छत्तीसगढ़: वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला पर थाने के बाहर हमला

कमल शुक्ला ने कहा कि दोषियों पर जबतक कारवाई नहीं होगी तब तक करूंगा भूख हड़ताल.

Article image

छत्तीसगढ़ के कांकेर में वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला के साथ खुलेआम सड़क पर मारपीट की गई. यह मारपीट उनके साथ कांकेर के आदर्श पुलिस थाने के सामने हुई.

इस घटना के बाद कमल शुक्ला ने कहा, “भूपेश सरकार पत्रकारों को सुरक्षा देने में नाकाम है. इस सरकार के दो सालों में जितने पत्रकारों पर हमले हुए है वो बीजेपी के 5 सालों से ज्यादा है.''

बताया जा रहा हैं कि भूमकाल के संपादक कमल शुक्ला कुछ पत्रकारों के साथ एक अन्य पत्रकार के साथ हुई मारपीट का विरोध कर रहे थे. इसी दौरान कुछ गुंडे मौके पर आ गए और उनके साथ मारपीट करने लगे. वह जोर-जोर से वरिष्ठ पत्रकार को गालियां दे रहे थे और मारने की बात कह रहे थे. इस दौरान उन्हें कुछ चोटे आई.

घटना के वक़्त के वीडियो में साफ दिख रहा है कि कैसे दबंग उन्हें घसीटते हुए बाहर लाते है. इस दौरान उन्हें गालियां दे रहे हैं. हैरानी की बात ये है कि यह सब एक थाने के बाहर हुआ.

subscription-appeal-image

Support Independent Media

The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.

Contribute

पूरे घटना के बाद कमल शुक्ला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए मारपीट को लेकर स्थानीय नेताओं पर आरोप लगाया. जिसमें नगर पालिका अध्यक्ष और अन्य का नाम लिया.

उन्होंने कहा, ''मैं इस घटना के बाद जिला की जनता और प्रदेश के सभी पत्रकारों को साथ आने का आवाह्न करता हूं. क्योंकि यह सभी हमारे 2अक्टूबर को होने वाले आंदोलन को खत्म करना चाहते है. यह सरकार के गुंड़े है. जो मिलकर उगाई का काम करते है.''

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोग भूपेश बघेल सरकार पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार आलोक पुतुल ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए लिखा, ''छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाक़े में एक पत्रकार के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा मारपीट का विरोध करने पहुँचे पत्रकारों की एक टीम पर थाने के भीतर मारपीट हुई. पत्रकार कमल शुक्ला का सिर फट गया. मारपीट करने वाले कांग्रेसी नेता बताये जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ में उत्तरप्रदेश मुबारक.''

वहीं कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट एशिया ने भी इस मामले पर ट्वीट करते हुए नाराज़गी जताई है.

गौरतलब हैं कि कांग्रेस की भुपेश बघेल सरकार ने अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए पत्रकारों की सुरक्षा संबंधी कानून का मसौदा भी जारी किया था, जिसे अभी तक अमलीजामा नहीं पहनाया गया है.

कमल शुक्ला ने पत्रकार सुरक्षा कानून पर कहा कि "सरकार ने धोखा दिया है. क्योंकि दो साल तो बीत गए हैं लेकिन अभी तक कानून का कोई अता-पता नहीं है."

Also see
article imageउद्धव ठाकरे के गार्ड के साथ गाली-गलौज करने वाले रिपब्लिक टीवी के दो पत्रकार गिरफ्तार
article imageयूपी में पत्रकार की गोली मारकर हत्या, पिता ने पुलिस पर लगाया आरोप
subscription-appeal-image

Power NL-TNM Election Fund

General elections are around the corner, and Newslaundry and The News Minute have ambitious plans together to focus on the issues that really matter to the voter. From political funding to battleground states, media coverage to 10 years of Modi, choose a project you would like to support and power our journalism.

Ground reportage is central to public interest journalism. Only readers like you can make it possible. Will you?

Support now

You may also like