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Contributeन्यूज़लॉन्ड्री चर्चा के 110वें एपिसोड में हमने कोरोना वायरस के वैश्विक दुष्परिणाम, तब्लीगी जमात के दिल्ली मरकज से फैली महामारी, सुप्रीम कोर्ट में खबरों की स्क्रीनिंग का मसला और महामारी में मदद करने के लिए स्थापित पीएम केयर फंड आदि पहलुओं पर चर्चा की.
इस सप्ताह चर्चा में एशियाविल वेबसाइट के पत्रकार अमित भारद्वाज, न्यूज़लॉन्ड्री के साथी शार्दूल कात्यायन और न्यूज़लॉन्ड्री के एसोसिएट एडिटर मेघनाथ एस शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल ने विषयों को बताने के बाद कोरोना वायरस पर न्यूज़लॉन्ड्री के श्रोताओं को अपडेट देते हुए बताया कि गुरुवार तक इस महामारी से विश्वभर में 9लाख 52 हजार के आसपास लोग संक्रमित हैं, 48 हजार के करीब लोग अभी तक इस बीमारी से अपनी जान गंवा चुके है, वहीं 2 लाख के करीब लोग रिकवर हुए हैं. वहीं भारत में अभी तक कुल 2100 के करीब संक्रमित लोग मिले है और इससे मरने वालों की संख्या 60 के करीब पहुंच गई है. अमित से सवाल पूछते हुए अतुल कहते हैं, “दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए तब्लीगी जमात के जलसे ने कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी की है. यहां मलेशिया से भी कई लोग आएं थे, जहां महामारी पहले से ही फैली हुई थी. इसके बावजूद भी वहां के लोगों को आने दिया गया. चूंकि आप निजामुद्दीन से रिपोर्ट कर रहे थे तो आप हमें अच्छे से बता सकते हैं कि वहां क्या परिस्थितियां थी और इस पूरे मसले पर एक स्पष्ट जानकारी हमारे को श्रोताओं को दे सके.”
अमित ने बताया कि तब्लीगी जमात एक मुस्लिम संगठन हैं जो 180 देशों में फैला हुआ है. इस संस्थान का हेडक्वार्टर दिल्ली के निजामुद्दीन में हैं, जिसे हम मरकज कह रहे है. यह संस्थान इस्लाम के प्रचार-प्रसार का काम करता है. मलेशिया पर जोर देते हुए अमित कहते हैं,“27 फरवरी से 1 मार्च तक तब्लीगी जमात ने मलेशिया में इज्तेमा किया था. जिसमें 16 हजार से ज्यादा लोग शामिल होते हुए, इस प्रोग्राम के बाद पूरे देश में बड़े स्तर पर कोरोना वायरस फैला.”
अतुल ने मेघनाथ को चर्चा में शामिल करते हुए कहा कि इस संगठन ने जलसा करके एक अफरा-तफरी पैदा कर दी है. इस कार्यक्रम में शामिल लोग कहां-कहां गए होंगे, कितने लोग उनसे संक्रमित हुए होंगे, यह पता लगाना किसी भी सरकार के लिए लगभव असंभव हो चुका है. मेघनाथ कहते हैं कि इनका काम धर्म का प्रचार करना है, तो इस प्रोग्राम में शामिल लोग पूरे देशभर में कितने जगहों पर जाकर कितने लोगों से मिले होंगे और उन्होंने कितने लोगों को संक्रमित किया होगा, यह पता लगाना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा अब.
शार्दूल कात्यायन ने बताया कि सरकार की कमियां तो हैं ही, लेकिन इस प्रोग्राम में शामिल लोग पूरे देशभर में फैले हैं और उन्होंने कितने लोगों को संक्रमित किया होगा यह कहना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन इस सब की आड़ में सरकार अपना सांप्रदायिक एजेंडा फैलाने में लगी हुई है जो ज्यादा बड़ी चिंता की बात है.
बाकी विषयों पर भी विस्तार से चर्चा हुई. पूरी चर्चा सुनने के लिए पॉडकास्ट सुने साथ ही न्यूजलॉन्ड्री को सब्सक्राइब करें और गर्व से कहें- 'मेरे खर्च पर आज़ाद हैं खबरें.'
पत्रकारों की राय, क्या देखा पढ़ा और सुना जाए.
अमित भारद्वाज
द प्लेटफॉर्म (नेटफ्लिक्स मूवी)
लॉकडाउन के समय में महिलाओं पर बढ़ते घरेलू हिंसा - द गर्जियन और वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट
शार्दूल कात्यायन
कोरोना वायरस पर नेशनल जियोग्राफिक आर्टिकल
कंक्रीट जिन गेम
मेघनाथ
कोविड 19 – पर द मिंट का आर्टिकल
सैम हैरिस का मेकिंग सेंस पॉडकास्ट – द फ्यूचर ऑफ वर्क एपिसोड
द कंटेजियन फिल्म
अतुल चौरसिया
जॉर्ज ऑरवेल की कहानी – अ हैंगिग
न्यूज़लॉन्ड्री कोविड-19 पॉडकास्ट हिंदी में - रिचर्ड हार्टन एवं डेविड काट्ज
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