द शूद्र की पत्रकार मीना कोटवाल के साथ पीएम मोदी की रैली में की गई अभद्रता

रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास, जातिवाद, पलायन, गरीबी, महिलाओं की बदहाली पर बात करने पर भीड़ ने किया गलत बर्ताव.

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पीएम मोदी की मोतिहारी में रविवार को हुई रैली मेंद शूद्र की पत्रकार मीना कोटवाल के साथ अभद्रता की गई. इस दौरान वहां मौजूद भीड़ ने उनके साथ धक्का-मुक्की की और अपशब्द भी कहे.

न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए मीना कहती है कि जब पीएम मोदी की रैली चल रही थी, तब उन्होंने मीडिया गैलरी में ना जाने के बजाय रैली के आखिरी में जाकर कुछ लोगों से बात करने की कोशिश की. इस दौरान उन्होंने लोगों से उनकी समस्याओं को लेकर बात की लेकिन इस बीच में कुछ लोग मोदी-मोदी का नारा लगाने लगे. जब यह लोग मुझे घेरकर मोदी-मोदी का नारा लगा रहे थे उस समय स्टेज पर पीएम मोदी का भाषण चल रहा था. इस दौरान कुछ लोग द शूद्र का नाम देखकर भी अपशब्द बोलने लगे और हम पर एक तरफ के लोगों से बात करने का आरोप लगाने लगे.

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मीना आगे कहती हैं जब लोगों ने हमें घेर लिया और नारेबाज़ी करने लगे तब मैं और मेरे कैमरामैन वहां से निकल कर बाहर जाने लगे, लेकिन भीड़ फिर भी हमारा पीछा कर रही थी. इस दौरान एक युवक ने हमारे पास आकर कहा, आप के साथ जो यह लोग कर रहे हैं वह गलत है. इसी दौरान वह युवक कहता है कि मेरे पास रोजगार नहीं है आप मुझे अपने प्लेटफॉर्म पर बोलने का मौका दीजिए.

आगे बताती हैं कि वह युवा अपनी बदहाली और बेरोजगारी पर बात करने के दौरान ही पीएम मोदी के लिए अपशब्दों का उपयोग करता है. जिस पर मीना कहती हैं कि मैंने उसे डांटते हुए कहा कि ऐसी भाषा की कोई जगह नहीं है यहां. इस पर युवक ने माफी मांग ली, लेकिन वहीं मौजूद एक बुजुर्ग ने युवक के अपशब्द के लिए थप्पड़ मार दिया, उसके बाद वहां भीड़ ने आकर उसकी पिटाई शुरू कर दी. इस दौरान हमने उस युवक को भीड़ से बचाया.

वहां मौजूद लोग फिर मेरी तरफ आए और धक्का-मुक्की करने लगे, अनाप-शनाप बोलने लगे और द शूद्र को दलाल मीडिया कहने लगे. इस दौरान मैं डर गई और लिंचिंग की जो खबरें और लेख मैंने लिखे हैं वो सारे दृश्य अचानक मेरी नजरों के सामने आने लगे.

इसके बाद मीना पुलिस या फोर्स को देख रही थीं, तभी सौ मीटर चलने पर उन्हें कुछ पुलिसकर्मी दिखे. उन सुरक्षाकर्मियों से मीना कहती है कि “मैं मीडियाकर्मी हूं, मुझे ये लोग डरा रहे हैं, आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं.” जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने उन्हें रैली स्थल से मुख्य सड़क तक छोड़ा.

इस घटना पर द शूद्र ने भी निंदा की है. द शूद्र के फाउंडिंग एडिटर सुमित चौहान लिखते हैं, मीना और उनकी टीम के साथ हुए इस जानलेवा हमले की हम निंदा करते है साथ ही हम (द शूद्र) लगातार निडरता से आम्बेडकरवादी पत्रकारिता करते रहेगे.

पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के सवाल पर मीना कहती हैं, अभी तक हमने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है लेकिन आज घटना को लेकर हम अपना बयान जारी करेंगे.

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