Newslaundry Hindi
एनएल टिप्पणी : रजत शर्मा की ट्रोलिंग और रूबिका का भाषा प्रेम
इस हफ्ते इंडिया टीवी के प्रधान संपादक रजत शर्मा ऑनलाइन ट्रोलकर्मियों के हत्थे चढ़ गए. यह एक प्रजाति जो बीते 5-6 सालों की राजनीतिक संस्कृति की उपज है वह अब पलटकर अपनों पर ही वार करने लगी है. भक्त तो ठहरे भक्त. उन्हें क्या फर्क पड़ता है कि रजतजी कभी संघ की छात्र शाखा एबीवीपी के सक्रिय कार्यकर्ता थे. वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी मित्र हैं, दिवंगत अरुण जेटली के गुरुकुल सखा रहे हैं. लेकिन भक्तों ने किसी चीज का लिहाज नहीं किया.
एक और मसला एबीपी न्यूज़ की एंकरा रूबिका लियाक़त और स्वरा भास्कर की खींचतान से पैदा हुआ. रूबिका भाषाओं की बात कर रही थीं. लेकिन मातृभाषा हिंदी में जो बात लंबे समय से कही जा रही है वो उन्हें समझ में नहीं आ रही है.
तो इस हफ्ते की टिप्पणी इन्हीं दो मुद्दों पर. आप न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना मत भूलिए.
Also Read
-
TV Newsance 326 |A Very Curly Tale: How Taxpayers’ Money Was Used For Govt PR
-
‘They find our faces disturbing’: Acid attack survivor’s 16-year quest for justice and a home
-
From J&K statehood to BHU polls: 699 Parliamentary assurances the government never delivered
-
Let Me Explain: How the Sangh mobilised Thiruparankundram unrest
-
TV Newsance 325 | Indigo delays, primetime 'dissent' and Vande Mataram marathon