पूरे दिन कैसा माहौल था आप के दफ्तर में

देश भर के कार्यकर्ता, मनीष सिसोदिया की फंसी हुई सीट और अंत में अरविंद केजरीवाल का विजयी संबोधन.

WrittenBy:बसंत कुमार
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मंगलवार सुबह मतों की गिनती शुरू होने के साथ ही दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित आम आदमी पार्टी दफ्तर के बाहर आप के कार्यकर्ता और वॉलंटियर जुटने लगे थे. नौ बजते-बजते पार्टी मुख्यालय के बाहर भीड़ हुजूम का शक्ल लेने लगी.

पार्टी ने मुख्यालय के बाहर पल-पल की ख़बर दिखाने के लिए एक बड़ा सा टीवी स्क्रीन लगवाया था. यहां पर कार्यकर्ता बेसब्री से नतीजों पर नज़र रख रहे थे. यहीं पर खड़े आप के एक कार्यकर्ता दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी का ट्वीट अपने साथी को दिखाते हुए कहते हैं, 'मैंने स्क्रीन शॉट लेकर रखा है.' इसके बाद दोनों हंसते हुए पार्टी ऑफिस के अंदर चले गए. ये मनोज तिवारी के उस ट्वीट की बात कर रहे थे जिसमें तिवारी ने दावा किया था- “भाजपा दिल्ली में 48 सीटें जीतेगी. आप मेरा ट्वीट सेव करके रख लेना.”

हम वहां आने जाने वालों से बातचीत कर ही रहे थे कि कहीं से कार्यकर्ताओं की एक टोली ढोल नगाड़े के साथ पहुंच गई. 10:30 बजते बजते दफ्तर के बाहर कार्यकर्ता ढोल-नगाड़े के साथ नाचने लगे. हालांकि अभी तक ज्यादातर सीटों पर सिर्फ दूसरे यी तीसरे चरण की गिनती ही हुई थी. लेकिन रुझान सफ था कि आप के उम्मीदवारों ने बढ़ बना ली है.

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यहां हमारी मुलाकात हरियाणा के सोनीपत से आई सरोज बाला से हुई. 45 वर्षीय सरोज हरियाणा विधानसभा चुनाव में सोनीपत के गहन्नौर से आप की उम्मीदवार थीं. सरोज अपने पति देवेंद्र सिंह और दो बच्चों के साथ 20 जनवरी से रोजाना दिल्ली प्रचार करने के लिए आ रही थीं.

सरोज ने बताया, "मैं रोजाना अपना पैसा खर्च करके प्रचार करने के लिए दिल्ली आ रही थी. मैं और मेरे पति गली-गली जाकर आप का प्रचार कर रहे थे क्योंकि केजरीवालजी की सोच से ही देश बेहतर कर पाएगा. मैंने नरेला, रिठाला, बाबरपुर और बवाना में प्रचार किया. पार्टी जीत रही है यह देखकर खुशी हो रही है. अब तो हरियाणा में भी केजरीवाल होना चाहिए."

सरोजबाला के पति देवेंद्र सिंह कहते हैं, "मेहनत सफल हुई. अब हम रात में खुशी-खुशी घर जा सकते हैं. दिल्लीवालों ने दिल जीत लिया."

अपने परिवार के साथ सरोजबाला

'हिंदुस्तान जीत गया'

दोपहर 12 बजते-बजते आप की सीटों का आंकड़ा पचास तक पहुंच चुका था. कार्यकर्ताओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही थी सड़क से लेकर पार्टी ऑफिस के अंदर तक कार्यकर्ता नाचते-गाते देखे जा रहे थे. एक ही गाना चल रहा था, 'लगे रहो केजरीवाल'.

अचानक से हमें राज्यसभा सांसद संजय सिंह नज़र आए. संजय संसद भवन से सीधे पार्टी कार्यालय पहुंचे थे. संजय दिल्ली चुनाव के प्रभारी भी हैं. पार्टी ऑफिस की छत पर एक अस्थायी मंच बनाया गया था. संजय सिंह ने मीडिया और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा- 'मैं दिल्ली की जनता को दो बात याद दिलाना चाहूंगा. आपके बेटे अरविंद केजरीवाल को आतंकवादी कहा गया था, आतंकवादी. कहा गया था ना? उस दिन बहुत दुख और तकलीफ के साथ केजरीवालजी सामने आए थे और उन्होंने कहा था कि 11 तारीख को हमारा दो करोड़ लोगों का परिवार बता देगा कि उसका बेटा केजरीवाल आतंकवादी नहीं कट्टर देशभक्त है. दूसरी बात कही गई थी कि हिंदुस्तान-पाकिस्तान का मैच हो रहा है. तो आज हिंदुस्तान जीत गया. हिंदुस्तान जीत गया."

इसके बाद संजय सिंह कार्यकर्ताओं के साथ इंकलाबी गीत 'रुकेगा ना झुकेगा ना जो, हम वो इंक़लाब है, हर जुल्म का जवाब है' गाने लगे. जीत की इबारत स्पष्ट होने के साथ ही पार्टी ऑफिस में लड्डू बंटने शुरू हो गए.

कुछ देर की उदासी

दोपहर के इस वक्त में जब कार्यकर्ता खुशी और नाच-गाने में मशगूल थे, तभी वहां दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भी पहुंचे थे. उनके साथ उनकी पत्नी, बेटी और बेटा भी था. वे पार्टी कार्यालय के अंदर बैठे टीवी और फोन के जरिए लगातार अपडेट ले रहे थे. जाहिर है कुछ ऐसी चीज थी जो उन्हें चिंता में डाले हुए थी.

जश्न के माहौल में कुछ लोगों के चेहरे पर फैली चिंता की लकीरें पटपड़गंज सीट पर चल रही कड़ी मशक्कत के चलते थी. पार्टी में नम्बर दो और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बीजेपी के रवि नेगी से पीछे चल रहे थे. यह स्थति सुबह से ही बनी हुई थी. लोगों को इस बात का डर था कि कहीं जीत के इस जश्न में मनीष सिसोदिया हार न जाएं. टीवी स्क्रीन पर जब भी सिसोदिया को लेकर ख़बर आ रही थी कार्यकर्ताओं के चेहरे से रंगत उड़ जा रही थे. बेसब्री का आलम ये था कि पार्टी ऑफिस के बाहर रेहड़ी लगाए बलदेव सिंह ने बोल दिया, “जिसके काम पर पूरा चुनाव लड़ा गया उन्हें ही हरा रहे हैं दिल्लीवाले. यह तो ग़लत हुआ.”

तभी अपने समर्थकों के साथ राघव चड्ढा ने पार्टी कार्यालय में प्रवेश किया. चड्ढा राजेन्द्र नगर सीट से जीत दर्ज करने के बाद पार्टी ऑफिस पहुंचे थे. कार्यकर्ता उन्हें मुख्य द्वार से पार्टी के लॉन के अंदर कंधे पर लिए घुमाते रहे. राघव भारत माता की जय के नारे लगाते हुए घूमते रहे.

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कार्यालय में चक्कर लगाने के बाद राघव छत पर बने मंच पर पहुंच गए. उन्होंने कहा, "दिल्ली की आदरणीय जनता ने यह साबित कर दिया कि केजरीवाल मॉडल ऑफ डेवलपमेन्ट' ही असली राष्ट्रनिर्माण और देशभक्ति का मॉडल है. आज जो जीत हुई वो दिल्ली की जनता की जीत है और केजरीवाल मॉडल ऑफ डेवलपमेन्ट की जीत है. आज दिल्ली की जनता ने एक और चीज सिद्ध कर दी, दिल्ली का बेटा अरविंद केजरीवाल आतंकवादी नहीं, सच्चा देशभक्त है."

पार्टी ऑफिस के अंदर अब चहल पहल तेज हो गई थी. आप के विजेता उम्मीदवार पार्टी ऑफिस पहुंचे लगे थे. उसी वक़्त हमारी मुलाकात शाहीन बाग के रहने वाले 24 वर्षीय साहिब-ए-आलम से हुई. गले में आम आदमी पार्टी का पटका लगाए आलम अमित शाह के बयान 'कमल का बटन ऐसे दबाना कि करंट शाहीन बाग तक जाए' पर कहते हैं, "बटन तो दिल्ली वालों ने बहुत जोर से दबाया लेकिन कमल के बटन पर नहीं झाड़ू पर. झटका शाहीनबाग वालों को नहीं बीजेपी वालों को लगा है.”

साहिबे आलम कहते हैं, “बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं था. वो लोग बांटने की कोशिश कर रहे थे. देश तोड़ने की राजनीति नहीं चली.”

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इसी बीच पार्टी ऑफिस में तेज नारेबाजी होने लगी. चारो तरफ कोलाहल मच गया. ख़बर आई कि मनीष सिसोदिया चुनाव जीत गए हैं. मनीष की जीत की ख़बर सुनते ही पहाड़गंज के रहने वाले आप कार्यकर्ता कमल ने कहा, “मेरी तो जान अटकी हुई थी. सिसोदियाजी की जीत की ख़बर देखकर जान में जान आई है.”

सिसोदिया की जीत की खबर आते ही मानो बची-खुची कसर पूरी हो गई. पार्टी ऑफिस में जश्न शोर दोगुना हो गया. पटियाला से अपने साथियों के साथ 15 जनवरी को आप के प्रचार के किए आए बलविंदर झाड़ुआ ने बताया, "यह जीत केजरीवाल और दिल्ली के लोगों की जीत है. हम लोग यहां राघव चढ्ढा के प्रचार के लिए पंजाब से आए थे. उनकी जीत तो तय थी हम मेहनत कर रहे थे कि जीत का अंतर ज़्यादा हो. अब वो जीत गए है."

आप पंजाब में भी अपनी राजनीति का विस्तार कर रही है, लेकिन वहां पार्टी के अंदर काफी कलह सामने आई. इसको लेकर बलविंदर कहते हैं, "इस जीत से पंजाब में भी आप मजबूत हुई है. वहां लोग अकाली और कांग्रेस से परेशान हैं. अगली बार वहां आप बहुत बेहतर कर सकती है."

अपने साथियों के साथ बलविंदर

पार्टी ऑफिस की छत पर बने मंच पर नेताओं की आमदरफ्त तेज हो गई थी. सबको उम्मीद थी कि अब अरविंद केजरीवाल भाषण देंगे, क्योंकि मनीष सिसोदिया और आतिशी के नतीजे भी आ चुके थे और दोनों ही थोड़ा गिरते-पड़ते अपना चुनाव जीत चुके थे. मंच पर केजरीवाल अपनी पत्नी, गोपाल राय, राघव चड्ढा और संजय सिंह के साथ पहुंचे और इंतजार खत्म हुआ.

'आई लव यू दिल्ली'

आम आदमी पार्टी का लॉन आप कार्यकर्ताओं से भर चुका था. खड़े होने की जगह नहीं थी लेकिन 'लगे रहो केजरीवाल' गीत पर कार्यकर्ता डांस कर रहे थे. गाना बन्द हो गया.

केजरीवाल के साथ उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल, दोनों बच्चे, संजय सिंह, राघव चढ्ढा और गोपाल राय मौजूद थे.

बोलने से पहले केजरीवाल कुछ सेकेंड तक मुस्कराते हुए कार्यकर्ताओं को देखते रहे, फिर बोले- 'दिल्ली वालों आपने तो गजब कर दिया. आई लव यू.'

इतना कहने के बाद केजरीवल ने आसमान में फ्लाइंग किस उछाल दिया. आप कार्यकर्ता जश्न में उछलने लगे.

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इसके बाद केजरीवल ने अपना संक्षिप्त भाषण शुरू किया. उन्होंने कहा, "मैं सभी दिल्लीवासियों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने तीसरी बार अपने बेटे पर भरोसा किया. ये जीत मेरी जीत नहीं, ये सभी दिल्लीवासियों की जीत है. ये दिल्ली के हर उस परिवार की जीत है जिसने मुझे अपना बेटा मानकर हमें जबरदस्त समर्थन दिया."

केजरीवाल ने आगे कहा, "दिल्ली के लोगों ने आज देश में एक नई तरह की राजनीति को जन्म दिया है. जिसका नाम है 'काम की राजनीति'. दिल्ली के लोगों ने अब सन्देश दे दिया कि वोट उसी को जो स्कूल बनवायेगा. वोट उसी को जो मुहल्ला क्लीनिक बनवायेगा, वोट उसी को जो 24 घण्टे बिजली देगा, वोट उसी को जो सस्ती बिजली देगा. यह एक नई किस्म की राजनीति है. यह देश के लिए बहुत शुभ चीज है. यही राजनीति हमारे देश को 21वीं सदी में ले जा सकती है."

इसके बाद केजरीवाल उस मुद्दे पर आ गए जो चुनाव प्रचार के अंत में मुद्दा बन गया था. उन्होंने बोला आज मंगलवार है, इस पर जनता काफी जोर से हंसी.

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केजरीवाल आगे कहते हैं, "मंगलवार हनुमानजी का दिन है. हनुमानजी ने आज अपनी दिल्ली पर कृपा बरसाई है. हनुमानजी का बहुत-बहुत धन्यवाद. प्रभु का बहुत-बहुत धन्यवाद."

केजरीवाल ने अपना भाषण खत्म किया इसी बीच मनीष सिसोदिया पार्टी दफ्तर पहुंच गए. यहां से केजरीवाल अपने सभी साथियों के साथ कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में दर्शन के लि निकल पड़े.

शाम हो चुकी थी. ज्यादातर कार्यकर्ता इसके बाद अपने-अपने घरों को लौटने लगे. सारे खुश थे, उनकी पार्टी ने तीसरी बार दिल्ली में जीत दर्ज की थी. वहां से लौटते हुए कांग्रेस के दिल्ली कार्यालय के सामने हमारी मुलाकात आप कार्यकर्ता गौरव पराशर से हुई. कांग्रेस ऑफिस की तरफ देखते हुए वो हंसकर कहते हैं, "शुक्रिया कांग्रेस. दिल्ली में तो अब बस आप ही है."

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शाम तक आए नतीजों के अनुसार आप को 62 सीटें मिली हैं. 2015 में आप 67 सीटों पर जीती थी. उसे 5 सीट का नुकसान हुआ है. वहीं भारतीय जनता पार्टी जिसे 2015 में 3 सीटें मिली थी वो अब बढ़कर आठ हो गई है. कांग्रेस 2015 में भी जीरो थी और इस बार भी उसे जीरो सीटें ही मिली है.

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