आचार संहिता का मूल उद्देश्य पत्रकारों, न्यूज संस्थाओं और प्रकाशकों की स्वतंत्रता को बनाए रखना है.
डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (डीएनपीए) के सदस्यों ने 17 अक्टूबर को स्वेच्छा से सदस्यों के लिए आचार संहिता जारी की है. इस आचार संहिता का मूल उद्देश्य डिजिटल प्रकाशन के उच्च मानकों और नैतिकता को बनाए रखने के साथ-साथ पत्रकारों, न्यूज संस्थाओं और प्रकाशकों की स्वतंत्रता को बनाए रखना भी है. साथ ही यह (डीएनपीए) की जिम्मेदार डिजिटल प्रकाशन के लिए प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है.
आचार संहिता के मुताबिक, सदस्यों को गलत, आधारहीन या विकृत सामग्री के प्रकाशन से बचना चाहिए. और खबर के प्रकाशन से पहले सत्यापन अनिवार्य होना चाहिए. लागू कानूनों और नियम का पालन अवश्य करना चाहिए और मानहानि से बचना चाहिए.
The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.
Contributeसाथ ही समाचार रिपोर्टों और आर्टिकल में वह व्यक्ति या पक्ष जिसके संबंध में आरोप लगाए जाते हैं की टिप्पणियों या संस्करण को शामिल किया जाना चाहिए. और अगर यह तब नहीं हो पाता है, और व्यक्ति या पार्टी की प्रतिक्रिया, बाद में प्राप्त होती है तो उसे इसमें शामिल किया जाना चाहिए. आचार संहिता के मुताबिक, डिजिटल समाचार वेबसाइटें, भारत के संविधान में शामिल भूमि कानून, मीडिया से संबंधित 30 से अधिक कानून, आईपीसी के संबंधित प्रावधानों, सीआरपीसी के साथ-साथ जहां सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 लागू हो, उनका पालन करती हैं.
इसमें आर्टिकल संविधान में 19(1)(a) के तहत अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा के साथ दूसरी संवैधानिक प्रेस की आजादी के बारे में भी बताया गया है. डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन की घोषणा सितंबर 2018 में की गई थी. संगठन के मुताबिक यह ऑनलाइन न्यूज मीडिया के लिए सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी के तौर पर काम करेगी. और भारतीय ऑडियंस को सभी भाषाओं में सबसे विश्वसनीय खबरें उपलब्ध कराने, सेल्फ-रेगुलेशन करने और सभी सदस्यों के कारोबारी और संपादकीय हितों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. गौरतलब है कि भारत में डिजिटल स्पेस काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है.
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