‘द प्रिंट’ की खबर को ‘रूसी विदेश मंत्रालय’ ने बताया ‘फेक’

रूसी विदेश मंत्रालय ने खबर को सनसनी और अटेंशन पाने के लिए गलत हेडलाइन बताते हुए फैक्ट पर फोकस करने को कहा है.

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रूस के विदेश मंत्रालय ने ‘द प्रिंट वेबसाइट’ की एक खबर को फर्जी और सनसनी फैलाने वाली बताया है. मिनिस्ट्री ऑफ फॉरेन अफेयर्स ने बाकायदा अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से इस खबर का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए इसका खंडन किया है. साथ ही रूसी विदेश मंत्रालय ने अपने फेसबुक पर हिंदी में एक लंबा स्पष्टीकरण लिखा है जिसमें प्रकाशकों की नीयत पर भी सवाल उठाए हैं. साथ ही कहा है कि उन्हें पता होना चाहिए कि दो दिन पहले ही भारत में रूस के राजदूत निकोलाय कुदेशव ने भारत-रूस के द्विपक्षीय और वैश्विक रिश्तों की संपूर्ण समीक्षा की थी. कोविड-19 महामारी ने वार्षिक शिखर सम्मेलन में भले ही देरी कर दी हो लेकिन यह हमारे देशों के बीच दोस्ताना संबंधों को मजबूत करने में बाधा नहीं बन पाएगा.

दरअसल द प्रिंट वेबसाइट ने 23 दिसम्बर को भारत-रूस से संबंधित यह खबर प्रकाशित की थी. इस खबर को नयनिमा बसु ने लिखा था. खबर के शीर्षक में लिखा था कि क्वाड (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान) देशों से रूस खफा है, इसीलिए भारत-रशिया वार्षिक सम्मेलन पिछले दो दशक में पहली बार स्थगित किया गया है. साथ ही सब-हेड में लिखा था- 2000 के बाद यह पहली बार है जब नई दिल्ली और मास्को अपनी वार्षिक मीटिंग नहीं करेंगे. जबकि चीन के साथ टेंशन बढ़ी हुई है. खबर में रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ पीएम मोदी की मुस्कुराते हुए तस्वीर लगी है. अंदर खबर में डिप्लोमेटिक स्त्रोत के जरिए से खबरें मिलने का दावा भी रिपोर्ट में किया गया है.

जिस पर रूसी विदेश मंत्रालय ने इसको सनसनी और अटेंशन पाने के लिए गलत हेडलाइन बताते हुए फैक्ट पर फोकस करने को कहा है. अपने ट्विटर और फेसबुक पर इस संबंध में विवरण जारी किया है. हालांकि ‘द प्रिंट’ ने इस खबर को अपनी वेबसाइट से हटाया नहीं है.

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जिस पर रूसी विदेश मंत्रालय ने इसको सनसनी और अटेंशन पाने के लिए गलत हेडलाइन बताते हुए फैक्ट पर फोकस करने को कहा है. अपने ट्विटर और फेसबुक पर इस संबंध में विवरण जारी किया है. हालांकि ‘द प्रिंट’ ने इस खबर को अपनी वेबसाइट से हटाया नहीं है.

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