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अशोक दलवाई: ‘‘किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए अभी कोई सर्वे नहीं हुआ, लेकिन हम सही रास्ते पर हैं’’

साल 2016 के फरवरी महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कही थी. इसके बाद अप्रैल 2016 में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉक्टर अशोक दलवाई के नेतृत्व में ‘दलवाई कमेटी’ का गठन किया गया. इस कमेटी को किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सुझाव देने और सुझाव को लागू कराकर किसानों की आमदनी दोगुनी करने की जिम्मेदारी दी गई. इस मुद्दे पर न्यूजलॉन्ड्री ने अशोक दलवाई से बात की.

साल 2022 में सिर्फ एक साल बचा हैं. जब भी सरकार से इस बारे में सवाल किया गया तो जवाब मिला कि आखिरी सर्वे साल 2012-13 में हुआ था. ऐसे में क्या बदलाव आया इसकी जानकारी आपको कैसे मिलती है?

इस सवाल के जवाब में अशोक दलवाई कहते हैं, ‘‘सर्वे तो नहीं कराया गया, लेकिन हम अलग-अलग तरीके से किसानों की आमदनी पर नज़र रखते हैं. हमने इसके लिए कुछ इंडिकेटर लिया है जिससे पता चलता है कि हम सही राह पर हैं. आप देखिए उत्पादन में कितनी वृद्धि हुई है. अगर 2015-16 की तुलना में 2021-22 को देखें तो फूड ग्रेन उत्पादन 297 मिलियन टन तक पहुंच गया है. हॉर्टिकल्चर (बागवानी) 321 मिलियन टन पहुंच गया है जबकि 2015-16 में 271 मिलियन टन था. तो इससे साफ़ जाहिर होता है कि उत्पादन बढ़ा है.’’

माना उत्पादन में वृद्धि हुई है, लेकिन उसके साथ ही लागत भी तो बढ़ गई है. आपके सात सुझाव में एक लागत में कमी करना था. एक मार्च 2016 में डीजल की कीमत दिल्ली में लगभग 47 रुपए थी, वहीं 25 मार्च 2021 में 90 रुपए के करीब थी. खाद और कृषि मज़दूरों की मज़दूरी में भी वृद्धि हुई है. यूरिया का वजन कम कर दिया गया और कीमत बढ़ा दी गई. दूसरी तरह अगर साल 2016-17 में गेहूं की एमएसपी 1525 रुपए थी जो तीन साल बाद 2019-20 में ये 1840 रुपए हुआ यानी तीन सौ रुपए की वृद्धि हुई. ऐसे में किसानों की आमदनी कैसे दोगुनी होगी?

इस सवाल के जवाब में दलवाई कहते हैं, ‘‘हमें ये मानना पड़ेगा की कुछ फैक्टर हमारे कंट्रोल के बाहर रहता है. जैसे डीजल की कीमत अभी बढ़ गई है. हालांकि लागत को कम करने के लिए हमारी कोशिश एक ये है कि चीजों (खाद, ट्रैक्टर आदि) का इस्तेमाल कम हो. अगर इसका इस्तेमाल ही कम हो जाए तो लागत में कमी आ जाएगी. दूसरी बात लागत बढ़ी है लेकिन साथ ही उत्पादन भी बढ़ा है.’’

डीजल की कीमत बढ़ने पर जहां अशोक दलवाई उसके इस्तेमाल कम करने की बात करते हैं. वहीं साल 2018 में एक इंटरव्यू में किसानों को खुशहाल बताने के लिए उन्होंने दावा किया था कि भारत में एक साल में 7 लाख ट्रैक्टर निकाले गए हैं.

तीनों कृषि कानूनों को वे किसानों और खेती के हित में बताते हैं. अशोक दलवाई को उम्मीद है कि सरकार सही रास्ते पर है और 2022-23 तक किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाएगी.

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