Newslaundry Hindi
आज तक का विज्ञापन अभियान और इतिहास का ‘अंड-बंड संस्करण’
बंगाल में चुनाव होने हैं और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथजी फुल मजाक के मूड में हैं. कुछ महीने पहले टिप्पणी में आपने यूपी के रावणराज का पार्ट-वन देखा था. इस हफ्ते उस सनीमा का पार्ट टू देखिए. योगीजी हाल फिलहाल में बंगाल के दौरे पर थे. वहां उन्होंने जो माहौल बनाया, उसके बाद जनता उनकी दीवानी हो गई. योगीजी दावा तो बंगाल को सुधारने का कर रहे हैं लेकिन उनके काबू में उनका ट्विटर हैंडल तक नहीं है.
इस बीच सबकुछ बंगाल शिफ्ट हो गया है और अपने खबरिया चैनलों के गदाधारी भी वहां पहुंच चुके हैं. इनका एकतरफा पक्षपाती रवैया चुनाव से पहले ही उजागर हो चुका है, ऐसे में आम लोगों की असल जमीनी हालात जानने की ख्वाहिश बस ख्वाहिश ही रह जानी है. बीते हफ्ते ममता बनर्जी प्रचार के दौरान घायल हो गईं. इसके कारणों में हम नहीं जाएंगे. लेकिन कुछ ही दिन पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी इसी तरह के कथित हमले का आरोप लगाया था. इन दोनों लगभग एक सी घटनाओं ने खबरिया चैनलों के घोघाबसंतों को नंगा कर दिया.
इसके साथ ही इस बार की टिप्पणी में आपके लिए लाएं हैं एक विशेष सेगमेंट जिसे नाम दिया गया है इतिहास का अंड-बंड संस्करण. भारत के खबरिया चैनलों में ऐसे इतिहासकारों की रेलमपेल है जिन्होंने इतिहास के अंड-बंड संस्करण में पीएचडी कर रखी है.
आज तक ने बीते हफ्ते एक बड़ा विज्ञापन अभियान शुरू किया. सवाल ये है कि आज तक को इस विज्ञापन अभियान की जरूरत क्यों पड़ी. आज तक का यह विज्ञापन अभियान असल में टीवी पत्रकारिता से उठ रहे भरोसे का इकबालिया बयान है. टीवी पत्रकारिता से लोगों का भरोसा इसलिए उठा है क्योंकि ये चैनल जनता की आवाज, उसकी कहानियां, जनहित और संविदान को धोखा देने की हद तक जा चुके हैं. इससे निपटने का अब एक ही तरीका है कि मीडिया का एक ऐसा मंच हो जो सरकारों और कारपोरेशन के पैसे से आज़ाद हो, अपके यानी दर्शकों के समर्थन से चलें. न्यूज़लॉन्ड्री ऐसा ही एक प्रयास है. अगर आप हमें सब्सक्राइब करते हैं तो हम स्वतंत्र पत्रकारिता कर सकते हैं और आप कह सकते हैं मेरे खर्च पर आज़ाद है खबरें.
Also Read
-
A flurry of new voters? The curious case of Kamthi, where the Maha BJP chief won
-
Delhi’s demolition drive: 27,000 displaced from 9 acres of ‘encroached’ land
-
डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट: गुजरात का वो कानून जिसने मुस्लिमों के लिए प्रॉपर्टी खरीदना असंभव कर दिया
-
How Muslims struggle to buy property in Gujarat
-
Air India crash aftermath: What is the life of an air passenger in India worth?