चर है. तो ये कहना तो गलत है कि ममता ड्रामा कर रही हैं, लेकिन ये कहना भी गलत है कि बीजेपी ने ममता पर हमला कराने की साजिश की और साजिश करने से पहले साजिश करने वाले ये संकेत दे देंगे कि वे साजिश करेंगे ये तो और बड़ी मूर्खता है.’’

एक तरफ चैनल जेपी नड्डा पर हुए हमले के बाद टीएमसी पर सवाल खड़े कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ जब ममता पर हमला हुआ तो वे इसके पीछे किसी साजिश से इंकार करते नजर आते हैं.

सिर्फ इंडिया टीवी, ज़ी न्यूज़, रिपब्लिक भारत और न्यूज़ 18 ही नहीं बल्कि दूसरे चैनलों पर ऐसी ही रिपोर्टिंग देखने को मिली. जहां जेपी नड्डा पर हुए हमले के दौरान पार्टी द्वारा टीएमसी पर आरोप लगाने पर ही चैनलों ने ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर सवाल खड़े कर दिए लेकिन जब ममता बनर्जी और उनकी पार्टी ने बीजेपी पर हमले का आरोप लगाया तो चैनलों की भाषा बदलती नज़र आई.

कई एंकरों ने सवाल उठाया कि ममता बनर्जी की सुरक्षा में इतने पुलिसकर्मी मौजूद थे ऐसे में उनपर कोई हमला करके चला गया, लेकिन किसी को पकड़ा नहीं गया. ऐसा कैसे? ये सवाल जायज है लेकिन यह सवाल तो जेपी नड्डा के ऊपर हुए हमले के बाद भी पूछा उनके पास भी तो जेड प्लस की सुरक्षा है ऐसे में उनपर हमला करने वाला क्यों नहीं पकड़ा गया. लेकिन यह सब सवाल नड्डा पर कथित हमले के दौरान नहीं पूछे गए. न्यूजलॉन्ड्री इन दोनों हादसों में क्या सच और क्या झूठ है यह मालूम नहीं कर पाया.

Also Read: पत्रकारों से मारपीट के मामले में अखिलेश यादव पर एफआईआर दर्ज

Also Read: सचिन वाझे: हत्या के आरोपी से शिवसैनिक और मुंबई पुलिस का चमकता सितारा बनने का सफर

10 मार्च को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में खुद पर हमले की बात कही, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्हें पैर में चोट आई थी जिस कारण उनके बाएं पैर पर प्लास्ट चढ़ाया गया. 48 घंटे अस्पताल में रहने के बाद बनर्जी 12 मार्च की शाम अस्पताल से व्हीलचेयर पर निकलीं. टीएमसी के नेताओं ने इस हमले के पीछे बीजेपी का हाथ बताया हालांकि बीजेपी ने इसे नाटक करार दिया.

इससे पहले 10 दिसंबर को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के ऊपर कोलकाता में हमला हुआ था. इस दौरान किसी को गंभीर चोट तो नहीं आई, लेकिन कई गाड़ियों के शीशे टूटे हुए ज़रूर नजर आए. इस घटना के बाद बीजेपी ने टीएमसी पर आरोप लगाया था. तब ममता बनर्जी ने इसे बीजेपी का प्लान बताया था और कहा था कि बीजेपी के लोग यह सब जानबूझकर करा रहे हैं.

दोनों ही घटनाओं के बाद दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा, लेकिन इसी बीच नेशनल मीडिया द्वारा दोनों घटनाओं को कवर करने का तरीका भी एकदम जुदा-जुदा नजर आया.

न्यूज़ 18

मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली न्यूज 18 हिंदी का प्राइम टाइम शो ‘आर-पार’ एंकर अमिश देवगन करते हैं. नड्डा पर कथित हमले के बाद उन्होंने शो किया जिसका नाम 'JP Nadda के काफिले पर हमला, बंगाल में लोकतंत्र या ठोकतंत्र?' था. वहीं जब ममता बनर्जी पर कथित हमला हुआ तो शो किया गया जिसका शीर्षक था, ‘हादसा या हमला? चोट बहाना-वोट पर निशाना?’

दोनों हेडिंग से ही साफ हो जाता है कि शो का कंटेंट क्या होगा. एंकर देवगन नड्डा पर हुए हमले को लोकतंत्र को ठोकतंत्र कहने लगते हैं, वहीं ममता बनर्जी को लगे कथित चोट पर वो इसे वोट हासिल करने का बहाना बताते नजर आते हैं.

नड्डा को लगी चोट पर शो की शुरुआत करते हुए देवगन कहते हैं, ‘‘पश्चिम बंगाल में आज एकबार फिर लोकतंत्र की मर्यादाएं तार-तार हो गईं. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जब डायमंड हार्बर जा रहे थे तो उनके काफिले पर हमला कर दिया गया. सोचिए एक राष्ट्रीय पार्टी के मुखिया के काफिले पर भीड़ ने घेरकर पत्थरबाजी की. लिंचिंग की कोशिश हुई. यह राज्य की कानून व्यवस्था पर एक बड़ा सवालिया निशान है. जेपी नड्डा की गाड़ी बुलेट प्रूफ थी इसलिए वे बाल-बाल बच गए. लेकिन जानलेवा हमला था.’’

देवगन आगे कहते हैं, ''बंगाल में लोकतंत्र है या ठोकतंत्र है? आज इसी पर होगी बहस.’’

वहीं ममता बनर्जी पर हुए कथित हमले पर देवगन अपने शो की शुरुआत में कहते हैं, ‘‘क्या चोट के नाम पर बंगाल में वोट युद्ध शुरू हो गया क्योंकि नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान ममता बनर्जी को चोट लग गई. ममता बनर्जी ने इसे बीजेपी की बड़ी साजिश बताया है. तो उधर बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी कह रहे हैं कि बनर्जी सहानुभूति के लिए वोट हासिल करने के लिए ये सब नाटक कर रही हैं. इस बीच बंगाल पुलिस की शुरुआती जांच की रिपोर्ट आ गई है जिसमें किसी भी तरह के हमले से इनकार किया गया है.’’

इसके बाद देवगन पूरे शो में यह साबित करने की कोशिश करते नजर आते हैं कि ममता बनर्जी पर कोई हमला हुआ ही नहीं. उनकी गाड़ी टकराई थी जिससे उन्हें चोट आई है.

ज़ी न्यूज़

ज़ी न्यूज़ के एडिटर इन चीफ और डीएनए शो के एंकर सुधीर चौधरी भी अमिश देवगन की तरह इसे ममता बनर्जी का 'नाटक' बताते नज़र आते हैं.

ममता बनर्जी को लगी चोट की खबर को चौधरी अपने डीएनए में शामिल नहीं करने की बात कहते हैं. ‘‘एक बात तो हम ईमानदारी से बताना चाहते हैं कि ये घटना तो कल हो चुकी थी. कल जब मैं आपके सामने डीएनए पेश कर रहा था तब भी हमें पता था. तब ये तस्वीरें आ रही थी कि ममता बनर्जी को स्ट्रेचर पर अस्पताल ले जाया गया है. और उन्हें अस्पताल में भर्ती करा लिया गया है. लेकिन हमें लगा नहीं कि इस खबर को डीएनए में लेना चाहिए क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान या कोई भी काम करते करते किसी भी नेता को मामूली चोट लगना कोई बड़ी बात नहीं है. यह कोई नेशनल हेडलाइन नहीं है.’’

अपने शो में आगे चौधरी इस चोट को ममता बनर्जी की नई रणनीति बताते नज़र आते हैं.

ज़ी न्यूज़ के एंकर जहां ममता बनर्जी को लगी चोट को अपने शो में शामिल नहीं करने की बात करते नज़र आते हैं वहीं जेपी नड्डा की गाड़ी पर हुई कथित पत्थरबाजी पर उसकी एक एंकर बंगाल की तुलना कश्मीर से करती हैं. ‘बंगाल में लोकतंत्र पर 'पत्थर तंत्र', नाम के शो में एंकर कहती हैं, ‘‘कभी कश्मीर में फैलने वाला पत्थरबाजी का वायरस अब देश के एक और राज्य में पनपने लगा है. इसका सबूत कल भी दिखा. जब देश की सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के काफिले पर पत्थरबाजी गैंग ने हमला बोला.’’

ज़ी न्यूज़ के इस शो के दौरान स्क्रीन पर जो टिकर चल रहा था. वो ये था.

पश्चिम बंगाल में कश्मीर का वायरस!

दीदी की फ़ौज में 'पत्थरबाज'

ज़ी न्यूज़ के ताल ठोक कार्यक्रम में एंकर अमन चोपड़ा भी नड्डा पर हुए हमले को टीएमसी की चाल बताते हैं. इतना ही नहीं उस दिन ज़ी न्यूज़ ने MAMTAKePattharbaaz हैशटैग भी चलाया.

रिपब्लिक भारत

अर्णब गोस्वामी के मालिकाना हक़ वाली मीडिया कंपनी रिपब्लिक भारत के भी दोनों घटनाओं के बाद की कवरेज में अंतर साफ नज़र आता है. जेपी नड्डा पर हुए हमले के बाद रिपब्लिक भारत के महाभारत शो में जो खबर चली उसका शीर्षक रहा, ममता की खूनी राज'नीति'.

शो के एंकर सैयद सोहेल कहते हैं, ‘‘आज हम बात करने वाले हैं, ममता की खूनी राजनीति की. क्या बंगाल में चुनाव है इसलिए तनाव है. ये सवाल इसलिए क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर थे. उनके काफिले पर, उनकी गाड़ी पर हमला किया गया. इससे पहले बंगाल में राजनीतिक हत्याएं कोई नई बात नहीं है. आए दिन बीजेपी के कार्यकर्ताओं की हत्याएं होती हैं तो सवाल ये है कि अगले साल बंगाल में चुनाव है इसीलिए दीदी की बौखलाहट सामने आ रही है और राजनीतिक हत्याएं हो रही हैं.’’

इस शो में स्क्रीन पर जो प्लेट आता है उसमें लिखा होता है-

दीदी का राज बंगाल में 'रक्तकाल'

टीएमसी का 'रक्तचरित्र' बम बंदूक और बवाल

'मोदी के मिशन बंगाल' से घबराई दीदी

रिपब्लिक बंगला के लांच होने के चलते करीब 20 दिन बाद अपने शो 'पूछता है भारत' करने लौटे अर्णब गोस्वामी इस घटना को लेकर सवाल करते हैं, 'क्या सुरक्षा घेरे में रहने वाली ममता के साथ हुई घटना की जांच नहीं होनी चाहिए, जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक किसी भी तरह की बयानबाजी बंद करनी चाहिए,' इसके अलावा कुछ और सवाल अर्णब इस दावे के साथ पूछते हैं कि उनके साथ पूरा देश पूछना चाहता है.

एक तरफ जेपी नड्डा पर कथित हमले के बाद ममता बनर्जी की राजनीति को खूनी राजनीति करार देने वाला रिपब्लिक भारत ममता बनर्जी पर हुए हमले की सीबीआई जांच की मांग करता है ताकि सच सामने आ सके. जबकि दोनों घटनाओं के बाद दोनों दलों ने एक दूसरे पर साजिश का आरोप लगाया था.

इंडिया टीवी

रजत शर्मा के मालिकाना हक़ वाले टीवी चैनल इंडिया टीवी पर भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला. बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद 'नड्डा के काफिले पर हमला, बाल-बाल बचे कैलाश विजयवर्गीय' नाम से शो किया गया जिसमें एंकर कहते हैं, ‘‘बंगाल में लोकतंत्र का हनन हो रहा है. टीएमसी के कायर्कताओं ने जेपी नड्डा की गाड़ी पर जमकर पत्थरबाजी की. जबरदस्त हंगामा हुआ.’’

इस शो के दौरान स्क्रीन पर टिकर चल रहा था-

नड्डा के काफिले पर हमला.. टीएमसी का सियासी बदला

क्या पत्थर डंडे से ममता रोकेंगी बीजेपी का रास्ता?

क्या परिवर्तन के आहट से डर गई है ममता?

बंगाल में लोकतंत्र पर अटैक

वहीं ममता बनर्जी को चोट लगने के बाद रजत शर्मा के शो ‘आज की बात’ में एक खबर के जरिए बताने की कोशिश होती है कि ममता बनर्जी के साथ दुर्घटना हुई ना की कोई हमला हुआ. इसके बाद शर्मा कहते हैं, ‘‘मुझे तो लगता है कि चूंकि चुनाव का माहौल है तो इस मामले में सब के सब गलतबयानी कर रहे हैं. ममता बनर्जी को चोट तो लगी है. अच्छी खासी चोट लगी है. उनके पैर में फ्रैक्चर है. तो ये कहना तो गलत है कि ममता ड्रामा कर रही हैं, लेकिन ये कहना भी गलत है कि बीजेपी ने ममता पर हमला कराने की साजिश की और साजिश करने से पहले साजिश करने वाले ये संकेत दे देंगे कि वे साजिश करेंगे ये तो और बड़ी मूर्खता है.’’

एक तरफ चैनल जेपी नड्डा पर हुए हमले के बाद टीएमसी पर सवाल खड़े कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ जब ममता पर हमला हुआ तो वे इसके पीछे किसी साजिश से इंकार करते नजर आते हैं.

सिर्फ इंडिया टीवी, ज़ी न्यूज़, रिपब्लिक भारत और न्यूज़ 18 ही नहीं बल्कि दूसरे चैनलों पर ऐसी ही रिपोर्टिंग देखने को मिली. जहां जेपी नड्डा पर हुए हमले के दौरान पार्टी द्वारा टीएमसी पर आरोप लगाने पर ही चैनलों ने ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर सवाल खड़े कर दिए लेकिन जब ममता बनर्जी और उनकी पार्टी ने बीजेपी पर हमले का आरोप लगाया तो चैनलों की भाषा बदलती नज़र आई.

कई एंकरों ने सवाल उठाया कि ममता बनर्जी की सुरक्षा में इतने पुलिसकर्मी मौजूद थे ऐसे में उनपर कोई हमला करके चला गया, लेकिन किसी को पकड़ा नहीं गया. ऐसा कैसे? ये सवाल जायज है लेकिन यह सवाल तो जेपी नड्डा के ऊपर हुए हमले के बाद भी पूछा उनके पास भी तो जेड प्लस की सुरक्षा है ऐसे में उनपर हमला करने वाला क्यों नहीं पकड़ा गया. लेकिन यह सब सवाल नड्डा पर कथित हमले के दौरान नहीं पूछे गए. न्यूजलॉन्ड्री इन दोनों हादसों में क्या सच और क्या झूठ है यह मालूम नहीं कर पाया.

Also Read: पत्रकारों से मारपीट के मामले में अखिलेश यादव पर एफआईआर दर्ज

Also Read: सचिन वाझे: हत्या के आरोपी से शिवसैनिक और मुंबई पुलिस का चमकता सितारा बनने का सफर