अभिसार शर्मा ने असम पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामले और भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 की संवैधानिकता को चुनौती दी है.
वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा ने असम पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामले और भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 की संवैधानिकता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करेगी.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वतंत्र पत्रकार और यूट्यूबर ने कहा कि उनके वीडियो को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें असम सरकार की सांप्रदायिक राजनीति की आलोचना की गई थी और खनन के लिए एक निजी संस्था को 3,000 बीघा ज़मीन आवंटित करने पर सवाल उठाया गया था.
उन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 (राष्ट्र की संप्रभुता को खतरे में डालना), 196 (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 197 (राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के लिए हानिकारक आरोप) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
न्यूज़लॉन्ड्री ने हाल ही में उस शिकायतकर्ता के बारे में भी रिपोर्ट किया था. जिसकी शिकायत के कुछ ही दिनों बाद ये एफआईआर दर्ज हुई हैं. शिकायतकर्ता के एबीवीपी (ABVP) से जुड़े होने के संकेत मिले थे.
वहीं, अभिसार के खिलाफ दर्ज किए गए इस मामले की डिजिपब समेत कई संस्थानों ने निंदा की है.
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