देशभर में सरकार ने 385 चैनलों को नियमित न्यूज चैनल के लाइसेंस दिए हैं. ये चैनल समाचारों के साथ-साथ मनोरंजन के कार्यक्रम प्रसारित करते हैं.
केंद्र सरकार ने ऑनलाइन कंटेंट, फ़िल्म और न्यूज को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत लाने का फ़ैसला किया है. बुधवार को सरकार ने एक गजट नोटिफिकेशन के जरिए यह जानकारी दी. इस आदेश के बाद अब ऑनलाइन न्यूज पोर्टल और मीडिया वेबसाइट, सूचना व प्रसारण मंत्रालय के अधीन आ जाएंगे. भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस संबंध में जारी एक नोटिफिकेशन पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं.
इस समय देश में डिजिटल कंटेंट के नियमन के लिए कोई स्वायत्त संस्था या कानून नहीं है. लेकिन अब केंद्र सरकार ने ऑनलाइन मीडिया फिल्म और ऑडियो विजुअल प्रोग्राम के साथ ही न्यूज और करंट अफेयर्स कंटेंट को भी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंदर लाने का फैसला किया है.
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Contributeकेंद्र सरकार ने इसके पहले सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में दलील दी थी कि ऑनलाइन माध्यम का नियमन टीवी से अधिक जरूरी है. और न्यूज पोर्टल और मीडिया वेबसाइट को रेगुलेट करने के लिए 10 सदस्यीय कमेटी भी बनाई थी. इस कमेटी से ऑनलाइन मीडिया, न्यूज पोर्टल और ऑनलाइन कन्टेंट प्लेटफॉर्म के लिए उचित नीतियों की सिफारिश करने को कहा गया था. कमेटी में सूचना व प्रसारण, कानून, गृह, आईटी मंत्रालय और डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी और प्रमोशन के सचिवों को शामिल किया गया था.
इससे पहले साल 2019 में सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि मोदी सरकार मीडिया की आजादी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाना चाहती है. लेकिन ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए कुछ न कुछ नियम-कानून जरूर होने चाहिए. क्योंकि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं फिल्मों के लिए पहले से नियम हैं. सुप्रीम कोर्ट में दिए गए केंद्र के हलफनामे के मुताबिक, देशभर में सरकार ने 385 चैनलों को नियमित न्यूज चैनल के लाइसेंस दिए हैं. ये चैनल समाचारों के साथ मनोरंजन से इतर कार्यक्रम प्रसारित करते हैं. इनमे वार्ता, बहस कार्यक्रम और जनता तक जानकारी पहुंचाने के अन्य कई कार्यक्रम भी होते हैं.
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