बलात्कार की घटना से इंकार करते हुए मीडिया सेल के अधिकारी कहते हैं, "बच्चियों की हालात देखकर ऐसा नहीं लगता कि उनका बलात्कार हुआ है. उन्होंने कपड़े भी व्यवस्थित तरीके से पहने हुए थे. घटना की फोटो भी मीडिया में वायरल हो रही हैं. बॉडी का पंचनामा भरने के दौरान भी ऐसा कुछ नहीं लगा. जिससे लगे कि उनका बलात्कार हुआ है. हालांकि तीनों बच्चियों के मुंह में झाग काफी ज्यादा थे. प्रथम दृष्टया डॉक्टरों का कहना है कि यह सभी लक्षण जहर खाने वाले ही हैं. बाकी सब जांच के बाद ही साफ हो पाएगा."
वह आगे कहते हैं, "इस मामले में परिवार ज्यादा कुछ नहीं बता पा रहा है. परिवार वाले पुलिस को सिर्फ इतना ही बता रहे हैं कि बच्चियां दोपहर बाद चारा काटने के लिए घर से अपने खेत में गई थीं. जब वह नहीं लौटीं तो परिवार ने खोजबीन की. तब संदिग्ध अवस्था में तीनों बच्चियां वहां से मिलीं. जिस बच्ची का इलाज चल रहा है वह 17 साल की है. जिनकी मौत हुई है उनकी उम्र करीब 13 और 16 साल है. इन तीनों की डिटेल्स में पिता के नाम अलग-अलग लिखा हुआ है इसलिए यह तीनों बहनें नहीं हैं. यह सभी दलित समाज से आती हैं."
हमने कानपुर में भर्ती लड़की के परिजनों से संपर्क करने की कोशिश की है. जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही लड़की के भाई विशाल ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, "घटना कैसे हुई, किसने की इस बारे में हमें कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है. हमारी किसी से कोई दुश्मनी और लड़ाई नहीं थी. यह सब कैसे हो गया कुछ पता नहीं."
22 वर्षीय विशाल कानपुर के रिजेंसी अस्पातल में अपनी बहन का इलाज करा रहे हैं. उनके साथ उनके भाई, चाचा और गांव के कुछ लोग थे. विशाल बेहद चिंतित आवाज़ में ताजा स्थिति के बारे में हमें बताते हैं, "उनकी बहन बोल नहीं पा रही है. उनकी भतीजी और दूसरी लड़की की मौत हो गई है. यह सभी दोपहर बाद रोज की तरह चारा लेने गई थीं लेकिन रात होने तक नहीं लौटीं. इसके बाद हम लोग खोजने गए तो खेत में पड़ी मिलीं. वहां से इन्हें अस्पताल ले जाया गया."
विशाल कहते हैं, "घर की स्थिति ठीक नहीं है इसलिए 9वीं के बाद बहन ने पढ़ाई छोड़ दी थी. यह सभी रोजाना तीन बजे चारा लेने जाती थीं और पांच बजे के आसपास तक आ जाती थीं. घर परिवार में भी कोई झगड़ा नहीं हुआ था. ना ही हमारी किसी और से लड़ाई-झगड़ा है. इसलिए किसी पर शक भी नहीं कर सकते हैं. बहन बच जाएगी तो वही सब बताएगी. क्या हुआ और कैसे हुआ. डॉक्टर भी कुछ नहीं बता रहे हैं अभी."
परिवार में विशाल की मां, चार बहनें और दो भाई हैं. पिता की मृत्यु हो चुकी है. परिवार के पास 10-12 बिस्वा जमीन है. जिससे घर का खर्चा चलता है. विशाल को उम्मीद है कि बहन आंखें खोलेगी तो हालात साफ होंगे.
इस केस के बारे में हमने क्षेत्रीय विधायक पंकज गुप्ता से भी बात की. उन्होंने हमसे बातचीत में कहा कि मुझे इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. मैं मामले में पूरा अपडेट लेने के बाद आप से बात करूंगा.