इस निगरानी के दौरान किरण बेदी और उसकी टीम को स्विस डिप्लोमैट रेप केस से जुड़ी अहम जानकारी हाथ लगी लेकिन यह केस की जांच टीम तक कभी नहीं पहुंची.
दुनिया के लिए एक प्रेरणादायक आईपीएसऑफिसर लेकिन बेटी के लिए खुद को एक ‘चिंतित मां’ बताने वाली किरण बेदी ने बतौर अफसर न केवल पुलिस की शक्तियों का दुरुपयोग किया बल्कि सार्वजनिक संसाधनों को भी निजी लड़ाई के लिए इस्तेमाल किया.
न्यूजलॉन्ड्री और द न्यूज मिनट की खोजी रिपोर्ट बताती है कि कैसे बेदी ने साल 2003 में गलत तरीके से अपनी बेटी साइना बेदी और उसके बाद उसके साथी गोपाल राय सूरी पर 4 महीने तक निगरानी की.
इस दौरान निगरानी में शामिल एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को उस दौरान हुए स्विस डिप्लोमैट रेप केस में एक महत्वपूर्ण सुराग मिला लेकिन इस मामले की जांच करने वाले अधिकारियों का कहना है कि यह सुराग उन तक कभी नहीं पहुंचा.
आज किरण बेदी अपने उठाए कदमों को एक ‘चिंतित मां’ के कदम कहकर जायज ठहराने की कोशिश करती हैं. लेकिन वो इस सबके बीच स्विस डिप्लोमैट रेप केस पर कोई जवाब नहीं देती.