हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्ते भर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय लोकसभा चुनाव के दौरान नेताओं की नफरती बयानबाजी, एबीसी न्यूज़ की ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार अवनी डायस का भारत सरकार पर उनके वर्क वीजा को आगे न बढ़ाए जाने का आरोप लगाते हुए देश छोड़ना और सूरत में लोकसभा चुनाव से पहले ही भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत आदि रहे.
हफ्ते की अन्य सुर्खियों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर बोला राजनीतिक हमला, मणिपुर में पहले चरण में हिंसा के बाद 11 बूथों पर दोबारा हुआ मतदान, सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद पतंजलि आयुर्वेद ने अखबार में छपवाया माफीनामा, सेरेलैक में चीनी की मात्रा की रिपोर्ट के बाद केंद्र ने एफएसएसएआई को नेस्ले के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने को कहा और एमडीएच और एवरेस्ट मसालों के बैन के मामले में भारत ने सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग के फूड रेगुलेटर्स से मांगी जानकारी आदि ख़बरें शामिल रहीं.
इसके अलावा बंगाल सरकार ने राज्य के स्कूल सेवा आयोग द्वारा सरकारी स्कूलों में की गई 25 हजार शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करने के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का किया रुख, कर्नाटक के पूर्व डिप्टी सीएम केएस ईश्वरप्पा 6 साल के लिए भाजपा से निष्कासित, पूर्व राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, मिथुन चक्रवर्ती, उषा उथुप और राम नाइक को पद्म पुरस्कार और गहलोत सरकार में ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर लगाए फोन टैपिंग कराने के गंभीर आरोप आदि सुर्खियों ने भी हफ्तेभर तक लोगों का ध्यान खींचा.
इस हफ्ते चर्चा में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की पूर्व अध्यक्ष एवं द सिटीजन की मुख्य संपादक सीमा मुस्तफा शामिल हुईं. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से रमन किरपाल, हृदयेश जोशी और स्तंभकार आनंद वर्धन ने हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा की शुरुआत में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के बाद नेताओं की बयानबाजी को लेकर अतुल सवाल करते हैं, “राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री मोदी का बयान सिर्फ हेट स्पीच का मसला है या फिर एक सोची समझी राजनीतिक रणनीति है?”
इसके जवाब में सीमा मुस्तफा कहती हैं, “ये शुरू से ही एक सोची समझी राजनीतिक रणनीति है. ध्रुवीकरण की विचारधारा, फूट डालो और शासन करो एवं स्थिति को सांप्रदायिक रंग देने के प्रयासों को हम दस साल से देख रहे हैं. निर्वाचन क्षेत्रों से संकेत आ रहे हैं कि भाजपा के लिए स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए प्रधानमंत्री ने ज्यादा खुलकर बात की है. बात सिर्फ चुनाव की नहीं है लेकिन जब आप चुनाव जीतने के लिए ऐसे तरीके अपनाते हैं तो इससे देश को बहुत नुकसान होता है. साथ ही असुरक्षा बढ़ती है, वो भी सिर्फ एक समुदाय के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए.”
सुनिए पूरी चर्चा-
टाइम कोड्स
00 - 02:14 - इंट्रो और जरूरी सूचना
02:15 - 09:47 - सुर्खियां
09:48 - 58:41 - प्रधानमंत्री का राजस्थान के बांसवाड़ा में दिया गया बयान
58:42 - 1:06:56 - सब्सक्राइबर्स के मेल
1:06:57 - 1:08:39 - अपील
1:08:40 - 1:22:04 - ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार ने वर्क वीजा की अवधि आगे न बढ़ाए जाने का आरोप लगाते हुए भारत छोड़ा
1:22:05 - 1:29:27 - सलाह और सुझाव
पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए
सीमा मुस्तफा
फिल्म- एनाटोमी ऑफ ए फॉल
आनंद वर्धन
किताबें- ग्लोबलाइजेशन एंड इट्स डिस्कंटेंट्स
हृदयेश जोशी
किताब- द प्राइस ऑफ इनईक्वैलिटी
रमन किरपाल
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न्यूज़लॉन्ड्री का नया शो- मैंडेट 2024
एप्पल टीवी पर सीरीज- द न्यू लुक
अतुल चौरसिया
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एबीसी पर पॉडकास्ट सीरीज- लुकिंग फॉर मोदी
ट्रांसक्रिप्शन: सत्येंद्र कुमार चौधुरी
प्रोड्यूसर: आशीष आनंद
एडिटिंग: उमराव सिंह
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