Newslaundry Hindi
एमजे अकबर द्वारा दायर मानहानि केस में कोर्ट ने प्रिया रमानी को किया बरी
पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा पत्रकार प्रिया रमानी पर दायर मानहानि केस का फैसला राउज एवेन्यू की विशेष कोर्ट ने सुना दिया है.
जज रविंद्र कुमार पाण्डेय की कोर्ट ने प्रिया रमानी को मानहानि केस में बरी कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने कहा भारतीय महिलाओं को सिर्फ समानता चाहिए.
फैसले के दौरान कोर्ट ने कहा, महिला के पास अधिकार हैं कि वह अपनी शिकायत एक दशक के बाद भी दर्ज करा सकती है. इस दौरान कोर्ट ने रामायण और महाभारत का भी जिक्र किया.
गौरतलब है कि इससे पहले इस मामले का फैसला 10 फरवरी को आना था लेकिन कोर्ट ने रिटन सबमिशन लेट होने के कारण फैसले की तारीख टाल दी थी.
क्या था मामला
2018 में मी टू कैंपन के दौरान प्रिया रमानी ने ट्वीट कर कहा था कि जब 20 साल पहले अकबर एक अंग्रेजी अखबार के संपादक थे, तो वह नौकरी के साक्षात्कार के लिए मिलने गई थीं. इस दौरान अकबर ने उनका शोषण किया. इसके बाद एक दर्जन से अधिक महिलाओं ने रमानी का साथ दिया था.
इन आरोपों पर बवाल होने पर एमजे अकबर ने अपनी छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए प्रिया रमानी पर मानहानि का केस दर्ज कराया था. अकबर ने घटना के बाद 17 अक्टूबर, 2018 को केन्द्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.
अक्टूबर 2018 में दायर किए गए इस मानहानि के मामले में जब सुनवाई आखिरी दौर में थी तो उस वक्त जज बदल गए. इस वजह से इस मामले की सुनवाई पिछले साल अक्टूबर में दोबारा शुरू हुई. दोनों पक्षों की तरफ से अपने-अपने तर्क रखे गए. और फिर 1 फ़रवरी को राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा पत्रकार प्रिया रमानी पर दायर मानहानि केस का फैसला राउज एवेन्यू की विशेष कोर्ट ने सुना दिया है.
जज रविंद्र कुमार पाण्डेय की कोर्ट ने प्रिया रमानी को मानहानि केस में बरी कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने कहा भारतीय महिलाओं को सिर्फ समानता चाहिए.
फैसले के दौरान कोर्ट ने कहा, महिला के पास अधिकार हैं कि वह अपनी शिकायत एक दशक के बाद भी दर्ज करा सकती है. इस दौरान कोर्ट ने रामायण और महाभारत का भी जिक्र किया.
गौरतलब है कि इससे पहले इस मामले का फैसला 10 फरवरी को आना था लेकिन कोर्ट ने रिटन सबमिशन लेट होने के कारण फैसले की तारीख टाल दी थी.
क्या था मामला
2018 में मी टू कैंपन के दौरान प्रिया रमानी ने ट्वीट कर कहा था कि जब 20 साल पहले अकबर एक अंग्रेजी अखबार के संपादक थे, तो वह नौकरी के साक्षात्कार के लिए मिलने गई थीं. इस दौरान अकबर ने उनका शोषण किया. इसके बाद एक दर्जन से अधिक महिलाओं ने रमानी का साथ दिया था.
इन आरोपों पर बवाल होने पर एमजे अकबर ने अपनी छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए प्रिया रमानी पर मानहानि का केस दर्ज कराया था. अकबर ने घटना के बाद 17 अक्टूबर, 2018 को केन्द्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.
अक्टूबर 2018 में दायर किए गए इस मानहानि के मामले में जब सुनवाई आखिरी दौर में थी तो उस वक्त जज बदल गए. इस वजह से इस मामले की सुनवाई पिछले साल अक्टूबर में दोबारा शुरू हुई. दोनों पक्षों की तरफ से अपने-अपने तर्क रखे गए. और फिर 1 फ़रवरी को राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
Also Read
-
TV Newsance 304: Anchors add spin to bland diplomacy and the Kanwar Yatra outrage
-
How Muslims struggle to buy property in Gujarat
-
A flurry of new voters? The curious case of Kamthi, where the Maha BJP chief won
-
Reporters Without Orders Ep 375: Four deaths and no answers in Kashmir and reclaiming Buddha in Bihar
-
Lights, camera, liberation: Kalighat’s sex workers debut on global stage