महिलाओं की जिंदगी नरक बनाने के हुनर में हम विश्वगुरू हैं

थॉमसन-रॉयटर्स का सर्वे कहता है भारत महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देश है, इसके साथ ही हमारी हिपोक्रेसी एक बार फिर से सतह पर आ गई.

WrittenBy:ज्योति यादव
Date:
Article image

भारत औरतों के लिए दुनिया में सबसे खतरनाक देश है. थॉमसन-रॉयटर्स के इस सर्वे से कुछ लोग क्रोधित हैं, कुछ खुश हैं कि देखो हम तो पहले से ही कह रहे थे.

सच्चाई ये है कि इस देश को महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक घोषित करने के लिए किसी सर्वे की जरूरत नहीं है. 2012 में निर्भया रेप के बाद देश में लगभग उसी तरीके से निर्मम रेप की घटनाओं की बाढ़ आ गयी. शायद ऐसा दुनिया में पहली बार किसी देश में हुआ कि एक तरफ कठोर क़ानून बन रहा था, दूसरी तरफ दनादन रेप हो रहे थे.

फिर 6 महीने के बच्चों से रेप की घटनाएं सामने आने लगीं. अचानक से लगा जैसे ये फैशन बन गया है. ठीक वैसे ही जैसे इन दिनों 15 लड़कों द्वारा एक अकेली लड़की का सरे राह यौन उत्पीड़न करने वाले वीडियो का ‘ट्रेंड’ चल पड़ा है. फिर हर साल एनसीआरबी की रिपोर्ट आती है, तमाम और रिपोर्ट्स आती हैं जिनमें ये बताया जाता है कि इंडिया में हर लड़की अपने जीवन में कई-कई बार सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकार होती है.

ये दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां ‘शौच के लिए जाती महिला से बलात्कार’, ‘शादी का झांसा देकर 5 साल तक दुष्कर्म’, ‘छेड़खानी से तंग आकर किशोरी फांसी लटकी’, ‘छेड़खानी के विरोध पर बाप-बेटी को जिन्दा जलाया’ जैसी सुर्खियां बनती रहती है.

imageby :

ये एकमात्र देश है जहां ऐसे पति भी हैं जो अपनी सुहागरात की वीडियो बनाकर इंटरनेट पर डालते हैं. ऐसे बॉयफ्रेंड हैं जो दोस्तों को बुलाकर गर्लफ्रेंड की अश्लील वीडियो बनवाकर नेट पर डालते हैं. सिर्फ फिजिकल होने की मंशा को भी समझा जा सकता है, पर वीडियो बनाकर उसे इंटरनेट पर फैलाना तो किसी भी समझ से परे है. इसका हासिल क्या है? नहाती भाभी के वीडियो, पेशाब करती चाची के वीडियो! ये सब वीडियो बिकते भी हैं, इनका बड़ा बजार है. जाहिर है इसके उपभोक्ता भी हमारे-आपके बीच के लोग ही हैं.

सेक्सुअल वायलेंस यानी यौन उत्पीड़न और हिंसा के इन तौर तरीकों के लिए लिए किसी रिपोर्ट को पढ़ने की जरूरत नहीं है. अपने आस-पास की माताओं, बहनों से पूछ लेना काफी रहेगा.

इसके अलावा महिलाओं पर अत्याचार से जुड़े नॉन-सेक्सुअल वायलेंस के मामले में भारत जितना रचनात्मक दुनिया में शायद ही कोई देश होगा. दहेज़ हत्या, चाइल्ड मैरिज, जबर्दस्ती मैरिज, मैरिटल रेप, नौकरी छुड़वाना, नौकरी और घर के सारे काम, शराब पीकर पत्नी से मारपीट, भाभी से छेड़छाड़ और मारपीट, घर से बाहर निकलने और चुन्नी ओढ़ने को लेकर बहनों से मारपीट, बूढी मांओं से मारपीट, जबरन धर्म परिवर्तन आदि इन घटनाओं के तरीके और हैरान कर देनेवाली डिटेल्स रोज ख़बरों में आती हैं. इससे भी खतरनाक है यहां तलाक नहीं होते, आमतौर पर पति-पत्नी का अलगाव हत्या के माध्यम से होता है.

अगर हम वर्कप्लेस की बात करें तो ऑफिस वाली नौकरियों का हाल औरतों के चेहरे देख कर बताया जा सकता है. हालांकि इसकी एक और कड़वी सच्चाई ये है कि ज्यादातर औरतें ऑफिसों में नहीं बल्कि खेतों, बागानों, फैक्टरियों, घरों में खटती हैं. छह महीने का पेट लिए सर पर ईंट ढोती औरतें किसने नहीं देखा है अपने जीवन में? घर के सारे काम कर, एक शराबी से मार खा कर खेतों में काम करना और हर रात रेप के लिए तैयार रहना, हर साल बच्चा जनना या गिराना, 12-12 डिलीवरी, यही नियति है इंडिया की ज्यादातर औरतों की? आज साल 2018 में, सूचना क्रांति के बाद, सुपरपॉवर के तमाम दावों के बीच कितने गांव की औरतें हॉस्पिटल जाती हैं? आज भी बच्चा घर पर ही पैदा होता है. भैंसों का इलाज होता है हॉस्पिटल में, औरत का नहीं.

लिहाजा ऐसे किसी सर्वे में नंबर-एक आना आहत होनेवाली बात नहीं है. ये एकमात्र देश है जहां छेड़खानी तो होती ही है, रिपोर्ट लिखाने पर पुलिस, कोर्ट में जाने पर जज, ऑफिस में बताने पर बॉस, घर में बताने पर जीजा और मुंहबोले भाई सब पीछे पड़ जाते हैं.

भारत में सिर्फ ख़तरा ही नहीं है, बल्कि इस ख़तरे में रचनात्मकता भी है, जिसके नाते नंबर एक खतरनाक देश घोषित किया जाना तो छोटी बात है. जिंदा हाड़-मांस की औरतों की जिंदगी नरक बनाने के तरीकों में हमलोग विश्वगुरु हैं.

अगर वाकई में इस नंबर एक का तमगा किसी को आहत कर रहा है तो वो अपने खुद के जीवन में बदलाव लाये, नाराज़ क्या होना इस छोटी सी बात पर. बड़ी बातें तो हमारे सामने हर रोज़ हो रही हैं.

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like