छंटनी से नाराज ‘नई दुनिया इंदौर’ के कर्मचारियों ने संस्थान के खिलाफ खोला मोर्चा

कुछ पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर लोगों से समर्थन भी मांगा. जिसमें कुछ लोगों और संपादक पर इस खेल में शामिल होने का आरोप लगाया.

WrittenBy:NL Team
Date:
Article image
  • Share this article on whatsapp

कोरोनाकाल में लगातार मीडियाकर्मियों की नौकरी जाने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में दैनिक जागरण समूह के अखबार “नई दुनिया” इंदौर में पिछले तीन दिन से कर्मचारियों को निकाले जाने से नाराज कर्मचारियों ने हंगामा खड़ा कर दिया. पत्रकार, डेस्क व अन्य कर्मचारियों को नौकरी से हटाने के विरोध में गुरुवार को नई दुनिया इंदौर में भारी हंगामा हुआ और सभी कर्मचारी नई दुनिया के परिसर में आकर बैठ गए. कुछ पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर लोगों से समर्थन भी मांगा. जिसमें कुछ लोगों और संपादक पर इस खेल में शामिल होने का आरोप लगाया. और समूह के खिलाफ एक पेटिशन पर हस्ताक्षर करने की अपील भी की.

खबरों के मुताबिक समूह अब तक 25 प्रतिशत कर्मचारियों को निकाल चुका है और इनका लक्ष्य 40 प्रतिशत तक स्टाफ को कम करना है. एक पूर्व कर्मचारी ने फेसबुक पोस्ट किया- कृपया नईदुनिया समाचार पत्र के विरुद्ध एकजुट हों. यह समूह कोरोना संकटकाल में कर्मचारियों को धमकाकर, जबरन दबाव डाल कर नौकरी से निकाल रहा है. इस खेल में संजय शुक्ला, क्षितिज चौरे, केएल टाक व संपादक सद्गुरू शरण अवस्थी लगे हुये हैं. करबद्ध निवेदन है कि कर्मचारियों के पक्ष में आयें और इस समाचार पत्र का सामूहिक बहिष्कार करें.

subscription-appeal-image

Support Independent Media

The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.

Contribute
एक कर्मचारी का पोस्ट

नई दुनिया इंदौर में कार्यरत एक वरिष्ठ कर्मचारी ने 22 सितम्बर को अपने फेसबुक पेज पर अपना दर्द बयां करते हुए लिखा था, “33 साल किसी संस्थान में रहकर काम करने के बाद, आज एकाएक ही विदा कर दिए गए. अब वह लाइब्रेरी जिसकी तारीफ के कई कसीदे महान संपादकों ने समय-समय पर कालखंड में लिखे. आज वह ज्ञान भंडार अनाथ हम छोड़ आए. साथी धर्मेंद्र पांचाल के साथ, दोनों ही आज विदा हुए हैं. ...अलविदा नई दुनिया.” इसी के साथ इन्होंने अपने दोस्त के साथ तीन फोटो भी पोस्ट किए हैं.

संस्थान की अंदरूनी व्यवस्था पर एक कर्मचारी ने फेसबुक पर लिखा- #नईदुनिया इंदौर प्रबंधन का काला चेहरा उजागर. एक कर्मचारी की मां का देहांत हुआ और उसने उनकी अस्थियां विसर्जन के लिये अवकाश मांगा तो नहीं दिया. अब उन्हीं कर्मचारी को जबरन नौकरी से निकालने की प्रक्रिया जारी है. इस समाचार पत्र को इंदौर की धरा से उखाड़ फेंकने का समय आ गया है. कृपया मानवता दिखाते हुये इसका आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक बहिष्कार करें.

इस बारे में जब हमने नई दुनिया इंदौर के प्रबंधन से बात करने के लिए फोन किया तो हमारे फोन को पहले तीन-चार लोगों को इधर-उधर भेजा गया फिर आखिर में उन्होंने हमसे कहा कि ये सब फर्जी है. जब हमने फेसबुक पोस्ट का जिक्र किया और उनका नाम पूछा तो उन्होंने फोन काट दिया.

Also see
article imageन्यूज चैनलों द्वारा फैलायी जा रही नफरत के बजाय डिजिटल मीडिया पर क्यों लगाम लगाना चाहती है सरकार?
article imageचार सप्ताह के भीतर आईबी मंत्रालय रिपब्लिक टीवी के विरुद्ध जारी करे आदेश: दिल्ली हाईकोर्ट
subscription-appeal-image

Power NL-TNM Election Fund

General elections are around the corner, and Newslaundry and The News Minute have ambitious plans together to focus on the issues that really matter to the voter. From political funding to battleground states, media coverage to 10 years of Modi, choose a project you would like to support and power our journalism.

Ground reportage is central to public interest journalism. Only readers like you can make it possible. Will you?

Support now

You may also like